- एचबीटीयू के एल्युमिनाई का करिश्मा, फॉर्मूले को मिली अंतरराष्ट्रीय पहचान

- फॉरेन के इंस्टीट्यूट में अपने फॉर्मूले का डेमो देंगे हरिओम गुप्ता

KANPUR: मैथ्स के बड़ी कैलकुलेशन आपको अक्सर उलझा देती होगी। लेकिन अब आपकी इस प्रॉब्लम का सॉल्यूशन जल्द मिलने वाला है। दरअसल, एचबीटीयू के एल्युमिनाई हरिओम गुप्ता ने मैथ्स का फार्मूला दिया है। जिसे इंटरनेशनल लेवल पर स्थान मिला है।

मैथ्स के दो फार्मूले दिए

उन्होंने रिसर्च वर्क करते हुए मैथ्स के दो नए फार्मूले खोजे हैं जो बड़ी से बड़ी कैलकुलेशन को बेहद आसान करते हैं। फ्रैक्शनल फ्रेक्चर्स के विघटन की नई मैथ्डस पर आधारित उनके इन फार्मूलों को इंटरनेशनल कांफ्रेंस व‌र्ल्ड कांग्रेस ऑन इंजीनि¨रग में स्वीकृत किया गया है।

इन यूनिवर्सिटीज में देंगे लेक्चर

- ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी इंग्लैंड

- बर्मिंघम यूनिवर्सिटी, दुबई

- ट्रिनिटी कॉलेज, डुबलिन आयरलैंड

- समेत दुनियाभर की टॉप यूनिवर्सिटीज

2017 में किया बीटेक

दुनिया भर की टॉप यूनिवर्सिटीज के एक्सप‌र्ट्स और साइंटिस्टों के सामने फॉर्मूले पेश करने के लिए आमंत्रित किया गया है। वर्ष 2017 में हरिओम ने एचबीटीयू से बीटेक की डिग्री प्राप्त की थी। बीटेक लास्ट ईयर में उन्हें एक मल्टीनेशनल कंस्ट्रक्शन कंपनी लार्सन एंड टूब्रो (एलएंडटी) मच् अच्छे पैकेज पर जॉब मिली लेकिन वह नौकरी छोड़कर गणितीय फार्मूले को इजाद करने के लिए रिसर्च वर्क करने लगे।

यूपीएसईई के टॉपर

इंडियन इंजीनिय¨रग सर्विस 'आइईएस' परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी। आइआइटी जेईई मेंस 2013 की एग्जाम में 99.2 पर्सेंटाइल अंक हासिल करने के साथ वह उत्तर प्रदेश राज्य इंजीनि¨रग प्रवेश परीक्षा (यूपीएसईई) के टॉपर रहे हैं। इसके अलावा वह चार बार गे्रजुएट एप्टीट्यूट टेस्ट 'गेट' भी क्वालीफाई कर चुके हैं।

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इंडियन एकेडमी ऑफ साइंसेज में मिली स्वीकृति

मूल रूप से हरदोई जिले के संडीला कस्बे के मोहल्ला महतवाना के निवासी हरिओम ने बताया कि उन्हें यह रिसर्च वर्क करने में दो वर्ष का समय लगा। उन्होंने अपनी यह रिसर्च सबसे पहले इंडियन एकेडमी ऑफ साइंसेज में भेजी जहां पर इसे स्वीकृति मिल गई। इसके अंतर्गत उनके रिसर्च पेपर को जर्मनी बेस्ड पब्लिशर स्प्रिंजर द्वारा पब्लिश किया जाएगा। इसके अलावा हाल ही में इंटरनेशनल कांफ्रेंस व‌र्ल्ड कांग्रेस ऑन इंजीनि¨रग में पब्लिश के लिए भी उनके रिसर्च लेटर का सेलेक्शन किया गया है।

चार साल के थे तब पिता की मृत्यु

हरिओम ने बताया कि चार वर्ष की उम्र में उनके पिता की मृत्यु हो गयी थी। इसके बाद किराने की दुकान चलाने वाले चाचा मिथलेश गुप्ता ने सहारा दिया। लेकिन पिता की मृत्यु के बाद उन्हें एचबीटीयू तक पहुंचने के लिए बहुत संघर्ष करना पड़ा। हरिओम ने बताया यह इनका दूसरा रिसर्च पेपर है।

गणितीय फार्मूला कैसे करता है काम

मैथ्स का यह फार्मूला भिन्नों के विघटन के लिए लगाया जाता है। अभी तक जो आंशिक भिन्नों के विघटन की विधियां हैं उनके इस तरह के फंक्शन को विघटित करने के लिए बहुत समय लगता है। उनके इस फार्मूले से उसे सीधे विघटित किया जा सकता है।

Posted By: Inextlive