शहर में तेंदुए के घुसने से नवाबगंज से लेकर आसपास के सभी पाश इलाके में चार दिन से दहशत का आलम है. शाम होते ही क्षेत्र के लोग बच्चों और अपने पालतू जानवरों को बाहर निकलने नहीं दे रहे हैं. वन विभाग के अफसर जहां तेंदुए को पकडऩे के लिए वीएसएसडी कॉलेज कैंपस के पीछे स्थित जंगल में जाल बिछाए बैठे रहे वहीं देर रात तेंदुआ गंगा बैराज पर पहुंच गया. इस दौरान बैराज के गेट पर बैठे गार्ड और एक कर्मचारी से उसका आमना-सामना भी हुआ. गार्ड ने टार्च की रोशनी डाली तो तेंदुआ आंख से ओझल हो गया. बैराज के गेट के पास से घुसे तेंदुए के पग मार्क बोटेनिकल गार्डन की ओर मिले. अब वन विभाग के अफसर इस तेंदुए को ट्रैक करने के लिए अब नाइट विजन कैमरों की मदद ले रहे हैं. इसके लिए 10 नाइट विजन कैमरे अलग-अलग जगहों पर लगाए जा रहे हैं. जिनके सामने से गुजरने से फोटो क्लिक हो जाएगी. हालांकि अभी कोई खास कामयाबी नहीं मिली है.

कानपुर (ब्यूरो) गंगा बैराज पर नाइट डयूटी करने वाले गार्ड हनुमान प्रसाद ने बताया कि रात 2.35 बजे वह बैराज के गेट बने गार्डरूम में ही था। वहीं बैराज पर काम करने वाले कर्मचारी राजेश अवस्थी के मुताबिक बैराज के गेट पर ही दो कुत्ते भी रहते हंै। वह एकदम से भौंकने लगे तो वह कंट्रोल रूम के बाहर आए। अंधेरा होने की वजह से उन्होंने एक बड़े आकार का तेंदुए जैसा जानवर बैराज के गेट के पास लगी जाली से घुसता देखा। तो उन्होंने गार्ड रूम में मौजूद गार्ड हनुमान को फोन किया कि वह बाहर न निकले। हनुमान प्रसाद बताते हैं कि तेंदुआ गार्ड रूम तक पहुंच गया। जब उन्होंने उसे भगाने के लिए अपनी बंदूक तानी और टार्च जलाई तो वह बोटेनिकल गार्डन की तरफ जाली कूद कर भाग निकला। उसके पंजों के निशान बैराज गेट के पास से बोटेनिकल गार्डन की खाली पड़ी बिल्डिंग की ओर जाते मिले है। उस जगह के आसपास बड़ा घना एरिया है। जहां वह रुक भी सकता है। छिप भी सकता है। कर्मचारी राजेश अवस्थी के मुताबिक जो कुत्ते बैराज के गेट पर दिखते थे वह भी रात से नहीं दिखे है।


नाइट विजन कैमरे लगाए
ट्यूजडे को तेंदुए को पकडऩे के लिए वन विभाग की ओर से 10 नाइट विजन कैमरे लगाने का काम शुरू हुआ। इसके अलावा तेंदुए को बेहोश करने के लिए ट्रैैंकुलाइजर गन भी मंगाई गई है। वन अधिकारी एलएस कुशवाहा के मुताबिक 10 नाइट विजन कैमरों को घने जंगल वाले क्षेत्रों में लगाया जाएगा। 7 कैमरे एसडी कॉलेज के पीछे के जंगल के आसपास लगाए जा रहे हैं। जिससे तेंदुए के मूवमेंट का पता चल सके।

चारे में बांधी बकरी मरी
एसडी कॉलेज के पीछे तेंदुए को पकडऩे के लिए वन विभाग की ओर से एक पिंजड़ा दो दिन से लगाया गया है। तेंदुए को पिंजड़े में पकडऩे के लिए उसमें एक बकरी भी बांधी गई थी, लेकिन टयूजडे को वह बकरी भी मर गई। वन अधिकारियों के मुताबिक रात भर ठंड में रहने की वजह से उसकी मौत हो गई।

Posted By: Inextlive