-केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने अपने मेडिकल कॉलेज को दी सौगात, एम्स स्तर की सुविधाओं से अपग्रेड होगा जीएसवीएम

-प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के तहत मिलेगी 150 करोड़ की मदद

-चार महीने में शुरु होगा काम, स्वास्थ्य मंत्रालय के ज्वाइंट सेक्रेटरी के साथ इंजीनियरिंग टीम भी मेडिकल कॉलेज पहुंची

-स्वास्थ्य मंत्री और ज्वांइट सेकेट्ररी के साथ प्रिंसिपल सेकेट्ररी मेडिकल एजुकेशन, डीजीएमई की सर्किट हाउस में हुई बैठक, गेंद अब राज्य सरकार के पाले में

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KANPUR(24 Aug.)

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ। हर्षवर्धन संडे को अपने मेडिकल कॉलेज आए तो उन्होंने 10 साल पहले किया हुआ वादा पूरा कर दिया। वादे के अनुसार जीएसवीएम को अब एम्स स्तर की सुविधाओं से अपग्रेड किया जाएगा। इसके लिए उन्होंने 150 करोड़ रुपए प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के तहत मेडिकल कॉलेज को देने का एलान किया है। बल्कि एलान से पहले ही स्वास्थ्य मंत्री ने इस पर काम भी शुरु करवा दिया। उन्होंने आते ही प्रमुख सचिव, विशेष सचिव चिकित्सा शिक्षा और डीजी मेडिकल हेल्थ के साथ सर्किट हाउस में बैठक की। अब गेंद राज्य सरकार के पाले में है, क्योंकि जिस योजना के तहत 150 करोड़ रुपए मेडिकल कॉलेज को मिलेंगे, उसमें 25 करोड़ रुपए राज्य सरकार भ्ाी देगी।

सौगात दिल्ली से लेकर ही आए थे

यूनियन हेल्थ मिनिस्टर डॉ। हर्षवर्धन संडे को जब मेडिकल कॉलेज पहुंचे तो वह पहले से ही सौगात लेकर आए थे। उनके साथ सीपीडब्लूडी, हॉस्पिटल कार्पोरेशन समेत एक इंजीनियरिंग टीम भी थी। इन सबकी आगवानी स्वास्थ्य मंत्रालय के ज्वाइंट सेक्रेटरी संदीप नायर कर रहे थे। श्रमशक्ति एक्सप्रेस से उतर कर वह सीधे सर्किट हाउस पहुंचे। वहां पर पहले से ही स्टेट मेडिकल एजुकेशन के डीजी, प्रिंसिपल सेक्रेटरी और स्पेशल सेक्रेटरी मौजूद थे। स्वास्थ्य मंत्री ने इन अधिकारियों के साथ मीटिंग की। स्वास्थ्य मंत्री ने मेडिकल कॉलेज के एम्स स्तर के अपग्रेडेशन के काम को देखने के लिए ज्वाइंट सेक्रेटरी संदीप नायर को लगाया है। अब वही स्टेट ऑफिशियल के साथ अपग्रेडेशन के काम को लेकर कोआर्डिनेट करेंगे।

चार महीने में शुरु होगा काम

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ.हर्षवर्धन ने जीएसवीएम को जो सौगात दी है। उसका काम भी वह जल्दी ही शुरु कराने की फिराक में है। उन्होंने इसके लिए अपने मंत्रालय के ज्वाइंट सेक्रेटरी संदीप नायर को लगाया है। संदीप नायर ने बताया कि स्टेट मेडिकल एजुकेशन विभाग की ओर से अपग्रेडेशन का प्रस्ताव मिनिस्ट्री को दिया जाएगा। इस प्रस्ताव में क्या-क्या काम किए जाएंगे, इसका जिक्र होगा साथ ही नए विभागों का निर्माण हॉस्पिटल का अपग्रेडेशन कैसे होगा? इन सब की समुचित रुपरेखा मंत्रालय को सौंपी जाएगी। इसके बाद मंत्रालय की ओर से फंड रिलीज कर दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि उनकी कोशिश रहेगी कि काम चार महीने के अंदर शुरु हो जाए।

