बर्रा स्थित आराध्या आई हास्पिटल में मोतियाङ्क्षबद आपरेशन के बाद रोशनी गंवाने वाले छह बुजुर्गों की आंखों के पानी और पस के नमूने में खतरनाक बैक्टीरिया मिला है. इसकी पुष्टि जीएसवीएम के माइक्रोबायोलॉजी डिपार्टमेंट की लैब में हुई जांच की रिपोर्ट में हुआ है. ट््यूजडे को आई कल्चर जांच रिपोर्ट में पांच ग्रामीणों में स्यूडोमोनास एरुगिनोसा ग्राम निगेटिव बैक्टीरिया का संक्रमण मिला है जिस पर अच्छी से अच्छी एंटीबायोटिक दवाएं बेअसर होती हैं.

कानपुर (ब्यूरो) हैलट के नेत्र रोग विभाग में सुघर देवा गांव के 70 वर्षीय राजाराम कुरील, 63 वर्षीय रमेश कश्यप, 63 वर्षीय मुन्नी देवी, 75 वर्षीय सुल्ताना देवी, 72 वर्षीय शेर ङ्क्षसह और 67 वर्षीय रमादेवी भर्ती हैं। मोतियाङ्क्षबद आपरेशन के बाद संक्रमण होने पर आंख से निकलने वाले पानी और पस का नमूना कल्चर जांच के लिए भेजा गया था। रिपोर्ट में रमेश कश्यप, मुन्नी देवी, सुल्ताना देवी, शेर ङ्क्षसह और रमादेवी के आंख में खतरनाक बैक्टीरिया का संक्रमण मिला है। इस वजह से ही उनकी आंखों की रोशनी चली गई है। रमेश, मुन्नी देवी, सुल्ताना और रमादेवी की आंखें पहले ही संक्रमण की वजह से गल चुकी हैं। सिर्फ राजाराम की आंखों में संक्रमण नहीं मिला है, जिससे उनकी आंखों में हल्की रोशनी है। इलाज कर रहे डाक्टरों का कहना है कि उन्हें पहले से इंजेक्शन लगने लगे थे। जिससे बैक्टीरिया का संक्रमण नहीं मिला है।

आंख निकालनी पड़ेगी
इस बैक्टीरिया के आंख में संक्रमण से रेटिना और कार्निया में सडऩ हो जाती है। पूरी की पूरी आई बॉल ही खराब हो जाती है। इसलिए इन सभी पांचों मरीजों की आंख निकालने के सिवाय कोई विकल्प नहीं है। अभी तक किसी भी मरीज ने सर्जरी की अनुमति नहीं दी है। विभागाध्यक्ष प्रो। परवेज खान का कहना है कि वेडनेसडे को फिर से उनके परिजनों से सर्जरी के लिए अनुमति मांगेंगे। अगर अनुमति नहीं देंगे तो उन्हें डिस्चार्ज कर दिया जाएगा।

ओटी में हुई लापरवाही
मेडिकल कालेज के विशेषज्ञों का कहना है कि यह बैक्टीरिया खतरनाक होता है। इसका संक्रमण ऑपरेशन थियेटर यानी ओटी से ही मिलता है। कई बार आपरेशन थियेटर और उपकरण ठीक से स्टरलाइज नहीं करने से दिक्कत होती है। ओटी के कर्मचारियों के ठीक से तैयार नहीं करने से भी संक्रमण हो सकता है।

हैलट में भर्ती छह में से पांच मरीजों की आंखों में खतरनाक बैक्टीरिया के संक्रमण की पुष्टि हुई है। जांच में स्यूडोमोनास एरुगिनोसा ग्राम निगेटिव बैक्टीरिया मिला है। हालांकि उसकी रिपोर्ट अभी तक नहीं मिली है। यह घातक बैक्टीरिया है, जिस पर अधिकतर एंटीबायोटिक बेअसर होती हैं।
डॉ। आलोक रंजन, सीएमओ, कानपुर नगर

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