-ट्रेन पैसेंजर्स की तबियत बिगड़ने पर रेलवे की ओर से मिलने वाली फ्री मेडिकल सर्विस बंद, देना होगा चार्ज

-डॉक्टर को दिखाने के लिए कटवानी होगी 100 रुपए की ईएफटी, मेडिसिन भी चाहिए तो लगेगा एक्स्ट्रा चार्ज

KANPUR। अब ट्रेन में सफर के दौरान अगर आपकी तबियत खराब होती है और मेडिकल सर्विस की जरूरत पड़ती है तो रेलवे फ्री में ट्रीटमेंट नहीं करेगा। इसके लिए पैसेंजर्स को निर्धारित फीस देनी होगी। मेडिसिन का चार्ज अलग से देना होगा। रेलवे अधिकारियों का कहना है कि कई बार लोग छोटी-मोटी समस्या पर भी कंट्रोल रूम में कॉल कर रेलवे डॉक्टर्स को बुला लेते थे। जिससे काफी समस्या होती है। ऐसे लोगों के चक्कर में जरूरतमंदों को समय पर ट्रीटमेंट नहीं मिल पाता था। इसीलिए रेलवे ने नया नियम लागू करते हुए अब मेडिकल सर्विस लेने के लिए डॉक्टर की निर्धारित फीस तय कर दी है।

लेना होगा एक्सेस फेयर टिकट

रेलवे अधिकारियों के मुताबिक जो पैसेंजर डॉक्टर की सेवा लेगा, उसे 100 रुपए ईएफटी 'एक्सेस फेयर टिकट' कटवाना होगा। यह टिकट ट्रेन में मौजूद टीटीई स्टाफ काटेगा। जिसकी एक कॉपी पैसेंजर को भी दी जाएगी। डॉक्टर की फीस के अलावा अगर पैसेंजर दवाइयां लेता है तो उसका चार्ज अलग से पैसेंजर को देना होगा।

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पूरे एनसीआर रीजन में लागू

गौरतलब है कि कोरोना काल के पहले तक ट्रेन में जर्नी के दौरान अचानक किसी पैसेंजर की तबियत खराब होने पर रेलवे उसको फ्री में डॉक्टर की सर्विस के साथ मेडिसीन उपलब्ध कराता था। कोरोना काल में ट्रेन सर्विस बहाल होने के बाद रेलवे ने इस सर्विस में बदलाव कर निर्धारित चार्ज लेने का आदेश दिया है। जो कानपुर समेत एनसीआर रीजन में लागू हो चुका है।

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ऐसी मिलती मेडिकल सर्विस

एनसीआर पीआरओ अमित मालवीय ने बताया कि अगर जर्नी के दौरान किसी पैसेंजर को मेडिकल सर्विस लेनी है तो उसको मामले की जानकारी ट्रेन में मौजूद टीटीई को देनी होगा। टीटीई कंट्रोल रूम में मैसेज कर पैसेंजर्स का नाम, टिकट का पीएनआर नंबर, कोच, सीट नंबर व समस्या नोट कराकर मेडिकल सर्विस मुहैया कराने का आग्रह करेगा। इसके बाद ट्रेन के अगले स्टॉपेज पर रेलवे के डॉक्टर व फार्मासिस्ट स्टाफ पहले से मौजूद रहेगा। जो पैसेंजर्स का ट्रीटमेंट करेंगे। अगर मरीज सीरियस है तो उसको एंबुलेंस के माध्यम से हॉस्पिटल में भर्ती कराएंगे।

-8 घंटे की शिफ्ट में 8-10 मैसेज आते थे पहले

-2 से 3 मैसेज ही आते हैं अब मौजूदा शिफ्ट में

-24 घंटे में करीब 15 पैसेंजर्स को मेडिकल सर्विस दी जाती है

-100 रुपए की ईएफटी कटवानी होगी मेडिकल सर्विस के लिए

-1 डॉक्टर इमरजेंसी सर्विस के लिए 24 घंटे तैनात रहता है

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कई बार छोटी-मोटी समस्याओं को लेकर डॉक्टर की सेवा मुहैया कराने को लेकर कंट्रोल रूम में मैसेज आते हैं। ऐसी स्थिति में उन्हें उपचार मुहैया नहीं हो पाता, जिनको ज्यादा जरूरत है। निर्धारित चार्ज लगाने से कंट्रोलरूम में वही पैसेंजर्स मैसेज करेंगे, जिनको डॉक्टर की अधिक जरूरत है।

-अमित मालवीय, पीआरओ, एनसीआर

Posted By: Inextlive