आईआईटी कानपुर अब नेपाल की त्रिभुवन यूनिवर्सिटी के साथ मिलकर रिसर्च वर्क करेगा. दोनों संस्थानों के फैकल्टी और शोधकर्ता आपस में एक दूसरे को सहयोग करेंगे. नेपाल की तकनीक का लाभ आईआईटी कानपुर को मिलेगा वहीं कानपुर आईआईटी के संसाधानों का लाभ नेपाल के स्टूडेंटस को मिलेगा. दोनों संस्थानों ने फ्राईडे को एमओयू साइन किया है. इसमें रिसर्च और शैक्षणिक सहयोग करने की सहमति बनी है.

कानपुर (ब्यूरो) आईआईटी कानपुर में नेपाल से आए प्रतिनिधिमंडल को संस्थान की सुविधाओं और संसाधनों से रूबरू कराया गया। नेपाल से आए प्रोफेसर्स ने सेंटर फॉर एनर्जी रेगुलेशन, पर्यावरण विज्ञान भवन (थर्मल स्टोरेज और एयर कंडीशनिंग सुविधाएं) और मैकेनिकल इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट की प्रयोगशालाओं का अवलोकन किया। उन्हें आईआईटी कानपुर में हवाई पट्टी और फ्लाइट लैब सुविधाएं भी दिखाई गईं।

कानपुर के निदेशक प्रो। अभय करंदीकर की उपस्थिति में प्रो। योगेश जोशी, डीन ऑफ इंटरनेशनल रिलेशंस, आईआईटी कानपुर और प्रो। शशिधर जोशी, इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग, त्रिभुवन यूनिवर्सिटी के डीन ने हस्ताक्षर किए.आईआईटी कानपुर और त्रिभुवन यूनिवर्सिटी का आपसी सहयोग का एक लंबा इतिहास रहा है। वर्तमान में त्रिभुवन यूनिवर्सिटी कई स्टूडेंट्स कानपुर में पढ़ाई कर रहे हैं।

नेपाल से ये लोग कानपुर आए
समारोह त्रिभुवन यूनिवर्सिटी के एक प्रतिनिधिमंडल की भारत यात्रा के दौरान आयोजित किया गया था, जिसमें प्रो सुशील बी बजराचार्य, वाइस डीन, आईओई, प्रो पेशल दहल, रजिस्ट्रार, त्रिभुवन यूनिवर्सिटी, प्रो। त्रिरत्न बजराचार्य, प्रो। भोला घिमिरे और प्रो। इंद्र आचार्य शामिल थे।

Posted By: Inextlive