- डिजिलाइजेशन से पहले हुए सर्वे की रिपोर्ट चौंकाने वाली, शासन ने 2 लाख राशन कार्ड को बोगस करार दिया

- कई सालों से इन का‌र्ड्स की आड़ में उठाया जा रहा था कोटे का राशन

- बोगस के चक्कर में कई जेन्यून लोगों के भी कार्ड हुए हैं कैंसिल, कार्ड होल्डर्स को इसका पता ही नहीं

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KANPUR : भले ही शासन ने पुराने राशन कार्ड की वैलिडिटी फ्क् दिसंबर तक के लिए बढ़ा दी हो, लेकिन एक बार यह जरूर चेक कर लीजिएगा कि कहीं आपका राशन कार्ड बोगस तो नहीं यह सभी राशन कार्ड फर्जीवाड़ा करके बनाये गए थे। शासन ने ऐसे दो लाख राशन का‌र्ड्स को कैंसिल कर दिया है। खबर है बोगस के फेर में कई वाजिब राशन कार्ड भी रद्द हो चुके हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि जिनके कार्ड निरस्त हुए हैं, उसकी सूचना उपभोक्ताओं को दी ही नहीं गई है। ऐसे का‌र्ड्स से फर्जीवाड़ा करके राशन की ब्लैक मार्केटिंग के अलावा बतौर आईडी प्रूफ भी धड़ल्ले से इस्तेमाल किया जा रहा है।

डिजिटल कार्ड से पहले

पुराने राशन का‌र्ड्स को डिजिटल में तब्दील करने के लिए नए सिरे से सर्वे करवाया जा चुका है। सर्वे में जिम्मेदार कम्पनी ने किस तरह कहां-कहां लापरवाही बरती। यह सनसनीखेज खुलासा आई नेक्स्ट अपनी पेज-क् न्यूज के जरिए पहले ही कर चुका है। मगर, इससे पहले भी राशन का‌र्ड्स को लेकर एक सर्वे करवाया गया था। इसकी मुख्य वजह फर्जी राशन कार्ड होल्डर्स को आइडेंटिफाई करना था। यह सर्वे खुद सप्लाई विभाग के राशनिंग ऑफिसर्स ने किया था। डोर टू डोर सर्वे की रिपोर्ट शासन में जाते ही हड़कम्प मच गया।

जेन्यून कार्ड भी कैंसिल

बोगस राशन कार्ड के फेर में कई जेन्यून कार्ड भी कैंसिल किये जाने की खबर है। हैरानी की बात यह है कि इसके बारे में कार्ड होल्डर्स को पता ही नहीं है। एडीएम सप्लाई शारदा प्रसाद यादव के मुताबिक राशन कार्ड की वैलिडिटी का पता अपने एरिया के राशनिंग ऑफिस जाकर चेक किया जा सकता है। क्योंकि डिजिटलाइजेशन प्रॉसेस के बाद सभी जेन्यून का‌र्ड्स की डिटेल ऑनलाइन अवेलेबल है। इसलिए अगर किसी जेन्यून व्यक्ति का कार्ड बाई चांस कैंसिल हो गया है। तो वह राशनिंग ऑफिस में इस संबंध में एप्लीकेशन दे सकता है।

पांच सालों से फर्जीवाड़ा

सन-ख्009 से कानपुर में नए राशन कार्ड बन नहीं रहे हैं। इसकी वजह रही राशन कार्ड का होलोग्राम और स्टॉम्प इसीलिए म्-म् महीने के लिए राशन कार्ड की मियाद शासन ने बढ़ाना शुरू कर दी। बसपा के कार्यकाल से शुरू हुआ यह सिलसिला सपा सरकार में भी जारी है। सप्लाई विभाग के सूत्रों की मानें तो फर्जीवाड़े की असली जड़ भी यही है। क्योंकि नए राशन कार्ड बनने पर सर्वे होता है और फर्जी कार्ड होल्डर आइडेंटिफाई हो जाते हैं। मगर, यहां तो पांच सालों से पूरी प्रक्रिया ही ठप पड़ी है। इसीलिए फर्जी राशन कार्ड ट्रेसआउट नहीं किये जा सके, ना ही इस गोरखधंधे में शामिल लोगों का ही पता लगाया जा सका।

फर्जीवाड़ा करने वालों पर भी शिकंजा

बोगस राशन कार्ड की जानकारी पर डीएम डॉ। रोशन जैकब ने भी कड़ा रुख अख्तियार किया है। उन्होंने बताया कि बोगस राशन कार्ड कैसे बने, अब इस बात का पता लगवाया जा रहा है। इन्हें बनवाने में कौन-कौन लोग शामिल रहे। सप्लाई विभाग या कोटेदारों का इसमें क्या रोल रहा इन सब बिंदुओं पर भी जानकारी इकट्ठा करवाई जा रही है। ट्रेसआउट होने के बाद दोषियों की बारी है। उनके खिलाफ भी एक्शन लिया जाएगा।

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हर कैटेगरी में

सप्लाई विभाग के आंकड़ों के अनुसार कानपुर में इस वक्त क्क्.ख्भ् लाख के राशन कार्ड होल्डर हैं इनमें एपीएल, बीपीएल और अंत्योदय तीनों ही कैटेगरी के लोग शामिल हैं। एक नजर राशन कार्ड होल्डर्स की डिटेल पर -

कैटेगरी शहर गांव टोटल

बीपीएल ब्0,भ्9म् म्क्,भ्म्म् क्,0ख्क्म्ख्

अंत्योदय ख्ब्,09भ् फ्9,0भ्फ् म्फ्,क्ब्8

एपीएल म्,8म्,भ्99 ख्,7क्,9क्म् 9,भ्8,भ्क्भ्

(नोट : आकड़े दिसंबर-ख्0क्ख् के हैं.)

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वर्जन वर्जन

शासन ने शहर से दो लाख राशन कार्ड को बोगस करार दिया है। अब इन का‌र्ड्स को कैंसिल कर दिया जाएगा। इन का‌र्ड्स को डिजिटल्ड करने का काम शुरू हुआ। तो पुराना काम रुक गया। अब तो केन्द्र सरकार नए सिरे से एपीएल-बीपीएल कार्ड की कैटेगरी बनाने जा रही है। इस पूरे मामले पर नजर रखी जा रही है। पब्लिक डिस्ट्रिब्यूशन सिस्टम में फर्जीवाड़ा करने वालों को कतई बख्शा नहीं जाएगा।

- डॉ। रोशन जैकब, डीएम

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Posted By: Inextlive