कोरोना संक्रमण की दर तकेस दिन प्रतिदिन कम होने की वजह से एक तरफ कानपुराइट्स को राहत जरूर मिली है वहीं दूसरी तरफ प्रशासन की तरफ से लगाई गई पाबंदियों में अभी तक कोई छूट नहीं दी गई है. नतीजन कोरोना प्रोटोकॉल की पाबंदिया जस के तस है. दरअसल शासन ने आदेश दिया था कि एक हजार कोरोना केस आने पर स्विमिंग पूल वाटर पार्क और सभी जिम को बंद व रेस्टोरेंट सिनेमाघर होटल समेत सभी इटिंग प्वाइंट पचास प्रतिशत के साथ ऑपरेट किया जाएगा

कानपुर(ब्यूरो)। कोरोना संक्रमण की दर तकेस दिन प्रतिदिन कम होने की वजह से एक तरफ कानपुराइट्स को राहत जरूर मिली है, वहीं दूसरी तरफ प्रशासन की तरफ से लगाई गई पाबंदियों में अभी तक कोई छूट नहीं दी गई है। नतीजन कोरोना प्रोटोकॉल की पाबंदिया जस के तस है। दरअसल, शासन ने आदेश दिया था कि एक हजार कोरोना केस आने पर स्विमिंग पूल, वाटर पार्क और सभी जिम को बंद व रेस्टोरेंट, सिनेमाघर, होटल समेत सभी इटिंग प्वाइंट पचास प्रतिशत के साथ ऑपरेट किया जाएगा। बीते महीने कानपुर में कोरोना मरीजों का आंकड़ा एक हजार के पार पहुंच गया था। जिसके बाद प्रशासन की तरफ से पाबंदियां लगा दी गई थी। वहीं एडीएम सिटी अतुल कुमार का कहना है कि जब तक शासन की तरफ से कोई शासनादेश नहीं आएगा, पाबंदिया पहले जैसी ही रहेंगी।

कुल कैपेसिटी में पचास प्रतिशत
बीते 11 जनवरी को तत्कालीन डीएम विशाख जी अय्यर ने आदेश में कहा था कि शहर के सभी पर्यटक स्थल, जू ओर धार्मिक स्थल पर कोरोना से बचाव के लिए हेल्प डेस्क बनाया जाएगा। इसके अलावा अब इन जगहों पर कोई भी बिना थर्मल स्क्रीनिंग के प्रवेश नहीं कर सकेगा। इसके अलावा शादी समारोह के आयोजन पर कुछ पाबंदियां थी, जिसमें हॉल, कमरे समेत किसी बंद जगहों पर शादी के आयोजन में कुल कैपसिटी में पचास प्रतिशत के साथ लोगों को शामिल करने के आदेश दिए गए हैं।

अभी क्या पांबदियां चल रहीं
- रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक शहर में नाइट कफ्र्यू
- रेस्टोरेंट व सिनेमाघर 50 प्रतिशत क्षमता से चल रहे
- पर्यटक स्थल, जू व धार्मिक स्थलों पर कोविड हेल्प डेस्क जरूरी
- शादी समारोह में सिर्फ 200 लोगों के शामिल होने की इजाजत
- ओपन एरिया में फंक्शन होने पर क्षमता के 50 फीसदी लोग
- धार्मिक अन्य सावर्जनिक स्थलों पर डेली सैनेटाइजेशन
- आईटी सेक्टर की कंपनियों में वर्क फ्रॉम होम व्यवस्था लागू
-सरकारी व प्राइवेट संस्थान 50 फीसदी कर्मचारी वर्क फ्रॉम होम

कोरोना मरीजों की संख्या एक हजार से कम जरूर हुई है, लेकिन पाबंदियां पहले जैसे ही रहेंगी। शासन की तरफ कोई आदेश आने पर ही इस संबंध में निर्णय लिया जाएगा।
अतुल कुमार, एडीएम सिटी

Posted By: Inextlive