कमिश्नरेट और आउटर में बीते 9 महीनों में लगातार दर्ज किए जा रहे मामलों और पेंडेंसी बढऩे की वजह से शासन से इन मामलों को जल्द ही समाप्त करने के आदेश दिए हैैं. जिसके बाद से गुणवत्तापूर्ण पेंडेंसी खत्म करने के निर्देश दिए गए. इसके लिए पांच साल से कम सेवा अवधि के उप निरीक्षकों को इनवेस्टिगेशन करने का तरीका बताया गया. उन्हें विवेचना संबंधी तौर तरीकों कानूनी मुद्दों एवं केस डायरी लेखन से संबंधित प्रशिक्षण दिया गया. संडे को हुई एक दिवसीय कार्यशाला में 50 सब-इंस्पेक्टर्स को ट्रेनिंग दी गई.


कानपुर (ब्यूरो) कार्यशाला का उद्घाटन एडीसीपी लाइन बसंतलाल ने किया। अभियोजन अधिकारी बृजेश कुमार आर्य, सहायक अभियोजन अधिकारी दीपेंद्र ङ्क्षसह ङ्क्षसगर के साथ-साथ, अतिरिक्त निरीक्षक प्रभारी कोतवाली शारदा चौधरी, अतिरिक्त प्रभारी निरीक्षक नजीराबाद अमरनाथ विश्वकर्मा एवं अतिरिक्त प्रभारी निरीक्षक ग्वालटोली शहरोज आलम खान प्रशिक्षक के रूप में उपस्थित रहे। उन्होंने उपनिरीक्षकों को बताया कि जांच किस तरह से की जानी चाहिए, ताकि अदालत में आरोपी के को कोई लाभ न मिल सके।

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