- बीआईएस एक्ट में हॉलमार्किंग ज्वैलरी में गड़बड़ी पर सख्त कानूनी कार्रवाई के भी प्रावधान

- हॉलमार्क ज्वैलरी की शुद्धता कम तो ज्वैलर्स को शुद्धता में अंतर की डबल पेनाल्टी देनी होगी

KANPUR: कस्टमर्स को प्योर गोल्ड की ज्वैलरी मिले। इसके लिए देश के 256 जिलों में सिर्फ हॉलमार्क गोल्ड ज्वैलरी की बिक्री को कंपलसरी कर दिया गया है। इसे लेकर बीआईएस एक्ट में भी कुछ प्रावधान किए गए हैं। कस्टमर को प्योर गोल्ड मिले, इसके लिए हॉलमार्किंग को लेकर कुछ सख्त कानून भी बनाए गए हैं। इसमें से कुछ प्रावधानों पर ज्वैलर्स की ओर से आपत्ति भी जाहिर की गई है,लेकिन कस्टमर्स को हॉलमार्क ज्वैलरी की अनिवार्यता से फायदा ही होने वाला है। उसे अगर दावा की गई शुद्धता से कम प्योर ज्वैलरी मिलती है तो वह ज्वैलर्स पर क्लेम भी कर सकता है। बड़ी गड़बडि़यों पर भारी जुर्माने से लेकर जेल की सजा का भी प्रावधान नए बीआईएस एक्ट में किया गया है।

ज्वैलर्स को भरेंगे डबल पैनाल्टी

हॉलमार्क ज्वैलरी की खरीद पर कस्टमर के पास उसकी शुद्धता की जांच कराने का भी अधिकार है। अगर जांच में हॉलमार्क में बताई गई शुद्धता से कम शुद्धता ज्वैलरी पर मिलती है तो कस्टमर दावा कर सकता है। सेक्शन-49 के तहत शुद्धता कम मिलने पर दावा की गई प्योरिटी और ओरिजनल प्योरिटी के अंतर की डबल पेनाल्टी लगेगी। पेनॉल्टी की यह रकम कस्टमर को मिलेगी। ऑल इंडिया ज्वैलर्स एंड गोल्डस्मिथ फेडरेशन के हॉलमार्किंग एक्सपर्ट राजीव रस्तोगी ने जानकारी दी कि सेक्शन 49 को लेकर ही ज्वैलर्स में कई भ्रांतियां हैं। जबकि एक्ट में क्लियर है कि जो शख्स पहली बार में हॉलमार्किंग कराएगा। वही प्योरिटी में मिले अंतर पर डबल जुर्माना कस्टमर को देगा। इसमें किसी तरह की अन्य कानूनी कार्रवाई का प्रावधान नहीं है।

किन गड़बडि़याें पर कानूनी कार्रवाई का प्रावधान

सेक्शन-11- डुप्लीकेट हॉलमार्किंग का इस्तेमाल

सेक्शन-26ए- बगैर रजिस्ट्रेशन के हॉलमार्क का प्रयोग

सेक्शन 14.6-बिना रजिस्ट्रेशन के हॉलमार्क सेंटर चलाना

सेक्शन 14.8- कम शुद्धता की ज्वैलरी पर हॉलमार्क का प्रयोग

सेक्शन 15- बगैर रजिस्ट्रेशन के हॉलमार्क की गई ज्वैलरी का संग्रह करना

सेक्शन 17- बगैर रजिस्ट्रेशन के हॉलमार्क ज्वैलरी का निर्माण आैर प्रदर्शन करना

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इन सेक्शन में गड़बडि़यों में कार्रवाई के प्रावधान

सेक्शन -29 ऑफ बीआईएस एक्ट

गड़बडि़यों पर सजा के प्रावधान

- सेक्शन 11 और सब सेक्शन 1 के उल्लंघन पर 5 लाख तक का जुर्माना

- एक साल की सजा या जुर्माना एक लाख से कम नहीं।

- सेक्शन 17 के उल्लंघन पर दो साल तक की सजा या जुर्माना 2 लाख से कम नहीं।

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वर्जन-

बीआईएस एक्ट में कई कानूनी प्रावधान किए गए हैं। जिसमें से कुछ को लेकर ज्वैलर्स में भी भ्रांतियां हैं। कस्टमर्स को इन नए नियमों से फायदा ही होगा। ज्वैलर्स को हॉलमार्किंग के नए नियमों को लेकर लगातार जानकारी दे रहे हैं।

- पंकज अरोरा, संयोजक, आल इंडिया ज्वैलर्स एंड गोल्डस्मिथ फेडरेशन

Posted By: Inextlive