एम्स स्तर की सुविधाओं के क्या हैं मायने

- एम्स स्तर के मेडिकल कॉलेज के अपग्रेडेशन होने से सुपर स्पेशिएलिटी डिपार्टमेंट्स बनेंगे

- नेफ्रोलॉजी, कार्डियोथेरोसिक सर्जरी, इंडोक्राइनोलॉजी, गैस्ट्रोन्ट्रोलॉजी, ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन जैसे डिपार्टमेंट बनेंगे

-इन डिपार्टमेंट्स के अकार्डिंग एमडी, डीएम,एमसीएच जैसे कोर्सेज में सीटें बढ़ेगी

- हॉस्पिटल्स का अपग्रेडेशन मेनली हैलट, मेटरनिटी और बालरोग हॉस्पिटल्स का अपग्रेडेशन

- हॉस्पिटल्स में ट्रॉमा सेंटर, अल्ट्रा माडर्न माड्यूलर ओटी विकसित होगी। साथ ही डेडिकेटेड ओपीडी भी शुरु होगी।

- आईसीयू में बेड और वेंटीलेटर बढ़ेंगे, बर्न यूनिट भी अपग्रेड होगी

- हॉस्पिटल, दवाइयों आदि का बजट भी बढ़ेगा

-फैकल्टी और नर्सिग स्टॉफ बढ़ेगा

जेके कैंसर हॉस्पिटल को भी मिलेगी सौगात

मेडिकल कॉलेज ऑडिटोरियम में भाषण देते वक्त डॉ। हर्षवर्धन ने जेके कैंसर हॉस्पिटल का भी जिक्र किया। उन्होंने इसे प्रदेश के अच्छे संस्थानों में से एक बताया साथ ही उसे राष्ट्रीय स्तर के संस्थान में विकसित करने की भी बात की। इस बारे में ज्वाइंट सेक्रेटरी संदीप नायर ने बताया कि जेके कैंसर इंस्टीटयूट को अपग्रेड करने के लिए अलग मद से फंड दिया जाएगा। इसकी भी रुपरेखा जल्दी ही तैयार की जाएगी।

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इसे अलग से बॉक्स में लगाएं

मेडिकल कॉलेज का कर्ज चुका गए डॉ। हर्षवर्धन

- पुराने दिनों को याद किया, जीएसवीएम की विरासत को सहेजने की ताकीद की

- हॉस्टल में अपने कमरे में गए, हॉस्टलों की दुर्दशा सुधारने को भी कहा

- हैलट इमरजेंसी, ईएनटी डिपार्टमेंट, ओपीडी और ओटी का भी निरीक्षण किया, पेशेंट्स से की बातचीत

- कॉलेज में खूब भागे नेताजी, पत्‍‌नी कभी कार में तो कभी साथ में रही

KANPUR(24 Aug.)

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री संडे को मेडिकल कॉलेज आए तो पुराने दिनों को याद किया। इसके अलावा उन्होंने छात्र जीवन में जोश में होने वाली गलतियों की तरफ भी इशारा किया। मेडिकल कॉलेज पहुंचने के बाद वह गाड़ी से डॉ मुरली मनोहर जोशी के साथ उतरे, लेकिन वहां उनकी आगवानी के लिए मौजूद डॉ। संतोष कुमार के उन्होंने पैर छुए फिर गले मिले। इसके बाद वह सांसद डॉ। मुरली मनोहर जोशी के साथ डायस पर पहुंचे, जहां उनका गर्मजोशी के साथ फैकल्टी और स्टूडेंट्स ने स्वागत किया। इसके बाद दोनों को सम्मानित भी किया गया।

