- सीएसए में नमामि गंगे के प्राकृतिक खेती को लेकर हुए कार्यक्रम में बोले सीएम, सीसामऊ नाले की टैपिंग पर भी किया दावा

- गंगा किनारे के 5 किमी क्षेत्र में आर्गेनिक खेती को देंगे बढ़ावा, हर कमिश्नरेट में खुलेगी फसल के सर्टिफिकेशन के लिए लैब

KANPUR: गंगा को निर्मल बनाने के लिए नालों की टैपिंग के बाद अब यूरिया और डीएपी से गंगा में होने वाले पॉल्यूशन को रोकने के लिए काम शुरू हो गया है। इसके लिए गंगा किनारे के 5 किमी क्षेत्र में आर्गेनिक खेती को बढ़ावा दिया जाएगा। इसके लिए गायों की भी मदद ली जाएगी। गंगा किनारे गौ आधारित खेती को बढ़ावा दिया जाएगा। नमागि गंगे के तहत सीएसए में हो रही कांफ्रेस में आए यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने यह बातें कही। उन्होंने कहा कि कानपुर में गंगा की स्थिति 3 साल पहले कितनी खराब थी। हम पीएम नरेंद्र मोदी के आभारी हैं जिन्होंने नमामि गंगे को आगे बढ़ाया। गंगा प्रदूषण के मामले में कानपुर मेन प्वाइंट था। जहां रोज 14 करोड़ लीटर दूषित पानी सीधे गंगा में जाता था। अंग्रेजों ने सीसामऊ नाले को गंगा में गिराया। अब सीसामऊ नाले से एक बूंद सीवेज गंगा में नहीं जा रहा।

विरासत सहेजने को क्या किया

यूपी में गंगा किनारे स्थित 1038 ग्राम पंचायतों से किसान इस कांफ्रेंस में आए थे। जिन्हें संबोधित करते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ ने गोवंश को लेकर कई बातें कहीं। उन्होंने कहा कि हमें यह देखना चाहिए कि हमने अपनी विरासत सहेजने के लिए क्या किया। आज 4.50 लाख गोवंश आश्रय स्थलों में हैं। अगर किसान निराश्रित गोवंश को अपनी किसानी के लिए लेना चाहता है तो सरकार उसके लिए भी प्रावधान कर रही है। ऐसे किसानों को गोवंश के लिए 900 रुपए प्रति महीना दिया जाएगा।

ऐसे दोगुनी होगी किसानों की इंकम

सीएम योगी आदित्यनाथ ने पीएम नरेंद्र मोदी के किसानों की आय दो गुना करने के संकल्प को लेकर कहा कि गौ आधारित खेती से लागत कम होगी। साथ ही पैदावार भी बढ़ेगी। इस तरह से किसान की इंकम दो गुनी हो सकेगी। सीएम ने यूरिया के इस्तेमाल से पंजाब और हरियाणा की खेती में हो रही तबाही का भी जिक्र किया और कहा कि यह अब पश्चिमी यूपी की भी समस्या है।

एक गाय से 30 एकड़ खेत की फसल

कांफ्रेस में आए गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने गौ आधारित प्राकृतिक खेती को लेकर किसानों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि एक गाय के एक दिन के गोबर और गौमूत्र से एक एकड़ फसल के लिए खाद का इंतजाम हो जाता है। उन्होंने हरियाणा के कुरुक्षेत्र में अपनी खेती से जुड़ी कई रोचक जानकारियां दी। जिसमें प्राकृतिक खेती के फायदे बताए गए थे।

क्लाइमेट चेंज पर जवाबदेही

कांफ्रेस में आए यूनियन एग्रीकल्चर मिनिस्टर नरेंद्र तोमर ने कहा कि केमिकल बेस्ड खेती के जितने फायदे हुए उससे ज्यादा नुकसान सामने आ रहे हैं। पंजाब और हरियाणा के किसान सबसे ज्यादा गेहूं उगाते हैं,लेकिन वह खुद उसे यूज नहीं करते। उन्होंने कहा कि क्लाइमेट चेंज के लिए लोगों की ही जिम्मेदारी है। प्राकृतिक खेती के जरिए इस असंतुलन से बच सकते हैं। यूनियन मिनिस्टर ने कहा कि सरकार जीरो बजट खेती को प्रोत्साहित करने पर काम कर रही है। गंगा किनारे दोनों ओर प्राकृतिक खेती से गंगा का फायदा मिलेगा। कार्यक्रम में यूपी सरकार के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही, मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी, मंत्री लाखन सिंह राजपूत और मंत्री श्रीराम चौहान भी मौजूद रहे।

Posted By: Inextlive