- गोविंद नगर पुलिस को मिली बड़ी सफलता, नेपाल से तस्करी कर लाई गई तीन लड़कियों को बचाया

- दादानगर रेलवे ट्रैक के पास से किया बरामद, घरवाले तीन दिन से कर रहे थे तलाश, पुलिस ने बुलाकर सौंपा

KANPUR : शहर में मानव तस्करी की जड़ें काफी गहरी हैं। एक महिलाओं की तस्करी उन्हें खाड़ी देशों में बेचा जा रहा है वहीं नेपाल से तस्करी कर लड़कियां शहर भी लाई जा रही हैं। तीन दिन नेपाल से लाई गई तीन लड़कियों को गोविंदनगर पुलिस ने बरामद कर लिया है। लड़कियों को दादानगर रेलवे क्रासिंग के पास से बरामद किया गया है। लड़कियों को शहर कैसे, कौन कौर किस मकसद से लाया गया, इस बारे में तो पुलिस अभी कुछ नहीं बता रही है। लेकिन, पुलिस ने रैकेट तक पहुंचने के लिए जाल बिछा दिया है।

ये था पूरा मामला

20 अप्रैल को पुलिस को जानकारी हुई कि दादा नगर क्रासिंग के पास तीन नाबालिग लड़कियां अकेले बैठी हैं। किसी का इंतजार किया जा रहा है। इन्हें मानव तस्कर कहीं से लाए हैं और इनका सौदा किया जा रहा है। सूचना पर दादा नगर चौकी इंचार्ज मौके पर पहुंचे और तीनो को चौकी ले आए। पूछताछ में तीनों अपना नाम ठीक से नहीं बता पा रही थीं। बात करने पर तीनों सिंहरहा हदौना नेपाल बता सकीं। दहशत की वजह से वे और कुछ जानकारी न दे सकीं।

गूगल पर सर्च किया गांव

सब इंस्पेक्टर सैय्यद जुबेर शरीफ ने गूगल पर सिंहरहा हदरना नेपाल को सर्च किया। जिसमें कपिलवस्तु के थाना तैलिहवा की चौकी हदरना का पता चला। इतना ही नहीं चौकी पर तैनात उप निरीक्षक अभयराज का मोबाइल नंबर भी मिल गया। अभयराज ने बताया कि 19 अप्रैल को तीनों बच्चियों की गुमशुदगी नेपाल के कपिलवस्तु थाने में दर्ज की गई है। काफी तलाश के बाद भी इनकी जानकारी नहीं मिल पा रही है। यहां से तीनों बच्चियों की तस्वीरें अभयराज के वाट्सएप पर भेजी गई। जिससे तीनों की पहचान हो पाई।

नेपाल पुलिस के सुपुर्द

मामले की जानकारी होने पर बच्चियों के पिता प्रेम प्रसाद कुम्हार और ग्राम प्रधान योगेंद्र कुमार केसी, नेपाल के उपनिरीक्षक श्याम सिंह चौधरी और महिला सिपाही पुष्पा थापा गोविंद नगर थाने आए। प्रेम कुमार ने अपनी दो बच्चियों के पहचान लिया और एक बच्ची अपने गांव की बताई।

पूरी प्रक्रिया के बाद

तीनों लड़कियों का मेडिकल कराने के बाद उन्हें नेपाल पुलिस के सुपुर्द कर दिया गया। थर्सडे को दोनों देशों के बीच होने वाली प्रक्रिया पूरी करने के बाद तीनों लड़कियों को उनके घर भेज दिया गया। नेपाल पुलिस ने कमिश्नरेट कानपुर पुलिस का आभार व्यक्त किया। डीसीपी साउथ जोन ने गोविंद नगर के उप निरीक्षक हरिशम्भू सिंह और सैय्यद जुबैर शरीफ की प्रशंसा कर उन्हें पुरस्कार दिलाने की अनुशंसा की।

दहशत में कुछ नहीं बोल पाई

थाने में जब लड़कियों ने पिता को देखा तो वे लिपट कर रोने लगीं। पिता ने भी जब दोनों बेटियों समेत तीनों को सकुशल देखा तो उनकी आंखों से भी आंसू गिरने लगे। दहशत की वजह से तीनों लड़कियां किसी बात की जानकारी न दे सकीं।

इन सवालों का जवाब तलाशेगी कानपुर पुलिस

- तीनों नाबालिग लड़कियां कानपुर कैसे पहुंचीं?

- उन्हें कौन कानपुर तक लेकर कौन आया?

- इस पूरे मामले में कितने लोग शामिल हैं?

- दादा नगर रेलवे क्रासिंग पर किसका इंतजार हो रहा था?

- नेपाल से उन्हें लाने वाला कौन था?

- रास्ते में वे कहां-कहां रुकीं?

Posted By: Inextlive