कॉलेज से निकल कर उसकी अहमियत का अहसास होगा

मेडिकल कॉलेज ऑडिटोरियम में अपने पुराने दिनों को याद करते हुए उन्होंने कहा कि वह कई देशों में गए हैं लेकिन हर जगह उन्हें गणेशियन मिलते हैं। जब वह स्वास्थ्य मंत्री बनने के बाद ऑफिशियल विजिट पर अमेरिका गए थे। न्यूयार्क में ब्00 किमी सफर करके एक गणेशियन जोकि वहां के सीनियर डॉक्टर थे, उनसे मिलने आए। उन्होंने कुछ मांगा नहीं बस मिल कर चले गए। ऐसा ही अनुभव उन्हें लंदन में भी हुआ। दोनों ही उनके लिए काफी भावनात्मक क्षण थे। उन्होंने कहा कि कॉलेज से निकल कर उसकी अहमियत पता चलती है। इसलिए इस कॉलेज में एडमिशन लेना तो आसान है लेकिन गणेशियन की जो स्पीरिट है, वह उसे कॉलेज पर गर्व करने की वजह देती है। उन्होंने कहा कि इस कॉलेज में जो पारिवारिक माहौल मिलता है वह और कहीं नहीं मिलता। यही जीएसवीएम की संपदा भी है। सीनियर्स को रेस्पेक्ट और जूनियर्स को सम्मान मिलना ही चाहिए।

प्रिंसिपल से कहा, हॉस्टल से मोहब्बत उसे होगी जो उसमें रहेगा

मेडिकल कॉलेज के हॉस्टलों के दौरे पर डॉ। हर्षवर्धन ने वहां की दुर्दशा देखी। बीएच-क् से लेकर पीजी हॉस्टल जहां पढ़ाई के दौरान वह रहे थे, उन सभी जगहों पर वह गए। स्टूडेंट्स से बातचीत की। उसी दौरान खराब व्यवस्थाओं और जर्जर हालत को देख उन्होंने प्रिंसिपल डॉ। नवनीत कुमार से कहा कि आप यहां नहीं पढ़े हैं, इसलिए यहां के हॉस्टलों से भी आपको मोहब्बत नहीं है। जो हॉस्टल में रहता है, उसे ही अपने हॉस्टल से मोहब्बत होती है। उन्होंने प्रिंसिपल और वहां मौजूद अधिकारियों से हॉस्टलों को दुरुस्त और साफ सुथरा बनाने के लिए कहा। साथ ही स्टूडेंट्स से भी उसे साफ सुथरा रखने की अपील की।

गुटबाजी रही हावी

स्वास्थ्य मंत्री के मेडिकल कॉलेज में कार्यक्रम के दौरान गुटबाजी भी साफ नजर आई। एक ओर जहां प्रिंसिपल की ओर से पूरे कार्यक्रम के दौरान कई सीनियर और जूनियर फैकल्टी मेंबर्स के नाम लिए गए, लेकिन डॉ। आरती लालचंदानी का एक बार भी जिक्र नहीं किया गया। वहीं डॉ। हर्षवर्धन ने अपने भाषण में सीधे कहा कि वह प्रो। आरती लालचंदानी के बुलावे पर यहां आए हैं। वहीं जब हॉस्टल में दौरे के दौरान प्रो। आरती लालचंदानी ने कहा कि स्टाफ क्वाटर्स तो चमक रहे हैं, लेकिन हॉस्टल का बुरा हाल है तो डॉ संजय काला की उनसे बहस भी हो गई।

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हॉस्टल, हैलट और डॉ। हर्षवर्धन

