नेशनल एजूकेशन पॉलिसी में ग्लोबल सिटीजन बनाने पर फोकस है. यहां से पढ़ाई करने के बाद युवा आस्ट्रेलिया अमेरिका न्यूजीलैंड समेत किसी भी देश में काम करने जा सकते हैं. वहां काम कर देश का नाम रोशन कर सकते हैं. यह बात यूजीसी के सदस्य और इंग्लिश एंड फॉरेन यूनिवर्सिटी हैदराबाद के कुलपति प्रो. सुरेश कुमार ने कही. वे गुरुवार को सीएसजेएमयू के स्थापना दिवस पर बतौर मुख्य अतिथि आए हुए थे. उन्होंने कहा कि सीएसजेएमयू को फॉरेन लैग्वेज में किसी भी तरह की जरूरत होगी उसमें पूरा सहयोग किया जाएगा.


कानपुर (ब्यूरो) सीएसजेएमयू के 58वां स्थापना दिवस समारोह में डिजिटलाइजेशन और इनोवेशन के संकल्प को दोहराया । मुख्य अतिथि ने स्टूडेंट्स से कहाकि अपने जीवन में संकल्प लें कि जिस भी क्षेत्र में अध्ययन कर रहे हैं उसमें शीर्ष स्थान प्राप्त करें। इसी यूनिवर्सिटी में शिक्षा ग्रहण करने के बाद आज यहां मुख्य अतिथि बनकर आया हूं। यह अवसर आपके भी जीवन में आए तो आपको सुखद अहसास होगा। डिजिटलाइजेशन का उल्लेखकुलपति प्रो। विनय कुमार पाठक ने यूनिवर्सिटी को आधुनिक विषयों से समृद्ध करने और डिजिटलाइजेशन , नवाचार गतिविधियों का उल्लेख किया। मुख्य वक्ता आईआईटी के प्रो। नचिकेता तिवारी ने हिन्दू, हिन्दुत्व और हिन्दुइज्म पर अपने विचार रखे। इस मौके पर विशिष्ट अतिथि आयुर्वेदाचार्य डा। वंदना पाठक, प्रति कुलपति प्रो। सुधीर कुमार अवस्थी, रजिस्ट्रार डॉ। अनिल कुमार यादव, प्रो। सुधांशु पांड्यिा, प्रो। नीरज सिंह मौजूद रहे। डाक्यूमेंट्री को मिली सराहना


यूनिवर्सिटी के मास कम्युनिकेशन डिपार्टमेंट ने यूनिवर्सिटी की यात्रा को लेकर एक वृत्त चित्र बनाया। डाक्यूमेंट्री के माध्यम से दिखाया कि एक कमरे से शुरू ज्ञान गंगा यात्रा कैसे अत्याधुनिक विषयों के अध्ययन-अध्यापन का केंद्र बनी। किस तरह डिजिटलाइजेशन को अपनाया गया। इसकी काफी सराहना हुई। डीएवी छोड़ क्राइस्ट चर्च पहुंचे

मुख्य अतिथि प्रो। सुरेश कुमार ने बताया कि वह यहां एमएससी की पढ़ाई करने के लिए डीएवी कालेज पहुंचे थे। हास्टल में रहने वाले पड़ोसी छात्र के पास तमंचा देखकर उन्हें लगा कि यहां पढऩा मुश्किल है। वह क्राइस्ट चर्च कालेज पहुंचे लेकिन वहां अंग्रेजी भाषा में प्रवेश मिला और भाषाविद् बन गए।

Posted By: Inextlive