सरैया लालपुर में बलवंत ङ्क्षसह के घर सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव पहुंचे. उन्होंने बीजेपी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सूबे में पुलिस का निरंकुश राज चल रहा. पुलिस हिरासत में लोगों की जान ली जा रही है और इस मामले में प्रदेश नंबर एक बन गया है. इस बीजेपी सरकार में हिरासत में मौत का आंकड़ा बढ़ता जा रहा क्योंकि नीयत साफ नहीं है. चरम सीमा पर लूट व भ्रष्टाचार चल रहा है. सरकार से मांग करते हुए कहा कि परिवार को एक करोड़ रुपये की मदद के साथ बलवंत की पत्नी शालिनी ङ्क्षसह को सरकारी नौकरी दी जाए. उन्होंने पार्टी की तरफ से पांच लाख रुपये मदद का आश्वासन दिया.


कानपुर(ब्यूरो) अखिलेश यादव पहुंचे और बलवंत ङ्क्षसह के चित्र पर पुष्प चढ़ा कर श्रद्धांजलि दी। इसके बाद परिवार से उनकी बंद कमरे में मुलाकात हुई। उन्होंने कहा कि सबसे अधिक हिरासत में मौत बीजेपी सरकार में हुई। सदन में बलवंत ङ्क्षसह की मौत का मुद्दा सपा उठाएगी। मुख्यमंत्री को इस ओर ध्यान देना होगा। परिवार ने बताया कि रनियां थाना में हाथ बांध कर बलवंत की पिटाई की जा रही थी व जब वह लोग गए तो उनको गुमराह कर शिवली थाने भेज दिया गया। इस बीच बलवंत की मौत हो गई तो शव लेकर जिला अस्पताल पहुंच गए। डाक्टर के साथ इलाज करने की साजिश की गई जबकि मौत पहले हो गई थी। इनके साथ ऐसा हुआ बाकी किसी परिवार संग ऐसा न हो। पुलिस और सरकार की जिम्मेदारी है कि सभी की रक्षा हो। पुलिस जनता की सुरक्षा के लिए है। पुलिस हिरासत में मौत की घटना में उत्तर प्रदेश नंबर एक पर पहुंच गया है। कुछ कार्रवाई हुई पर इससे संतुष्ट नहीं होना है, आखिर इस षडय़ंत्र के पीछे कौन है जो कुछ देर के लिए बलवंत को लेकर थाने गए और लाश बना दिया।

गोंडा व झांसी का मामला उठाया


अखिलेश यादव ने कहा कि सरकार की मंशा साफ नहीं है इसलिए पुलिस हिरासत में मौत का सिलसिला नहीं रूक रहा। ये पहला मामला नहीं है। इससे पहले गोंडा में पुलिस हिरासत में युवक की पिटाई से मौत हुई। वहां परिजनों ने बताया कि बाहर थाने में वे मौजूद थे और अंदर युवक को पीटा जा रहा था। बाद में उसकी चीखें थम गई तो पुलिस वाले शव लेकर अस्पताल पहुंचे। झांसी में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। जौनपुर, बहराइच व कन्नौज में भी मौत हुई। सरकार की नीयत साफ होगी तभी इस पर रोकथाम हो सकेगी।मामले की सीबीआई से हो जांच

वार्ता के दौरान परिवार ने अखिलेश यादव को एक मांगपत्र भी सौंपा। इसमें सरकारी नौकरी बलवंत ङ्क्षसह की पत्नी शालिनी को दी जाए। इसके अलावा सीबीआई से जांच हो व परिवार व बच्चों की परवरिश के लिए एक करोड़ का मुआवजा दिया जाए। इसके अलावा जो आरोपी हैं उन पर कठोर कार्रवाई हो। मांगपत्र के बाद अखिलेश यादव ने इन बातों को दोहराया व सीबीआई या किसी सीङ्क्षटग जज से जांच कराने की बात कही। आंगनबाड़ी की नौकरी दी जा रही यह सही नहीं है जबकि पहले के मामलों में सरकारी नौकरी दी गई है ऐसा भेदभाव नहीं होना चाहिए। केवल बीजेपी नेता यहां आकर मदद का आश्वासन दे ऐसा नहीं होना चाहिए मुख्यमंत्री को चाहिए कि वह मदद करें।

Posted By: Inextlive