सिटी के सबसे बड़े एलएलआर अस्पताल में इलाज में बड़ी लापरवाही का मामला सामने आया है. किडनी की प्रॉब्लम होने पर डायलिसिस के लिए भर्ती हुए युवक की डायलिसिस नहीं हो सकी. अस्पताल में उसे बेड भी नहीं मिला. हालत बिगड़ी तो परिजन जान बचाने के लिए उर्सला अस्पताल ले गए. जहां शाम को उसने दम तोड़ दिया.

कानपुर (ब्यूरो) गोविंद नगर निवासी इदं्रेश को किडनी की प्रॉब्लम थी। उसे समय समय पर डायलिसिस कराना होता था। बहन राधिका के मुताबिक संडे शाम को भाई को हैलट इमरजेंसी में डॉ.समीर गोविल की यूनिट में भर्ती कराया था। उसकी डायलिसिस होनी थी। रात को उसे वार्ड-14 भेज दिया। बहन के मुताबिक वार्ड में सभी बेड फुल थे। किसी तरह फर्श पर ही चादर बिछा कर रात गुजारी। इस दौरान वहां मौजूद रेजीडेंट ने उन्हें ब्लड लाकर चढ़वाने के लिए कहा। आरोप है कि बिना ब्लड चढ़ाए डायलिसिस करने से मना कर दिया। मंडे सुबह इंद्रेश की हालत और बिगड़ गई। कोई सुनवाई नहीं होने पर परिजन उसे प्राइवेट एंबुलेंस से उर्सला लेकर भागे और भर्ती कराया। शाम को डायलिसिस के बाद ही उसकी मौत हो गई।

कम था हीमोग्लोबीन
मेडिसिन डिपार्टमेंट की हेड प्रो.रिचा गिरि ने जानकारी दी कि पेशेंट का हीमोग्लोबीन 5 था। 8 से कम हीमोग्लोबीन होने पर डायलिसिस नहीं की जाती है। इसलिए पेशेंट के तीमारदारों को रेजीडेंट ने एक यूनिट ब्लड लाने के लिए कहा था। जिसे चढ़ाने के बाद डायलिसिस की जाती, लेकिन उससे पहले ही परिजन पेशेंट लेकर चले गए। वार्ड में सभी बेड फुल चल रहे हैं। डिपार्टमेंट में 450 पेशेंट का इलाज हो रहा है।

Posted By: Inextlive