सिटी में डेंगू के प्रकोप की रफ्तार तेज हो गई है तो वहीं कोरोना की भी शहर में वापसी हो गई है. दो नए पेशेंट मिले हैं. वहीं मौसम के करवट बदलते ही कई और सीजनल बीमारियों ने भी कानपुराइट्स को आ घेरा है. रात सर्द होने लगी है. ऐसे में लापरवाही करने पर लोगों को कोल्ड डायरिया घेरने लगा है. डेंगू के केसेस में कोई कमी नहीं आई है. एलाइजा जांच के अलावा एनएस-1 रैपिड कार्ड जांच में सबसे ज्यादा लोगों को डेंगू की पुष्टि हो रही है.

कानपुर (ब्यूरो) हालांकि स्वास्थ्य विभाग कार्ड से पॉजिटिव रिपोर्ट को डेंगू का कंफर्मेट्री टेस्ट नहीं मानता। इसके बाद भी प्राइवेट अस्पतालों में ज्यादातर इसी की मदद से जांच और इलाज किया जा रहा है। बुखार, डेंगू और कोल्ड डायरिया के प्रकोप के चलते सरकारी अस्पतालों खासकर उर्सला, एलएलआर अस्पताल में पेशेंट्स से वार्ड ओवरलोड हो गए हैं। मेडिसिन विभाग के वार्डों में जगह नहीं बची है। जिसकी वजह से उन्हें दूसरे वार्डों में भर्ती कर इलाज किया जा रहा है।

क्षमता से दो गुने
जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के मेडिसिन डिपार्टमेंट की हेड प्रो। रिचा गिरि से मिली जानकारी के मुताबिक कोल्ड डायरिया के कई सीवियर केस भर्ती हुए हैं। शरीर में पानी की कमी के चलते उनकी किडनी पर प्रभाव पड़ा है। जिससे किडनी के डैमेज होने का खतरा भी बढ़ जाता है। मेडिसिन विभाग की इमरजेंसी और वार्डों में क्षमता से दो गुने पेशेंट्स भर्ती हैं। जिसकी वजह से कई दूसरे विभागों के वार्डों में पेशेंट्स को भर्ती किया जा रहा है। कोल्ड डायरिया के तीन पेशेट्स की 4 दिनों में इलाज के दौरान मौत हो गई।

530- पेशेंट्स हैलट की मेडिसिन ओपीडी में आए सैटरडे को
70- पेशेंट्स मेडिसिन इमरजेंसी में हुए भर्ती
348- पेशेंट्स का मेडिसिन वार्डों में चल रहा इलाज

Posted By: Inextlive