बिग बी के दर्द की पोयम
अमिताभ की कविता मां बहुत दर्द सह कर, बहुत दर्द देकरतुझसे कुछ कह कर मैं जा रही हूंआज मेरी विदाई में जब सखियां मिलने आएंगीसफेद जोड़े में लिपटी देख सिसक सिसक मर जाएंगीलडक़ी होने का खुद पे फिर वो अफसोस जताएंगीमां तू उनसे इतना कह देना दरिंदों की दुनिया में संभल कर रहनामा राखी पर जब भइया की कलाई सूनी रह जाएगीयाद मुझे कर जब उनकी आंख भर आएगीतिलक माथे पर करने को मां रूह मेरी भी मचल जाएगीमां तू भइया को रोने न देनामैं साथ हूं हर पल उनसे कह देनामां पापा भी छुप-छुप बहुत रोएंगेमैं कुछ न कर पाया ये कह के खुद को कोसेंगेमां दर्द उन्हें ये होने न देनाइल्जाम कोई लेने न देनावो अभिमान हैं मेरा सम्मान हैं मेरातू उनसे इतना कह देना
मां तेरे लिए अब क्या कहूं
दर्द को तेरे शब्दों में कैसे बांधूंफिर से जीने का मौका कैसे मांगूंमां लोग तुझे सताएंगेमुझे आजादी देने का तुझ पे इल्जाम लगाएंगेमां सब सह लेना पर ये न कहना‘‘अगले जनम मोहे बिटिया न देना’’ -अमिताभ बच्चन