इसे विभागीय लापरवाही कहे या आरटीओ आफिसर्स की सुस्ती स्मार्ट कार्ड न होने से डीएल नहीं बन पा रहे हैं. इसका नुकसान सीधे उन लोगो को हो रहा है. जिनको डीएल देख कर ही ड्राइवर की नौकरी दी जाती है. पेंडेंसी बढ़ कर हजारों की संख्या में बढ़ चुकी है. इसके बावजूद आरटीओ आफिसर्स सांत्वना दे रहे है कि दो सप्ताह में पेंडेंसी खत्म कर सब कुछ पटरी पर ला देंगे. अधिकारियों की तो बाते है लेकिन आवेदन करने वाले अप्लीकेंट््स आरटीओ के चक्कर लगा कर परेशान हो चुके हैं. उन्हें सही जवाब तक नहीं मिल रहा है.

कानपुर (ब्यूरो) आरटीओ अधिकारियों के मुताबिक लखनऊ में स्मार्ट ड्राइविंग लाइसेंस प्रिंट न होने की वजह से कानपुर में 15 हजार से अधिक अप्लीकेंट के स्मार्ट डीएल फंसे हुए है। लिहाजा वह आए दिन आफिस के चक्कर काट रहे है। अधिकारियों ने बताया कि तकनीकी प्राब्लम की वजह से स्मार्ट डीएल प्रिंट न होने की वजह से यह समस्या पूरे यूपी में है। समस्या की जानकारी मुख्यालय के अधिकारियों को भी दी जा चुकी है। संभावना जताई जा रही है कि एक-दो सप्ताह के अंदर इस समस्या का समाधान हो जाएगा।


अप्रूव कंपनी से ही लिए जाते कार्ड
आरटीओ सोर्सेस के मुताबिक लखनऊ में स्मार्ट डीएल प्रिंट करने वाले कंपनी के पास लगभग डेढ़ माह से चिप युक्त ब्लैंक स्मार्ट कार्ड खत्म हो चुके है। यह कार्ड कंपनी को शासन के जरिए मुहैया कराए जाते हैं। कार्ड क्योंकि चिप युक्त है। लिहाजा सिक्योरिटी रीजन से शासन भी अप्रूव कंपनी से ही ब्लैंक कार्ड खरीदता है। फिलहाल शासन की तरफ से चिन्हित कंपनी को ब्लैंक कार्ड सप्लाई करने के आदेश दे दिए गए है। फरवरी के सेकेंड वीक तक यह समस्या खत्म होने की उम्मीद है।


केस- 1
शताब्दी नगर पनकी निवासी संतोष ने बताया कि उन्होंने 10 जनवरी को मैनुअल डीएल से स्मार्ट डीएल बनवाने के लिए अप्लाई किया था। सभी प्रोसेस पूरा हो गया था। आरटीओ कार्यालय में अधिकारियों ने 10 दिन में डीएल डाक से घर आने की बात कही थी। 20 दिन हो गया लेकिन डीएल नहीं पहुंचा। आरटीओ कार्यालय के चक्कर काट रहा हूं। जहां से भी कोई सही जवाब नहीं मिल रहा है।

केस-2
कृष्णानगर निवासी खुशबू ने 11 जनवरी को स्कूटी के परमानेंट डीएल के लिए पनकी में टेस्ट पास किया था। एक सप्ताह के अंदर डाक के माध्यम से स्मार्ट डीएल प्रिंट होकर घर आने की जानकारी दी गई थी। ऑनलाइन स्टेटस चेक करने पर आरटीओ कार्यालय से अप्रूव शो कर रहा है। आफिस में अधिकारियों से बात की तो वह जल्दी ही आने की बात कह कर टरका देते हैं।

केस-3
घाटमपुर निवासी महेंद्र ट्रक ड्राइवर है। 10 जनवरी को उन्होनें अपना हैवी वाहन का डीएल रिन्युअल कराया था। वर्तमान में 25 दिन से ऊपर हो गया लेकिन डाक के माध्यम से अभी तक स्मार्ट डीएल उनके घर नहीं पहुंचा है। जिसकी वजह से लगभग एक माह से वह घर बैठे है। ट्रक मालिक डीएल दिखाने के बाद ही ट्रक चलाने को देने की बात कह रहे हैं।

हाईलाइट्स
- कानपुर आरटीओ में डेली 400 से अधिक परमानेंट, रिन्युअल, स्मार्ट डीएल, डुप्लीकेट डीएल के लिए अप्लाई होते हैैं
- लखनऊ में स्मार्ट डीएल प्रिंट में तकनीकी प्राब्लम होने की वजह से डेली 400 से अधिक पेंडेंसी बढ़ती जा रही है।
- वर्तमान में 15 हजार से अधिक पहुंच चुकी है पेंडेंसी। यानी 15 हजार कानपुराइट्स के डीएल फंसे हुए है।

आंकड़े
- 200 से अधिक परमानेंट डीएल डेली अप्लाई होते है
- 80 से अधिक डेली डीएल रिन्युअल के लिए अप्लाई होते है
- 50 के लगभग डेली मैनुअल डीएल से स्मार्ट डीएल बनाने के लिए अप्लाई होते है
- 70 से अधिक डेली डुप्लीकेट डीएल के लिए अप्लाई होते हैं।

कोट
तकनीकी कारणों की वजह से डीएल प्रिंट नहीं हो पा रहे है। कानपुर में वर्तमान में 15 हजार से अधिक लोगों के डीएल प्रिंट होने के लिए पड़े हैैं। संभावना है कि एक-दो सप्ताह में यह प्रॉब्लम खत्म हो जाएगी।
राजेश सिंह, आरटीओ, प्रशासन

Posted By: Inextlive