सरकार गड्ढा मुक्त सडक़ होने के बड़े बड़े दावे कर रही है लेकिन वास्तविकता इससे इतर है. ट्रांसपोर्ट नगर में सडक़ की जगह सिर्फ गड्ढे ही दिख रहे हैं. वाहवाही लूटने के लिए पांच महीने पहले विधायक महेश त्रिवेदी ने ट्रांसपोर्ट नगर की दो सडक़ों का शिलान्यास तो जल्दबाजी में कर दिया पांच महीने में सडक़ बनाने का जिम्मा भी पीडब्ल्यूडी को सौंप दिया गया लेकिन इसका बजट पास न होने से ठेकेदार ने काम अधूरा छोड़ दिया है.

कानपुर(ब्यूरो)। सरकार गड्ढा मुक्त सडक़ होने के बड़े बड़े दावे कर रही है लेकिन वास्तविकता इससे इतर है। ट्रांसपोर्ट नगर में सडक़ की जगह सिर्फ गड्ढे ही दिख रहे हैं। वाहवाही लूटने के लिए पांच महीने पहले विधायक महेश त्रिवेदी ने ट्रांसपोर्ट नगर की दो सडक़ों का शिलान्यास तो जल्दबाजी में कर दिया, पांच महीने में सडक़ बनाने का जिम्मा भी पीडब्ल्यूडी को सौंप दिया गया, लेकिन इसका बजट पास न होने से ठेकेदार ने काम अधूरा छोड़ दिया है। जिसका खमियाजा रोजाना हजारों पब्लिक और कारोबारियों को भुगतना पड़ रहा है। ऐसे में सवाल है कि क्या सरकारें चुनाव के नजदीक आने पर ही जागेंगी या उससे पहले ही बदहाल सडक़े ठीक करवा दी जाएंगी। बहरहाल दावा था कि 13 करोड़ में नए पुल से लेकर बंगाली होटल तिराहे तक 1000 मीटर और ट्रांसपोर्ट नगर चौराहे से जूही नहरिया 900 मीटर लंबाई और 18 मीटर चौड़ा बनाया जाएगा, लेकिन हालत जस के तस है।

सपने बड़े, धरातल पर स्थिति जीरो
बदहाल सडक़ों की हालत जानने के लिए थर्सडे दोपहर 12.30 बजे दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की टीम ट्रांसपोर्ट नगर पहुुंची। यहां के हालत बद् से बद्तर थे। टूटी सडक़ें, धूल के गुबार, सडक़ों पर कीचड़, जाम, नालियों की निकासी न होना, बीच सडक़ गिट्टी और मिट्टी का ढेर लगा हुआ था। यहां पर बाइक खड़ी करने पर तुरंत सीट पर धूल की परत चढ़ गई। दुकानदारों से पूछा तो उनका यही कहना था कि मत पूछो भैया लगता ही नहीं हम कानपुर में हैं, यहां नेता बड़ा बड़ा सपना तो दिखाते हैं, लेकिन धरातल पर इनकी स्थिति जीरो है।

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साहब! पहले कोरोना ने मार दिया, अब कुछ अफसरों की लापरवाही की वजह से पिछले दो महीने से बिजनेस की हालत पतली है। अगर यही हाल रहा तो हम लोगों को बिजनेस पूरा चौपट हो जाएगा।
सुभाष चंद्र


सपना दिखाया गया कि 13 करोड़ में ट्रांसपोर्ट नगर की रोड को चकाचक कर दिया जाएगा, ताकि बिजनेस बढऩे के अलावा जाम से निजात मिल सके, लेकिन धरातल पर स्थिति बिल्कुल उलट है।
महेश


पिछले करीब दो महीने से सडक़ खोदी गई है, लेकिन अब इसे बनाने कोई नहीं आ रहा है। यहां पर इतनी धूल है कि पांच मिनट खड़ा होना भी दुश्वार है। पब्लिक की आवाज को हमेशा दबा दिया जाता है।
शिवम


ट्रांसपोर्ट नगर से बाकरगंज तक यही हाल है। अगर सडक़ नहीं बनानी थी तो खोदी ही क्यों गई थी। पहले हाल फिर भी ठीक था, लेकिन अब हालत इतने बुरे हैं कि यहां दो मिनट खड़ा रहना मुश्किल है।
प्रभजोत सिंह


शुरूआती दौर में ठेकेदार में कुछ काम भी किया है, लेकिन अब बजट न आने की वजह से काम नहीं हो पा रहा है। हम लोग बजट पास कराने में लगे हुए हैं, जैसे ही क्लीयर होगा, रोड बनाना शुरू कर दिया जाएगा।
नीरज पांडेय, अवर अभियंता, पीडब्ल्यूडी

क्या बोले विधायक
किस्त न जमा होने के कारण काम को रोका गया है। इसके बारे में हमे जानकारी मिली थी। जल्द ही काम को शुरू कराया जाएगा।
महेश त्रिवेदी, विधायक

कई बार की शिकायत
दिवाली के बाद से सडक़ खोद कर छोड़ दी गई है। जिससे आम लोगों के अलावा कारोबारियों को काफी नुकसान हो रहा है। कई बार पीडब्ल्यूडी को शिकायत भी की है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं होती हैं, अगर यही हाल रहा तो सडक़ बन जाना अब राम भरोसे हैं
मनोज कुमार राठौर, पार्षद, ट्रांसपोर्ट नगर

यहां इतनी बननी है सडक़
ट्रांसपोर्ट नगर से बाकरगंज चौराहा होते हुए जूही नहरिया तक
लंबाई - एक किलोमीटर
वर्तमान चौड़ाई-14 मीटर
नई चौड़ाई - 18 मीटर
लागत - 7.56 करोड़

ट्रांसपोर्ट नगर चौराहे से जूही नहरिया जाने वाली सडक़
लंबाई - 900 मीटर
वर्तमान लगभग चौड़ाई - नौ मीटर
नई चौड़ाई - 18 मीटर
लागत - 8.80 करोड़

Posted By: Inextlive