नारामऊ के पास जीटी रोड पर शनिवार देर रात तेज रफ्तार पिकअप दूधगाड़ी ने ऑटो में टक्कर मार दी. हादसे में महिला की मौके पर ही मौत हो गई जबकि पति और बेटा गंभीर रूप से घायल हो गया. राहगीरों की मदद से दोनों घायलों को कल्याणपुर के एक निजी अस्पताल ले जाया गया जहां से उन्हें एलएलआर अस्पताल के लिये रेफर कर दिया गया. यहां इलाज के दौरान महिला के पति ने भी दम तोड़ दिया. हादसे के बाद आरोपी पिकअप चालक मौके से फरार हो गया.


कानपुर (ब्यूरो) मूलरूप से उन्नाव के आसीवन जखैला निवासी 52 साल के अशोकराज ङ्क्षसह मंधना में किराए का घर लेकर परिवार सहित रह रहे थे। वे शराब ठेके पर सेल्समैन थे। परिवार में बेटा हर्ष और बेटी साक्षी है। शनिवार देर रात अशोकराज के सीने में तेज दर्द हुआ तो 46 साल की पत्नी शालू ङ्क्षसह और बेटा हर्ष उन्हें ऑटो से लेकर कॉर्डियोलाजी दिखाने आ रहे थे। जीटी रोड पर नारामऊ पेट्रोल पंप के पास सामने से आ रही एक दूध कंपनी की पिकअप ने ऑटो में सामने से टक्कर मार दी। टक्कर इतनी भीषण थी कि शालू ङ्क्षसह के सिर में गंभीर चोट आने से उनकी मौके पर ही मौत हो गई, जबकि अशोकराज व हर्ष घायल हो गये। मौका पाकर चालक पिकअप समेत फरार हो गया। पिकअप चालक की तहरीर पर केस दर्ज
राहगीरों ने ई-रिक्शा से अशोकराज और हर्ष को कल्याणपुर के एक निजी अस्पताल भिजवाया। अशोक राज की हालत गंभीर देख डॉक्टरों ने उन्हें एलएलआर अस्पताल के लिए रेफर कर दिया। परिजन उन्हें एलएलआर अस्पताल लाए जहां दो घंटे तक उपचार के दौरान अशोकराज ने भी दम तोड़ दिया। दंपती की मौत से बेटी हर्ष, बेटी साक्षी और परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया। एसीपी कल्याणपुर विकास कुमार पांडेय ने बताया कि परिजनों की तहरीर पर पिकअप चालक के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी।एक साथ जली चिताएंपोस्टमार्टम के बाद अशोकराज और पत्नी शालू ङ्क्षसह का बिठूर घाट पर अंतिम संस्कार किया गया। एक साथ दंपती के शव को बेटे हर्ष ने मुखाग्नि दी तो लोगों की आंखे नम हो गई। बेटा हर्ष रोते हुए बोला माता-पिता की एक साथ हुई मौत से वह और छोटी बहन साक्षी दोनों अनाथ हो गये। हर्ष ने बताया कि गांव में दो-ढाई बीघा खेती है, जोकि बंजर है। अब उसकी और बहन की पढ़ाई कैसे होगी यह कहकर वह फफककर रो पड़ा।पढ़ाई में अव्वल है हर्षहर्ष ने बताया कि वह बीएससी की पढ़ाई कर रहा था। वहीं बहन साक्षी भी पढऩे में काफी होशियार है। इस साल उसने हाईस्कूल की परीक्षा में 75 प्रतिशत अंक पाए थे। माता-पिता के निधन के बाद बहन की पढ़ाई और उसके पालन-पोषण की जिम्मेदारी उसी पर आ गई है। ऐसे में उसने अपनी पढ़ाई छोडऩी पड़ेगी।

Posted By: Inextlive