- संडे सुबह दबौली के लोग घर से टहलने निकले तो रेलवे ट्रैक किनारे कुछ दूरी पर दो शव मिलने से मची सनसनी

- एक युवक की सिर पर धारधार हथियार से हमला कर हत्या, पूरे शरीर पर चोट के निशान,दूसरे की नहीं हुई शिनाख्त

KANPUR: शहर में ताबड़तोड़ वारदातों का सिलसिला जारी है। गोविंद नगर के दबौली में युवक की हत्या कर उसे हादसे का रूप देने के लिए शव रेलवे ट्रैक के किनारे फेंक दिया। हत्यारों ने युवक के सिर पर धारदार हथियार से हमला करने के साथ पूरे शरीर पर कई वार किए। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में हत्या की पुष्टि हो गई है। जिसके बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर हत्यारों की तलाश शुरू कर दी है। पुलिस के मुताबिक, युवक के शरीर में एल्कोहल भी मिला है। इसलिए माना जा रहा है शराब पीने के बाद किसी बात को लेकर विवाद हुआ जिसके बाद वारदात को अंजाम दिया गया। वहीं घटना स्थल से कुछ दूरी पर एक और शव मिला है जिसकी शिनाख्त नहीं हुई है।

हजारों लोग आ गए ट्रैक पर

दबौली इलाके में संडे सुबह लोग टहलने निकले तो रेलवे ट्रैक के पास चंद कदमों की दूरी पर दो शव मिलने से सनसनी फैल गई। पहले शव की जानकारी मिलते ही गोविंद नगर पुलिस मौके पर पहुंची और शव कब्जे में लिया। अभी पंचनामा भरा ही जा रहा था कि लगभग 800 मीटर दूर एक और युवक की डेडबॉडी मिलने की जानकारी पुलिस को हुई। चंद कदमों पर एक साथ दो शव की जानकारी मिलने पर हड़कंप मच गया। देखते ही देखते इलाके के हजारों लोग रेलवे ट्रैक पर आ गए। जिसके बाद फोरेंसिक टीम भी मौके पर पहुंची और इविडेंस कलेक्ट किए। पुलिस ये भी पता लगा रही है कि क्या दोनों शवों का आपस में कोई संबंध है।

7 बजे घर से निकला था

पुलिस मामले की तफ्तीश कर ही रही थी, इसी बीच दबौली गांव के पास मिले शव को देख कुछ लोग रोने लगे। पुलिस ने जानकारी की तो पता चला कि शव बर्रा-7 निवासी विकास गुप्ता का है। विकास की पहचान उनके पिता राम किशन गुप्ता ने की। राम किशन ने बताया कि उनका बेटा विकास दादा नगर ढाल पर सब्जी का ठेला लगाता था। सैटरडे को विकास और उनकी मां मायादेवी एक साथ दुकान लगाए थे। शाम 7 बजे विकास बिना कुछ बताए घर से चला गया था। देर रात तक न लौटने पर परिवार वाले उसकी तलाश कर रहे थे। बेटे विकास की डेडबॉडी मिलने की जानकारी पिता ने परिवार में दी तो कोहराम मच गया।

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परिजनों ने लगाया हत्या का आरोप

पुलिस के मुताबिक, दोनों शवों पर मिली चोटों में एक गंभीर चोट सिर पर मिली है। इसके अलावा कमर में चोट और रगड़ के निशान हैं। पुलिस ने बताया कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में विकास के सिर पर गहरी चोट के तीन निशान मिले हैं। जबकि शरीर पर भी एक दर्जन से ज्यादा चोट के निशान मिले हैं। सवाल ये उठता है कि आखिर विकास रेलवे ट्रैक के पास क्यों गया? जबकि दबौली गांव के पास न तो उसका कोई मिलने वाला रहता है और न ही रिश्तेदार। पुलिस ने पहले मामले को हादसे का रूप देने की कोशिश को परिजनों ने पुलिस की थ्योरी को नकारते हुए जमकर हंगामा भी किया। वहीं शाम को पीएम रिपोर्ट आने पर पुलिस की कहानी पर ब्रेक लग गया।

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काम नहीं मिला ताे जान दे दी

पहले लॉकडाउन में नौकरी चली गई। किसी तरह दिन गुजारे लेकिन जब अनलॉक होने पर भी कहीं काम नहीं मिला तो जीतेंद्र कुमार को कोई और रास्ता न सूझा। आखिर उसने नया पुल के नीचे से जा रहे रेलवे ट्रैक पर सिर रखकर जान दे दी। सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव कब्जे में लेकर परिजनों को हादसे की जानकारी दी। पत्नी सरिता देवी ने बताया कि पति पहले हरिद्वार में नौकरी करते थे.लॉकडाउन की वजह से नौकरी छूट गई थी। अनलॉक होने पर काम की तलाश में जीतेंद्र भटकते रहे, लेकिन काम नहीं मिला। सैटरडे दोपहर बाद जीतेंद्र घर से बिना कुछ कहे निकले थे। देर शाम उनकी सुसाइड की जानकारी मिली।

Posted By: Inextlive