मौसम में हो रहे परिवर्तन की वजह से इंफ्लुएंजा वायरस और मजबूती के साथ वापस आया है. इंफ्लुएंजा वायरस ने शॉक सिंड्रोम के साथ एंट्री की है. ऐसे में पेशेंट लो बीपी की वजह से बेहोशी की हालत में इमरजेंसी में एडमिट हो रहे है. चिंता की बात यह है कि बीते वर्ष इंफ्लुएंजा का वायरस सिर्फ लीवर में अटैक कर रहा था लेकिन शॉक सिंड्रोम के साथ आया इंफ्लुएंजा का नया वायरस किडनी लीवर हार्ट के साथ बॉडी के अन्य आर्गन भी डैमेज कर रहा है.

कानपुर (ब्यूरो)। मौसम में हो रहे परिवर्तन की वजह से इंफ्लुएंजा वायरस और मजबूती के साथ वापस आया है। इंफ्लुएंजा वायरस ने शॉक सिंड्रोम के साथ एंट्री की है। ऐसे में पेशेंट लो बीपी की वजह से बेहोशी की हालत में इमरजेंसी में एडमिट हो रहे है। चिंता की बात यह है कि बीते वर्ष इंफ्लुएंजा का वायरस सिर्फ लीवर में अटैक कर रहा था, लेकिन शॉक सिंड्रोम के साथ आया इंफ्लुएंजा का नया वायरस किडनी, लीवर, हार्ट के साथ बॉडी के अन्य आर्गन भी डैमेज कर रहा है। लिहाजा समय पर ट्रीटमेंट न मिलने पर यह जानलेवा भी साबित हो सकता है।

शॉक सिंड्रोम में जाने से बीपी हो जाता लो
इंफ्लुएंजा के संक्रमण से ग्रसित होने के बाद पेशेंट की अचानक तबीयत बिगडऩे से वह शॉक सिंड्रोम में चले जा रहे हैं और उनका ब्लड प्रेशर काफी तेजी से नीचे गिर रहा है। ऐसे में पेशेंट की किडनी, लिवर, हार्ट काम करना भी बंद कर सकते है। लिहाजा तेज सिर दर्द, बुखार, जुकाम, उल्टी व दस्त आने के बाद एक से दो दिन में आराम न मिले तो उसे नार्मल वायरल समझने की भूल न करे। पेशेंट को तत्काल किसी एक्सपर्ट डॉक्टर को दिखाएं और परामर्श लें।


डेली भर्ती हो रहे 8 से 10 पेशेंट
हैलट हॉस्पिटल की मेडिसिन डिपार्टमेंट की ओपीडी में डेली लगभग पांच सौ पेशेंट ट्रीटमेंट कराने पहुंचे रहे हैं। जिनमें अधिकांश पेशेंट खांसी, जुकाम, वायरल बुखार, सिर में तेज दर्द, पेट दर्द, उल्टी-दस्त व शरीर में कमजोरी के साथ सांस लेने में हो रही समस्या लेकर आ रहे हैं। मौसम के बदलाव की वजह से इंफ्लुएंजा वायरस शॉक सिंड्रोम लोगों को अपनी गिरफ्त में ले रहा है। जिसमें पेशेंट बेहोशी की हालत में ओपीडी और इमरजेंसी लाए जा रहे हैं। पेशेंट के अटेंडेंट जुकाम व बुखार के बाद उल्टी या दस्त आने का लक्षण बता रहे है। इसके बाद पेशेंट को सांस लेने में दिक्कत होने की बात कह रहे है। ओपीडी में जांच कराने पर ब्लड प्रेशर काफी लो देखने को मिल रहा है।

कुछ केसों में वेंटीलेटर तक पड़ रही जरूरत
मेडिकल कॉलेज के संचारी रोग के नोडल आफिसर डॉ। बीपी प्रियदर्शी ने बताया कि इंफ्लुएंजा ग्रस्त पेशेंट के शॉक सिंड्रोम में चले जाने से सेप्सिस हो जाता है। इससे किडनी, लिवर, हार्ट समेत शरीर के अंग भी प्रभावित हो सकते है। ब्लड प्रेशर ज्यादा गिरने पर पेशेंट को वेंटिलेटर पर रखना पड़ता है। वही, इंफ्लुइंजा ग्रस्त पेशेंट को निमोनिया भी हो सकता है। वायरस के लक्षणों में बदलाव होते रहते है। ऐसे में सावधानी बरतना जरूरी है।


Posted By: Inextlive