कोरोना काल में जहां शासन स्तर पर लोगों को तरह-तरह से सहूलियत देने का प्रयास किया गया है. वहीं सीएसजेएम यूनिवर्सिटी ने ऐसे टाइम पर एग्जाम फीस बढ़ाकर स्टूडेंट्स और उनके पैरेंट्स पर अतिरिक्त बोझ डाल दिया है. पहले यूनिवर्सिटी कॉलेजों से ग्रेजुएशन बीएबीएससीबीकॉम में प्रति स्टूडेंट्स 585 रुपये सालाना एग्जाम फीस लेती थी. वहीं इस साल से इसे बढ़ाकर 1000 से अधिक कर दिया गया है. यूनिवर्सिटी यह फीस कॉलेजों से लेता है लेकिन कहीं न कहीं इसका असर स्टूडेंट्स पर पड़ेगा

कानपुर (ब्यूरो) यूनिवर्सिटी से एफिलिएटेड कॉलेज कानपुर नगर, देहात, औरैया, इटावा, कन्नौज, फर्रुखाबाद और उन्नाव जिले में हैं। इनमें अधिकांश क्षेत्र ग्रामीण परिवेश के हैं। यूनिवर्सिटी की फीस बढ़ोत्तरी के इस फैसले का असर स्टूडेंट्स पर पड़ेगा। इस पैसे के लिए स्टूडेंट्स पर दबाव बनाया जाएगा। ग्रामीण क्षेत्र में वैसे ही स्टूडेंट्स किसी तरह अपनी फीस जमा कर पाते हैं, यह अतिरिक्त बोझ उन्हें वहन करना मुश्किल हो जाएगा।

सेल्फ फाइनेंस एसो। ने की मांग
उत्तर प्रदेश सेल्फ फाइनेंस एसोसिएशन के महामंत्री विनय त्रिवेदी और कोषाध्यक्ष डॉ। बृजेश भदौरिया ने फ्राईडे को कुलपति प्रो। विनय कुमार पाठक से मुलाकात कर एग्जाम शुल्क माफ कराए जाने का अनुरोध किया है। उन्होंने कहा कि 1005 रुपये शुल्क के अलावा रजिस्ट्रेशन शुल्क के नाम पर दो साल रुपये प्रति स्टूडेंट्स पिछले साल दिया जा चुका है। कोरोना काल मेें सेल्फ फाइनेंस कॉलेजों की स्थिति खराब है। ऐसे में फीस बढ़ोत्तरी का असर कॉलेजों पर पड़ेगा।

कोट :
यूनिवर्सिटी में इस साल से ग्रेजुएशन में भी सेमेस्टर एग्जाम कराए जा रहे हैं। इसलिए फीस स्ट्रक्चर में कुछ अंतर किया गया है।
डॉ। अनिल यादव, रजिस्ट्रार, सीएसजेएमयू

Posted By: Inextlive