24 दिन की फरारी में पुलिस की गिरफ्त में आने से बचने के लिए इरफान लगातार भाग रहे थे. कानपुर से लखनऊ लखनऊ से दिल्ली दिल्ली से मुंबई और फिर मुंबई से ट्रक में सवार होकर हैदराबाद. इस दौरान 7 सिमकार्ड बदले और चार मोबाइल फोन. कभी भी फोन कालिंग का यूज नहीं किया हमेशा व्हाट्सएप कॉलिंग करता था. पहली बार जब पुलिस ने जाजमऊ स्थित घर पर भारी फोर्स के साथ दबिश दी थी तो भी इरफान घर पर ही थे और पड़ोसी के घर से फांद कर निकल गए थे. शुक्रवार को सरेंडर करने के बाद जेल भेजे जाने के पहले पुलिस लाइन में सीनियर ऑफिसर्स के सवालों के जवाब में इरफान ने यह खुलासा किया. फरारी के दौरान वो कहां रहे और पुलिस से कैसे बचते रहे. पुलिस की पूरी ताकत झोंकने के बाद भी वह पकड़ में क्यों नहीं आए. किसने किसने मदद की कहां ठहरे... ऐसे ही करीब 80 से ज्यादा सवाल पुलिस अधिकारियों ने इरफान से पूछे.

कानपुर (ब्यूरो) ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर आनंद प्रकाश तिवारी ने बताया कि कानपुर से लखनऊ पहुंचने के बाद विधायक नोएडा और फिर दिल्ली पहुंचे। दिल्ली से फ्लाइट से मुंबई अपने साले के पास शरण ली। वहां पुलिस के आने की भनक लगने पर हैदराबाद भाग निकले। यहां कुछ दिन फरारी काटने के बाद पुलिस से बचने के लिए विधायक ट्रक में बैठकर नागपुर पहुंचे। फिर उच्जैन होते हुए राजस्थान में अपने पुरखों के शहर नागौर पहुंचे थे।

पड़ोसी के घर से भागे थे
पुलिस अफसरों ने पुलिस लाइन में शुक्रवार को करीब 3 घंटे तक विधायक इरफान सोलंकी और उनके भाई से पूछताछ की। पुलिस ने पूछा कि 8 नवंबर को दबिश दी तो कहां थे? विधायक ने बताया कि घर पर ही थे, लेकिन भारी पुलिस फोर्स देख कर पीछे पड़ोसी के मकान पर फांद कर वह भाग निकले थे। इसके बाद नूरी शौकत ने उन्हें पनाह दी।

आधार कार्ड पर कुछ साफ नहीं कहा
फर्जी आधार कार्ड के सवाल पर विधायक ने कुछ भी साफ-साफ नहीं कहा, लेकिन जब फोटो, वीडियो दिखाया तब वह बोले मुझे फंसाया जा रहा, मेरी मदद करो। महिला के घर आग लगाने पर उन्होंने कहा कि आपके पास एक भी सुबूत हो तो बताइए। मैंने महिला के घर में आग नहीं लगाई है।

Posted By: Inextlive