गोल्ड और सिल्वर ज्वैलरी की हॉलमार्किंग कंपलसरी हो चुकी है. वहीं ज्वैलर्स के पास मौजूद बिना हॉलमार्क की गई ज्वैलरी का पुराना स्टॉक अब नहीं बेचा जा सकेगा. अगर कोई रजिस्टर्ड ज्वैलर्स ऐसा करता पाया जाता है तो बीआईएस के अधिकारी ऐसे स्टॉक को सीज भी कर सकते हैं. मालूम हो कि पुराने स्टॉक को निकालने के लिए बीआईएस की ओर से 30 नवंबर तक की डेडलाइन दी गई थी जोकि अब पूरी हो चुकी है.

कानपुर (ब्यूरो) बीआईएस की हालमार्किंग कमेटी के मेंबर पंकज अरोरा बताते हैं कि बीआईएस की ओर से हालमार्क ज्वैलरी की बिक्री को अनिवार्य करने के साथ ही ऐसा न करने पर होने वाली कार्रवाई को लेकर कई नियमों में संसोधन किया है। किन स्थितियों में ज्वैलर्स के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है। बीआईएस अधिकारियों के कार्यक्षेत्र का भी निर्धारण किया गया है। जिससे बाजार में सिर्फ हालमार्क ज्वैलरी की बिक्री को सुनिश्चित किया जा सकेगा। इसका सीधा फायदा कस्टमर्स को मिलेगा। उन्हें श्ुाद्ध सोने और चांदी से बनी ज्वैलरी की गारंटी मिलेगी।

मार्केट सर्विलांस को लेकर क्या दिशा निर्देश -
- बीआईएस के ब्रांच आफिस की ओर से हर साल कम से कम एक बाजार जहां हॉलमार्क रजिस्टर्ड ज्वैलर्स होंगे वहां का सर्विलांस करना होगा।
-मार्केट सर्विलांस बीआईएस के अधिकारियों की ओर से या उनकी ओर से ऑथराइज किए गए हॉलमार्किंग एजेेंट्स के जरिए होगा।
- हॉलमार्किंग सेंटर से भी कम से कम ज्वैलरी आर्टिकल का भी सैंपल लिया जाएगा।
- ब्रांच ऑफिस के हेड की ओर से अलॉट किए गए ज्वैलर्स के यहां सर्विलांस के दौरान अधिकारी को अपना आई कार्ड और ऑथराइजेशन लेटर साथ रखना होगा।
- महीने के 15 दिन कम से कम हालमार्किंग एजेंट ज्वैलर्स का मार्केट सर्विलांस करेंगे।
- बीआईएस अफसर और एजेंट सर्विलांस के दौरान इस काम के लिए बनाए गए बीआईएस के मोबाइल एप का प्रयोग करेंगे।

Posted By: Inextlive