- सामान्य दवाएं मिल जाती हैं, महंगे इंजेक्शन बाहर से खरीदने पड़ते

- तीमारदार के हाथ में इंजेक्शन देखकर डीएम के सामने खुली पोल

KANPUR: करोड़ों रूपए का बजट होने के बावजूद हैलट में एडमिट पेशेंट्स के लिए फैमिली मेंबर्स को बाहर से दवाएं खरीदकर लानी पड़ती है। दवाओं का यह खेल डीएम आलोक तिवारी के निरीक्षण के दौरान एकबार फिर खुलकर सामने आ गया। पेशेंट्स व तीमारदारों ने बताया कि सामान्य दवाएं तो मिल जाती है, लेकिन महंगी दवाएं बाहर से लानी पड़ती है। इस दौरान मेरोपेनम इंजेक्शन लाता तीमारदार भी मिला। डीएम के पूछने पर उसने बताया कि इंजेक्शन 385 रुपये में बाहर से खरीदकर ला रहे हैं। इस पर डीएम ने जीएसवीएम प्रिंसिपल से नाराजगी जताई।

सभी दवाएं उपलब्ध

दरअसल वायरल बुखार का कहर बरपा रहा है। इससे अब एडमिनिस्ट्रेशन ऑफिसर भी अलर्ट हो गए हैं। फ्राईडे को डीएम आलोक तिवारी हैलट पहुंचे। डीएम ने मरीजों से दवाएं और खाना मिलने को लेकर पूछताछ की। प्रिंसिपल प्रो। संजय काला ने कहा कि हॉस्पिटल में सभी दवाएं उपलब्ध हैं, इंडेंट भेजने पर ही दवाएं मिलती हैं। डीएम ने कहा कि किसी भी मरीज को बाहर से दवा न लानी पड़े यह सुनिश्चित करें। इस दौरान विभागाध्यक्ष प्रो। यशवंत राव, सीएमएस डा। शुभ्रांशु शुक्ला, डा। नेहा अग्रवाल एवं सीएमएस डा। मनीष यादव मौजूद रहे। बाद में डीएम ने उर्सला हॉस्पिटल का भी निरीक्षण किया।

इंजेक्शन को लेकर आमने-सामने

डीएम के निरीक्षण के दौरान महंगे इंजेक्शन बाहर से मंगवाए जाने का मामला उठ गया। डीएम के जाने के बाद प्राचार्य प्रो.संजय काला ने बाल रोग विभागाध्यक्ष प्रो। यशवंत राव को निर्देश देते हुए कहा कि बाहर से इंजेक्शन न मंगाएं जाएं। इस पर विभागाध्यक्ष प्रो। राव ने कहा कि एलएलआर अस्पताल के मेन ड्रग स्टोर में इंडेंट भेजा जाता है। ड्रग स्टोर के फार्मासिस्ट इंडेंट में मेरोपेनम इंजेक्शन काट देते हैं। इसलिए बाहर से मंगाना पड़ता है। इसको लेकर प्राचार्य और विभागाध्यक्ष के बीच बहस भी हुई।

Posted By: Inextlive