भीषण गर्मी और उमस में डॉ। हर्षवर्धन ने मेडिकल कॉलेज में तीन घंटे में खूब दौड़ लगाई। पहले वह मेडिकल स्टूडेंट्स के कहने पर उनके हॉस्टलों में गए। फिर बाहर निकलते समय अनुराग रेस्त्रां पर भी रूके। उन्होंने पुराने दिनों को याद करते हुए रेस्त्रां का नाम बदलने की वजह भी पूछी फिर हैलट पहुंचे। इस दौरान वह और उनके साथ मौजूद अधिकारी पसीने से सराबोर हो गए। उनकी पत्‍‌नी नूतन भी कई जगहों पर उनके साथ गई और कई बार थक कर गाड़ी में बैठ गई। हैलट पहुंचने पर जो उन्होंने पैदल दौड़ लगाई तो कईयों के पसीने छूट गए। पहले वह इमरजेंसी गए, जहां ओटी देखा, फिर ओपीडी में ईएनटी डिपार्टमेंट जाकर डॉक्टर की कुर्सी पर भी बैठे इस दौरान उन्होंने सीएमएस डॉ। एसबी मिश्रा के साथ अपनी प्रैक्टिस के दिनों को भी याद किया। इसके बाद वह पैदल ही नए बने न्यूरो साइंस डिपार्टमेंट, आर्थो डिपार्टमेंट गए। फिर घूमते हुए मेन बिल्डिंग में बने ईएनटी डिपार्टमेंट में भी घूमे, वहां पर उन्होंने वार्डो में जाकर पेशेंट्स से भी बातचीत की और ओटी को भी देखा। इस दौरान कई बार अधिकारी उनकी फिटनेस की तारीफ भी करते दिखे, लेकिन कई दूसरे अधिकारियों की फिटनेस की पोल भी खुल गई।

जोश में गलतियां होती है, लेकिन भुगतना मेडिकोज को पड़ता है

मेडिकल कॉलेज में इस साल हुए बवाल के बारे में बोलते हुए डॉ। हर्षवर्धन ने इसे स्वाभिमान की लड़ाई बताया। साथ ही उन्होंने क्979 को हुए बवाल से तुलना करते हुए कहा कि लड़ाई छोटी सी बात से शुरु होती है। श्रीराम रेस्त्रां में भी क्979 में छोटी सी बात से बवाल शुरु हुआ, जिसके बाद मेडिकल कॉलेज में भ्क् दिन हड़ताल रही और पूरे प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों में काम ठप हो गया। उन्होंने कहा कि उस दौरान जिस पुलिस ऑफिसर को हटाने की मांग करते हुए इतने दिन बवाल किया था। बाद में पता चला कि वह बेहद ईमानदार पुलिस ऑफिसर थे। उन्होंने कहा ख्8 फरवरी के बवाल के दौरान भी उन्होंने स्टूडेंट्स की दिल्ली में रहते हुए हर संभव मदद की, लेकिन इस दौरान मैंने आरती लालचंदानी से यह भी कहा कि मामले को ज्यादा मत खींचो। उन्होंने यह भी बताया कि इस मामले में उन्होंने सुबह डीएम डॉ। रोशन जैकब से भी बात की है। उन्होंने कहा कि मेडिकोज को इस बवाल की वजह से प्रॉब्लम्स हुई है। वह उसे खत्म कराएं। जोश में कई बार गलतियां होती हैं, लेकिन आखिर में जिस व्यवस्था में हम रह रहे हैं उसमें नुकसान स्टूडेंट्स को ही होता है।

ड्रग पॉलिसी रिफार्म पर जल्द ही शुरु होगा काम

पत्रकारों से बात करते हुए डॉ। हर्षवर्धन ने जेनरिक दवाओं की कीमतों को लेकर हो रहे घालमेल के बारे में कहा कि इसके लिए वह ड्रग पॉलिसी रिफार्म का काम जल्दी ही शुरु करेंगे। साथ ही जेनरिक दवाओं के इस्तेमाल को बढ़ाया जाएगा। उनके दाम भी सुनिश्चित किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि सेंट्रल ड्रग काउंसिल की मीटिंग में वह डब्ल्यूएचओ के प्रोग्राम को इम्प्लीमेंट कराने के लिए कहेंगे।

Posted By: Inextlive