गंगा का जल स्तर तेजी से नीचे जाता जा रहा है. यही हाल रहा तो शहर में जल सकंट खड़ा हो सकता है. गर्मी बढऩे और नरौरा बांध से कम पानी छोड़े जाने के चलते गंगा का जलस्तर लगातार घट रहा है. भैरोघाट पंङ्क्षपग स्टेशन तक कम पानी पहुंच रहा है.

कानपुर(ब्यूरो)। गंगा का जल स्तर तेजी से नीचे जाता जा रहा है। यही हाल रहा तो शहर में जल सकंट खड़ा हो सकता है। गर्मी बढऩे और नरौरा बांध से कम पानी छोड़े जाने के चलते गंगा का जलस्तर लगातार घट रहा है। भैरोघाट पंङ्क्षपग स्टेशन तक कम पानी पहुंच रहा है। इससे 200 एमएलडी की सप्लाई भी प्रभावित होने की आशंका है। इसको देखते हुए जलकल विभाग ने ड्रेङ्क्षजग मशीनें चालू कर दी हंै। मशीन बालू को हटाकर पानी का रुख पंङ्क्षपग स्टेशन की ओर कर देती है। इसके साथ ही गंगा की धारा को भैरोघाट की तरफ मोडऩे के लिए पांच लाख रुपये से 80 हजार बालू की बोरियों का अस्थायी बंधा बनाने का काम चल रहा है।

365 फीट पहुंचा वाटर लेवल
भैरोघाट पंङ्क्षपग स्टेशन से 20 लाख लोगों को 200 मिलियन लीटर पर डे वॉटर सप्लाई की जाती है। यहां से रॉ वाटर जलकल मुख्यालय भेजकर ट्रीट किया जाता है। हालांकि इस समय गंगा का जलस्तर लगातार घट रहा है। भैरोघाट पंङ्क्षपग स्टेशन पर यह आंकड़ा 356 फीट पहुंच गया है। एक हफ्ते में इसमें एक फीट की गिरावट आई है। ऐसे में अब ड्रेङ्क्षजग मशीन चलाई जा रही है और स्थायी बंधा भी बनाया जा रहा है। लगातार ड्रेङ्क्षजग मशीन चलाने से जलकल का खर्च भी बढ़ा है। रोज ड्रेजिंग पर करीब 10 हजार रुपये खर्च हो रहे हैं। पानी कम होने से खींचने के साथ ही ट्रीट करने में क्लोरीन, एलम का खर्च दोगुना हो गया है।


गंगा का जलस्तर कम होने से वाटर सप्लाई पर प्रभावित न हो, इसके लिए बालू की बोरियां लगाकर अस्थायी बंधा बनाया जा रहा है। मशीनों से ड्रेजिंग भी की जा रही है।
-केपी आनंद, जीएम जलकल डिपार्टमेंट

Posted By: Inextlive