8 पुलिसकर्मियों के कत्ल केआरोपी कुख्यात विकास दुबे का वारदात के 60 घंटे बाद भी सुराग नहीं 60 टीमें लगाई गई नेपाल बार्डर से लेकर राजस्थान और मध्य प्रदेश बार्डर पर भी बढ़ी सतर्कता

KANPUR: चौबेपुर में 8 पुलिस कर्मियों की हत्या का मुख्य आरोपी हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे का वारदात के 60 घंटे बाद भी कोई अता पता नहीं है। उसकी तलाश में प्रदेश भर में 60 से ज्यादा पुलिस टीमों को लगाया गया है। विकास के बीहड़ और नेपाल की तरफ जाने की आशंका पर नेपाल बार्डर पर गश्त और चेकिंग को पुलिस ने बढ़ाया है। साथ ही एमपी और राजस्थान बार्डर पर सिक्योरिटी बढ़ाने के साथ वहां की पुलिस से भी संपर्क किया गया है। पुलिस सूत्रों की मानें तो विकास की लास्ट लोकेशन औरेया के करीब मिली है। औरेया में ही संडे सुबह एक संदिग्ध कार भी मिली जोकि विकास के परिचित की बताई जा रही है।

शूटर के घर मिला शराब का जखीरा

पुलिस एनकाउंर में ढेर हुए विकास के शूटर अतुल दुबे के घर में पुलिस ने संडे को चेकिंग की। इस दौरान घर के एक अंधेरे कमरे में बड़ी संख्या में महंगी शराब की बोतले मिली हैं। यह भी आशंका जताई जा रही है कि हमले से पहले अतुल ने सभी को शराब पिलाई होगी।

पकड़ने को लगीं 60 टीमें

हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे को पकड़ने के लिए पुलिस और एसटीएफ की 60 के करीब टीमों को कानपुर समेत पूरे यूपी में लगाया गया है। इन टीमों में कुल 900 पुलिस कर्मी और अफसर उसकी तलाश में लगे हैं। इसमें रेंज स्तर पर 40 टीमें सक्रिय है। वहीं मुख्यालय की ओर से एसटीएफ और पुलिस अधिकारियों की 20 टीमें भी लगाई गई हैं।

------------

60 टीमें कानपुर समेत पूरे यूपी में कर रहीं तलाश

40 के करीब पुलिस टीमें रेंज स्तर पर लगाई गई

20 टीमें एसटीएफ और पुलस अधिकारियों की भीं

900 पुलिसकर्मी और अफसर टीमों में शामिल

86 से ज्यादा मुकदमे विकास के खिलाफ दर्ज हैं

26 मामले शिवली और 60 चौबेपुर थाने में दर्ज

1 हत्या के मामले में हुई है विकास को सजा

अब लखनऊ के घर पर नजर

संडे को एलडीए के अधिकारियों की एक टीम लखनऊ के कृष्णा नगर में स्थित विकास दुबे के घर की नपाई करने पहुंची। संभावना जताई जा रही है कि जिस तरह से पुलिस ने चौबेपुर में उसके घर को जमींदोज कर दिया। उसी तरह लखनऊ के इस घर को भी न तोड़ दिया जाए। हांलाकि अभी यह साफ नहीं है कि नपाई क्यों की गई।

-----------

खुलेगी पुराने मुकदमों की फाइलें

हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे के खिलाफ चौबेपुर थाने में 60 मुकदमे दर्ज थे। जबकि 26 मुकदमे शिवली थाने में भी दर्ज थे। इन मुकदमों में क्या कार्यवाई हुई। अगर विकास उनमें से कुछ में बरी हुआ तो ऐसा क्यों हुआ। इन सब की पड़ताल शुरू हो गई है। इन सभी मुकदमों की फाइलें दोबारा खुलेंगी। इसकी पुष्टि खुद एडीजी जोन जय नारायण सिंह ने की। दर्जा प्राप्त मंत्री संतोष शुक्ला हत्याकांड की फाइल भी नए सिरे से खोली जाएगी। कानपुर देहात के एसपी अनुराग वत्स ने भी शिवली थाने में इस बाबत जांच की। पता चला कि 26 में से सिर्फ हत्या के एक मामले में सजा हुई थी। एसपी ने शिवली थाने में दर्ज सभी पुराने मामलों का ब्योरा मांगा है।

Posted By: Inextlive