- 18 महीने के अंदर तैयार किया जाएगा प्रोडक्ट, आईआईटी की बायोटेक्नोलाजी इंडस्ट्री रिसर्च असिस्टेंट काउंसिल करेगी सहयोग

- कई तरह की इनोवेटिव तकनीक आईआईटी कानपुर का स्टार्टअप इंक्यूबेशन एंड इनोवेशन सेंटर विकसित करने जा रहा

KANPUR: यदि आप दिव्यांगों की मदद करना चाहते हैं तो यह आपके लिए यह बड़ा अवसर है। आपको करना बस इतना है कि आप रोबोटिक्स हाथ-पैर और अन्य अंग बनाने वाले कृत्रिम प्रोडक्ट का आइडिया दीजिए। यदि आपका आइडिया यूनीक हुआ तो 50 लाख रुपए तक का फंड मिलेगा।

स्मार्ट प्रोडक्ट से मिलेगी मदद

खेतों में लगे सेंसर, जिनकी मदद से फसलों का पता लग सकेगा कि उन्हें कब पानी, खाद और अन्य पोषक तत्वों की आवश्यकता है। इतना ही नहीं उनमें लगने वाले बीमारी की जानकारी मोबाइल और अन्य स्मार्ट उपकरणों में आ जाएगी। कुछ इसी तरह की और भी कई तकनीक आईआईटी कानपुर का स्टार्टअप इंक्यूबेशन एंड इनोवेशन सेंटर विकसित करने जा रहा है, जिसमें कोई भी स्टूडेंट, रिसर्चर्स और टेक्निकल स्टाफ शामिल हो सकता है। यह बायोटेक्नोलाजी इंडस्ट्री रिसर्च असिस्टेंस काउंसिल (बीआईआरएसी) के सहयोग से होगा।

प्रोटोटाइप माडल तैयार करना होगा

आवेदकों के लिए योग्यता के साथ ही कई दिशा निर्देश जारी किए गए हैं। उन्हें 18 महीने के अंदर अपने आईडिया या प्लान का प्रोटोटाइप माडल तैयार करना है। इसमें संस्थान के एक्सपर्ट पूरी मदद करेंगे। आईआईटी ने इस कार्यक्रम का नाम बायोटेक्नोलाजी इग्निशन ग्रांट (बिग) रखा है। इसमें शामिल होने की अंतिम तारीख 15 सितंबर रखी गई है। तकनीक चिकित्सा, पर्यावरण, कृषि क्षेत्र, रोबोटिक कृत्रिम अंग निर्माण, दवाएं, स्वास्थ्य उपकरण आदि पर डेवलप की जाएगी।

इन क्षेत्रों में डेवलप होगी तकनीक

1. हेल्थ सेक्टर

- जीवित कोशिकाओं या जीवों से बनी जटिल दवाएं

- इंप्लांट के लिए उपकरण तैयार करना

- हेल्थ प्रोडक्ट

- शरीर के अंदर इंप्लांट होने वाले कृत्रिम उपकरण

- रोबोटिक्स पर आधारित कृत्रिम हाथ पैर

2. पौधों, पशुओं और जलीय जंतु

- पौधों, पशुओं और जलीय जंतुओं की सुरक्षा, प्रजातियों को विकसित करना, संरक्षित करने की तकनीक

3. टेक्निक

- फसलों की मानीट¨रग

- खेतों में सेंसर लगाना

- एग्रीकल्चर एरिया की मशीनें

- बीज रोपने से लेकर कटाई तक की टेक्निक

4. एनवायरमेंट

- एनवायरमेंट की सुरक्षा पर काम। जल, वायु, मृदा आदि क्षेत्रों को संरक्षित करने के लिए तकनीक का विकास किया जाएगा।

5. उद्योगों के लिए

- कई तरह के केमिकल तैयार करना

- उद्योगों के लिए प्रोडक्ट तैयार करने की तकनीक

- कुदरती तरीके से कई प्रोडक्ट बनाना

6. बायोइनफार्मेटिक्स

- जैविक डेटा को समझने के तरीके और सॉफ्टवेयर उपकरण बनाने की तकनीक

- मशीन लर्निंग

- क्लाउड कंप्यू¨टग

यह कर सकते आवेदन

- सीनियर रिसर्च फेलो

- पीएचडी रिसर्चर्स

- पोस्ट डाक

- लास्ट सेमेस्टर के छात्र

- स्वतंत्र अन्वेषक, वैज्ञानिक भावी उद्यमी

स्टार्टअप इंक्यूबेशन एंड इनोवेशन सेंटर और बायोटेक्नोलाजी इंडस्ट्री रिसर्च असिस्टेंस काउंसिल के सहयोग से अलग-अलग एरिया में तकनीक विकसित की जाएगी। इसमें आईआईटी के एक्सपर्ट रिसर्चर्स की मदद करेंगे।

- प्रो। अमिताभ बंद्योपाध्याय, इंचार्ज स्टार्टअप इंक्यूबेशन एंड इनोवेशन सेंटर, आईआईटी

Posted By: Inextlive