- ऊंची बिल्डिंग्स में रहने वाले लोग परिवार लेकर बाहर सड़क पर आए, शहर में किसी तरह के नुकसान की खबर नहीं

KANPUR : भूकंप के झटके ने एक बार फिर कानपुराइट्स को दहशत में डाल दिया। घबराए लोग घरों के बाहर आ गए। भागने के चक्कर में कई ऊंची बिल्डिंगों व अपार्टमेंट्स में भगदड़ जैसी स्थिति बन गई। हालांकि झटका हल्का होने से कहीं किसी प्रकार के नुकसान की कोई खबर नहीं है।

अपार्टमेंट्स में अफरा-तफरी

दोपहर करीब 2:25 बजे अचानक शहरियों को लगा कि कुछ हिल रहा है। इसी बीच एक कंपन ने भूकंप का एहसास करा दिया। एक बार फिर लोगों को 25 अप्रैल का भूकंप याद आ गया। घरों से लोग अपने परिवार को लेकर बाहर सड़क पर आ गए। सबसे ज्यादा दहशत मल्टीस्टोरी अपार्टमेंट में रहने वालों में रही। चूंकि ऐसे में लिफ्ट बंद कर दी जाती है, इसीलिए जीने से उतरने में लोगों में आपाधापी मची रही।

हजारों लोग सड़क पर

स्वरूपनगर, तिलकनगर, आजादनगर, नवाबगंज, गोविन्दनगर, काकादेव आदि क्षेत्रों में अपार्टमेंट्स के बाहर हजारों लोगों की भीड़ सड़क पर आ गई। लोग मोबाइल पर एक दूसरे का हाल लेने लगे। ऑफिसों में भी कामकाज ठप हो गया। घंटों अफरातफरी का माहौल रहा।

कई को पता ही नहीं चला

मंडे को भूकंप का झटका पिछली बार के मुकाबले बेहद कम तीव्रता का था। सड़क पर जो लोग चल रहे थे, उनका कहना है कि उन्हें तो भूकंप का एहसास तक नहीं हुआ। इसी तरह से कई लोग ऐसे भी रहे, जिन्होंने कहा कि उन्हें कुछ नहीं पता चला।

सोशल मीडिया में तेजी से एक्टिव

भूकंप के झटके ने भले ही इस बार ज्यादा न डराया हो, लेकिन सोशल मीडिया पर आ रहे मैसेजों ने लोगों को यह जरूर बता दिया कि कई जगह तबाही भी हुई है। पिछली बार अप्रैल में भी सोशल मीडिया में बेतुके मैसेजों ने माहौल को दो-तीन दिन तक दहशत में डाले रखा था।

बवाल की बातें खत्म, भूकंप की शुरू

दोपहर में आए भूकंप के झटकों ने शहर में दो दिन पहले हुए बवाल को एक झटके से भुला दिया। सुबह तक जहां लोग इस बात को पता कर रहे थे कि अब शहर का माहौल कैसा है, वहीं लोग दोपहर में भूकंप आने के बाद यह बातें कर रहे थे कि क्या फिर भूंकप तो नहीं आने वाला है।

कुर्सी हिलीं: अचानक कुर्सी हिलने लगी। ऐसे लगा कि पीछे से कोई धक्का दे रहा है। तुरंत समझ में आ गया कि भूकंप आया है। तुरंत बाहर की ओर भागे।

सचिन - बैंककर्मी

सब हिलने लगा : ऐसा लगा कि सब हिल रहा है। पहले समझा कि कहीं मुझे चक्कर तो नहीं आ रहा, लेकिन तभी आफिस के लोग भागने लगे, तो समझा कि भूकंप है।

मुकेश कुमार - बैंककर्मी

नहीं हुआ एहसास : जिस वक्त भूकंप आया, मैं वीआईपी रोड पर कार से जा रहा था। कार के अंदर भूकंप का एहसास बिल्कुल नहीं हुआ। बाद में लोगों ने बताया कि भूकंप आया था।

जितेन्दर सिंह, बिजनेसमैन

मुझे तो बिल्कुल भी नहीं पता लगा भूकंप का। मेरे दोस्तों ने फोन करके जब बताया तब भी मुझे यकीन नहीं हुआ। बाद में सड़क पर लोगों को देख यकीन हुआ।

सतेन्दर सिंह, बिजनेसमैन

Posted By: Inextlive