-जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के मल्टी सुपरस्पेशिएलिटी ब्लॉक में ब्रेन, स्पाइन और स्पाइनल कॉड की सर्जरी के लिए आएंगे एडवांस्ड रोबोट

-रोबोटिक ब्रेन एंड स्पाइन सर्जरी करने वाला यूपी में पहला गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज और कानपुर का एकमात्र सेंटर होगा, 15 करोड़ पास

-जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के मल्टी सुपरस्पेशिएलिटी ब्लॉक में ब्रेन, स्पाइन और स्पाइनल कॉड की सर्जरी के लिए आएंगे एडवांस्ड रोबोट

-रोबोटिक ब्रेन एंड स्पाइन सर्जरी करने वाला यूपी में पहला गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज और कानपुर का एकमात्र सेंटर होगा, क्भ् करोड़ पास

KANPUR: kanpur@inext.co.in

KANPUR: जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में पीएमएसएसवाई के तहत बन रहे ख्ब्0 बेड के मल्टी सुपरस्पेशिएलिटी हॉस्पिटल कानपुराइट्स को एडवांस्ड ट्रीटमेंट देगा। अप्रैल तक तैयार होने वाले इस हॉस्पिटल में रोबोटिक सर्जरी भी होगी। जिसमें ब्रेन और स्पाइन से जुड़े कई बेहद जटिल ऑपरेशन रोबोट के जरिए किए जाएंगे। ऐसा करने वाला जीएसवीएम यूपी का पहला गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज होगा। ब्रेन और स्पाइन की रोबोटिक सर्जरी के लिए उपकरणों की खरीद को सहमति मिल गई है।

गलती की संभावना नहीं

ख्00 करोड़ की लागत से लगभग बन चुके मल्टी सुपरस्पेशिएलिटी ब्लॉक के लिए उपकरणों की खरीद का प्रासेस शुरू कर दिया गया है। उपकरणों में एमआरआई, सीटी स्कैन मशीनों के साथ कई हाईटेक मशीनें भी आएंगी। इन्हीं मशीनों में क्भ् करोड़ की लागत से एक क्रेनियल न्यूरो सर्जिकल रोबोट और एक स्पाइन न्यूरेा सर्जिकल रोबोट भी आएगा। इससे ब्रेन टयूमर, स्पाइन कॉड से जुड़ी कई बेहद जटिल सर्जरी बेहद सटीक और एक्यूरेट तरीके से की जा सकेंगी। जिसमें पेशेंट को बेहद छोटा चीरा ही लगेगा। साथ ही सर्जरी के दौरान हाथ कांपने से होने वाली गलती की संभावना भी नहीं होगी।

रोबोट को सर्जरी से जुड़ी सभी कमांड

न्यूरो सर्जरी डिपार्टमेंट के हेड डॉ.मनीष सिंह ने जानकारी दी कि ब्रेन और स्पाइनल कॉड की सर्जरी बेहद रिस्की होती है। इसमें चीरा जरा सा भी इधर उधर लगने पर पेशेंट को पैरालिसिस या किसी एक हिस्से के काम नहीं करने का खतरा रहता है। स्पाइनल कॉड के ऑपरेशन में रिस्क और भी ज्यादा होता है। ऐसे में रोबोटिक सर्जरी में पहले सीटी स्कैन और एमआरआई के जरिए सर्जरी की पूरी प्लानिंग की जाती है। इसकी सारी डिटेल सिस्टम पर फीड की जाती है। इसके बाद रोबोट के कंट्रोल पैनल से सर्जरी को परफार्म किया जाता है। इसमें डॉक्टर के हाथ में सिर्फ रोबोट से सर्जरी करने वाली स्टिक होती है। इसी से सर्जरी से जुड़ी सभी कमांड दी जाती है। डॉक्टर सिस्टम के सामने बैठ कर सर्जरी को देखता रहता है।

ये रोबोट आएंगे

- क्रेनियल न्यूरो सर्जिकल रोबोट

- स्वाइन न्यूरो सर्जिकल रोबोट

रोबोटिक सर्जरी के फायदे

- ज्यादा सटीक सर्जरी

- बड़े चीरे की जरूरत नहीं,कम ब्लड लॉस

- सर्जरी में लगने वाले वक्त में कमी

- सर्जरी के बाद इंफेक्शन का खतरा भी नहीं

'' सुपरस्पेशिएलिटी हॉस्पिटल के लिए उपकरणों की खरीद का प्रासेस शुरू हो गया है। यह बिल्डिंग अप्रैल तक हैंडओवर हो जाएगी। तब तक उपकरण आना शुरू हो जाएंगे। सीटी, स्कैन और एमआरआई के साथ रोबोटिक सर्जरी के लिए भी उपकरण आएंगे।

- प्रो। आरबी कमल, प्रिंसिपल जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज

Posted By: Inextlive