- दैनिक जागरण आईनेक्टस कानपुर कालिंग वेबिनार में जिम्मेदारों ने दिए सवालों के जवाब, वैक्सीनेशन से जुड़ी उलझने सुलझाईं

KANPUR: सिटी में कोविड वैक्सीनेशन की रफ्तार कभी सुस्त तो कभी रफ्तार पकड़ लेती है। कभी वैक्सीन की किल्लत होती है, तो कभी वैक्सीनेशन सेंटरों पर भीड़ और अराजकता की वजह से लोगों को बिना वैक्सीन लगवाए ही लौटना पड़ता है। इसके अलावा कौन सी वैक्सीन लगवाएं। वैक्सीन की दोनों डोज में कितना अंतर होना चाहिए। नए वैरियेंट पर कौन सी वैक्सीन कारगर है। दैनिक जागरण आईनेक्स्ट के रीडर्स के इन सभी प्रॉब्लम्स से जुड़े सवालों के कानपुर कालिंग वेबिनार में एडी हेल्थ डॉ। जीके मिश्र, पूर्व आईएमए अध्यक्ष डॉ। प्रवीन कटियार और मेडिकल कॉलेज के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ। एसके गौतम ने जवाब दिए।

पहले किसे लगे वैक्सीन

वैक्सीनेशन सेंटरों पर ऑनलाइन ऑफलाइन वैक्सीन में किसे प्राथमिकता दी जाए। इस सवाल पर डॉ। जीके मिश्र ने बताया कि ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन और ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन कराने को लेकर अर्बन और रूरल एरिया में एक अनुपात तय है। अर्बन एरिया के किसी वैक्सीनेशन सेंटर पर 60 परसेंट डोज ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराने वालों को लगाने का नियम है। जबकि 40 परसेंट ऑनस्पॉट रजिस्ट्रेशन के आधार पर लगते हैं। यह भी फ‌र्स्ट कम फ‌र्स्ट रजिस्ट्रेशन के बेसिस पर होता है। ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराने वालों को उनके स्लॉट के मुताबिक प्राथमिकता के आधार पर वैक्सीन लगाने के निर्देश सभी सेंटरों पर हैं।

सेंटरों पर भीड़ है

वैक्सीनेशन सेंटरों पर लगातार वैक्सीन लगवाने के लिए उमड़ रही भीड़ को लेकर एक रीडर के सवाल पर एडी हेल्थ डॉ.जीके मिश्र ने कहा कि सीवीसी में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो, इसके लिए पुलिस से मदद मांगी है कि वहां पर पुलिसकर्मी तैनात कराएं। ऑनस्पॉट रजिस्ट्रेशन भी शुरुआत में सीमित संख्या में ही होता है। उन्हें टोकन दे दिए जाते हैं इसलिए जिनका रजिस्ट्रेशन नहीं हुआ उन्हें बेवजह भीड़ लगाने की जरूरत नहीं है।

कोवैक्सीन इतनी कम क्यों लग रही

सिटी के वैक्सीनेशन सेंटरों पर कोवैक्सीन की कमी को लेकर पूछे गए प्रश्न पर डॉ। मिश्र का कहना है कि यह वैक्सीन कम ही आती है, क्योंकि इसकी सेकेंड डोज 28 दिन में ही लगती है। इसके लिए वैक्सीन आती है तो उसकी आधी डोज पहले ही प्रिजर्व कर ली जाती है। जिसका इस्तेमाल सेकेंड डोज लगवाने में होता है। कानपुर में अभी तक एक लाख के करीब कोवैक्सीन की डोज लगी है।

जरूरी नहीं एंटीबॉडी की जांच

वैक्सीन लगवाने के बाद एंटीबॉडी की जांच जरूरी है या नहीं इसे लेकर पूछे गए सवाल पर डॉ। एसके गौतम ने जानकारी दी कि यह जरूरी नहीं है। सिर्फ दोनों डोज समय पर लगवाएं। दो चार दिन की देरी में कोई प्रॉब्लम नहीं है। अलग अलग वैक्सीन की अलग अलग एफीकेसी है। इतना जरूर है यह नए वैरियेंट पर भी कारगर हैं। अगर वैक्सीन लगवाने के बाद इंफेक्शन होता भी है तो वह बेहद माइल्ड होगा, इसलिए अगली वेव से बचने के लिए वैक्सीन जरूर लगवाएं।

वर्जन-

कई सेंटरों पर लोग सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं कर रहे हैं। अर्बन और रूरल एरिया में ऑनलाइन आफलाइन रजिस्ट्रेशन के बाद वैक्सीन लगाने का एक निश्चित अनुपात है। उसी के तहत वैक्सीन लगानी चाहिए। आनस्पॉट पर फ‌र्स्ट कम फ‌र्स्ट रजिस्ट्रेशन के आधार पर वैक्सीन लगेगी।

-डॉ.जीके मिश्र,एडिशनल डायरेक्टर हेल्थ,कानपुर मंडल

कई बार ऑनलाइन स्लॉट बुक करने वाले सेंटर वैक्सीन लगवाने नहीं आते। वैक्सीन लगवाने में कोई जल्दबाजी न करें, लेकिन दोनों डोज जरूर लगवाए। फिर वह चाहें बुजुर्ग हो या फिर यंगस्टर्स।

- डॉ। प्रवीन कटियार, पूर्व आईएमए अध्यक्ष

वैक्सीन की दोनों डोज लगवाने के बाद जरूरी नहीं कि एंटीबॉडी टेस्ट कराएं। वैक्सीन के नए वैरीयेंट से बचाव के अपडेट आ रहे हैं। वैक्सीन लगवाने के बाद माइल्ड इंफेक्शन का खतरा हो सकता है,लेकिन पेशेंट गंभीर नहीं होगा।

- डॉ। एसके गौतम, एसोसिएट प्रोफेसर, मेडिसिन डिपार्टमेंट,जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज

रीडर्स के सवाल-

जिस सेंटर में फ‌र्स्ट डोज लगी हो तो क्या सेकेंड डोज भी उसी सेंटर में लगेगी?

- सोमेंद्र अग्निहोत्री

लोगों में अभी भी वैक्सीनेशन को लेकर कई भ्रांतियां है। इसे मिटाने के लिए क्या किया जा रहा है?

- विकास वर्मा

दो बार स्लॉट बुक कर वैक्सीन लगवाने गए ,लेकिन भीड़ की वजह से वैक्सीन खत्म हो गई। स्लॉट बुक करने वालों को प्राथमिकता खत्म हो गई है?

- ओम प्रकाश

क्या अब यंगस्टर्स को वैक्सीन लगाने का कोटा कम कर दिया गया है?

- राहुल पांडेय

कोवैक्सीन की डोज इतनी कम क्यों लग रही है? यह वैक्सीन दोबारा आएगी?

- रेहान अहमद

क्या कोविशील्ड वैक्सीन लगवाने के बाद कोई दूसरी वैक्सीन नहीं लगवाई जा सकती?

- नेहा वर्मा

प्राइवेट हॉस्पिटलों को वैक्सीन क्यों नहीं मिल रही? जो सक्षम है वह पैसे देकर ज्यादा आराम से वैक्सीन लगवा सकते हैं?

- रिचा मल्होत्रा

Posted By: Inextlive