kanpur@inext.co.in kanpur : बाबूपुरवा बगाही निवासी शशी देवी के पति प्राइवेट नौकरी करते थे. पति की मौत के पहले ही थोड़ी-थोड़ी बचत कर 70 हजार

- सिटी से दो चिट फंड कंपनियां ऑफिस बंद कर भागीं, सैकड़ों लोगों के टूट अरमान

-दो गुना करने का झांसा देकर जमा कराई थी रकम, एसपी साउथ के पास पहुंचे पीडि़त

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KANPUR : बाबूपुरवा बगाही निवासी शशी देवी के पति प्राइवेट नौकरी करते थे। पति की मौत के पहले ही थोड़ी-थोड़ी बचत कर 70 हजार रुपये जमा किए थे। जिसे जल्दी दोगुना होने के लिए प्रयाग नाम की चिटफंड कंपनी में जमा कर दिया था। अब बेटे को कारोबार के लिए रुपये चाहिए। मैच्योरिटी डेट लॉकडाउन के दौरान पूरी हो गई थी। एजेंट संतोष शुक्ला से रकम के लिए कहा तो कुछ दिन में रुपये देने का आश्वासन दिया। लेकिन अब संतोष ने फोन उठाना भी बंद कर दिया। तभी पता चला कि कई महीने पहले ही कंपनी बंद हो चुकी है.शशी देवी की तरह दर्जनों कंपनी के हाथों ठगे गए हैं। दर्जनों पीडि़तों ने एसपी साउथ से शिकायत दर्ज कराई है।

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अब कैसे होगी बेटी की शादी

महाराजपुर निवासी राम कुमार भी कंपनी की धोखाधड़ी का शिकार हुए हैं। वो बताते हैं कि बेटी की शादी अप्रैल में है। पैसे की जरूरत पड़ती तो पता चला कंपनी ही भाग गई है। बताया कि 1996 में उनकी मुलाकात बर्रा निवासी हेमंत त्रिवेदी से हुई। हेमंत ने उन्हें 5 साल में रकम दोगुनी करने का झांसा दिया। रामकुमार ने चार बार में करीब डेढ़ लाख रुपये लगा दिया। अब हेमंत का फोन बंद मिला। बर्रा-4 में जाकर कंपनी की जानकारी की तो पता चला कि ताला लगाकर सब भाग गए।

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पहले टरकाता रहा अब फोन बंद

किदवई नगर के ब्लॉक निवासी सुमन तिवारी के बेटे का सिलेक्शन एनडीए में हुआ है। सुमन ने सिप्सा नाम की चिटफंट कंपनी में 1.25 लाख रुपये जमा किया था। मई 2020 में मैच्योरिटी डेट थी। लॉकडाउन की वजह से एजेंट मनोज उन्हें टरकाता रहा। अब बेटे को रुपये देने हैं और मनोज का फोन बंद है।

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रजिस्ट्रेशन कराया और शुरू कर दी ठगी

इस तरह की ठगी में एजेंट को रोल बहुत महत्वपूर्ण होता है। रजिस्ट्रार ऑफिस में कंपनी का रजिस्ट्रेशन कराया और ठगी की दुकान शुरू कर दी। बेरोजगार लड़कों को कमीशन पर रखकर उन्हें मेंबर्स बनाने का काम किया जाता है। लोग खून पसीने की कमाई दोगुनी करने के लालच में ठगों के हवाले कर देते हैं। जब मैच्योरिटी टाइम आता है तो कंपनी बोरिया बिस्तर लेकर गायब हो जाती है।

आरबीआई की स्पष्ट गाइडलाइन

चिट फंड कंपनी में रुपये लगाने में झोल ही झोल हैं। आरबीआई की गाइडलाइन में इस तरह की कंपनियां पूरी तरह से फर्जी होती हैं। इसके बाद भी लोग लालच में पड़ जाते हैं। कंपनी के भागने के बाद पुलिस इन मामलों में मुकदमा भी दर्ज नहीं करती है। दरअसल रकम इंवेस्ट करते समय कंपनी की नियम और शर्ते महीन अक्षरों में लिखी होती हैं। जिसमें क्लियर होता है कि आरबीआई इस कंपनी में जमा धन के लिए रेस्पांसिबल नहीं है। इन्हें बिना पढ़े एजेंट के भरोसे पर रकम जमा कर दी जाती है।

277 लोगों के साथ की लाखों की ठगी

बिठूर निवासी शिव किशनपाल ने अनंत निधि क्रेडिट को-सोसाइटी के निदेशक नितेश श्रीवास्तव और कर्मचारियों डॉ। राजेश त्रिवेदी, अवनीश बाथम, रजनीश श्रीवास्तव और डीडी श्रीवास्तव के खिलाफ धोखाधड़ी, जालसाजी करके 277 निवेशकों के लाखों रुपये हड़पने का मुकदमा दर्ज कराया है। आरोप है कि धन दोगुना करने के झांसे में आकर किशनपाल के अलावा आशुतोष कुमार, शिवसिंह कुशवाहा, गणेश दत्त, अंचल कनौजिया समेत सैकड़ो लोगो ने लाखों रुपये निवेश किये थे। अधिकांश निवेशक बिठूर और कल्याणपुर के रहने वाले हैं। निवेशकों का कहना है कंपनी का मुख्यालय लखनऊ स्थित पुष्पा बजाज बि¨ल्डग में है। किसान विकास पत्र की तरह प्रपत्र दिए जिन पर ''भारत सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त'' भी लिखा हुआ है। जब मैचयोरिटी डेट आई तो कई महीने से टाल रहे थे। थाना प्रभारी अमित मिश्रा ने बताया मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जा रही हैं।

Posted By: Inextlive