सपा विधायक इरफान सोलंकी से जुड़े फर्जी आधार कार्ड प्रकरण में नामजद आरोपी इशरत को पुलिस ने गुरुवार को गिरफ्तार कर लिया. दावा है कि पुलिस ने इशरत के घर से वह फर्जी आधार कार्ड भी बरामद हो गया है जिसका प्रयोग करके सपा विधायक ने नाम बदलकर हवाई यात्रा की थी. पुलिस ने इशरत को मुख्य साजिशकर्ता बताया है. हालांकि इशरत के वकील ने अदालत में उसे फंसाए जाने का दावा किया है. इशरत को एसीएम तृतीय की अदालत में पेश किया गया. कोर्ट ने उसकी जमानत अर्जी खारिज करते हुए 20 दिसंबर तक न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया.

कानपुर (ब्यूरो) फरारी के दौरान सपा विधायक इरफान सोलंकी ने नई दिल्ली एयरपोर्ट से मुम्बई तक हवाई यात्रा की थी। पुलिस का दावा है कि विधायक ने यह यात्रा कूटरचित आधार कार्ड की मदद से की, जिसमें उन्होंने अपनी पहचान अशरफ अली बताई। इस प्रकरण में 26 नवंबर को मुकदमा दर्ज किया था, जिसमें सपा नेत्री नूरी शौकत, उसके भाई अशरफ, मौसा इशरत, ड्राइवर अम्मार उर्फ अली, विधायक के साले अनवर मंसूरी और अख्तर मंसूरी के अलावा एक अन्य को आरोपी बनाया था। इस प्रकरण में पुलिस ने गुरुवार को नूरी शौकत के मौसा इशरत अली को गिरफ्तार कर लिया।

इशरत को बताया मास्टरमाइंड
जेसीपी आनंद प्रकाश तिवारी ने बताया कि फर्जी आधार कार्ड मामले का मास्टरमाइंड इशरत ही है। उसने ही विधायक को सुरक्षित नई दिल्ली से बाहर निकालने के लिए फर्जी आधार कार्ड बनाकर हवाई यात्रा का सुझाव दिया था। इशरत ने ही फर्जी आधार कार्ड बनाने वाले अली को नूरी शौकत के घर बुलवाया। पुलिस ने इशरत के घर से विधायक द्वारा अशरफ नाम से प्रयोग किया गया फर्जी आधार कार्ड बरामद कर लिया है। इशरत से पूछताछ के बाद पुलिस ने नूरी शौकत के घर पर स्थित व्यूटी पार्लर पर छापा मारा। यहां पर पुलिस को आठ भागों में फटे हुए दो आधार कार्ड और मिले। दावा है कि फर्जी आधार कार्ड बनाते समय कोई कमी रहने की वजह से उन्हें फाड़ा गया होगा।

दिल्ली तक विधायक के साथ था इशरत
पुलिस के मुताबिक नूरी शौकत का मौसा इशरत दिल्ली तक सपा विधायक के साथ था। उसके साथ ही विधायक लखनऊ गए और जब वह कार से दिल्ली भागे तक भी इशरत उनके साथ ही था। नोएडा में होटल दिलाने में इशरत ने ही मदद की और बाद में वह विधायक व नूरी शौतक के साथ दिल्ली एयरपोर्ट तक गया।

'फर्जी तथ्यों पर आरोपी बनायाÓ
इशरत के वकील बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अधिवक्ता नरेश चंद्र त्रिपाठी ने कहा कि फर्जी तथ्यों के आधार पर इशरत को आरोपी बनाया गया है। किसी तरह का कोई आधार कार्ड नहीं बनाया गया है। तर्क दिया कि 30 नवंबर को अशरफ और इशरत के सरेंडर की अर्जी कोर्ट में दी गई थी। पुलिस के पास भी दोनों सरेंडर करने गए थे। सरेंडर एप्लीकेशन पर पुलिस ने कोई रिपोर्ट नहीं भेजी और घर से उठाकर आरोपी बना दिया। इस पर अभियोजन अधिकारी डा। लवलेश कुमार और सिद्धार्थ ङ्क्षसह ने अदालत के सामने फर्जी आधार कार्ड की बरामदगी का तथ्य रखा। इस पर कोर्ट ने इशरत को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया।

Posted By: Inextlive