अंडरग्राउंड वाटर लेवल के लगातार घटना भूगर्भ विभाग के अधिकारियों के लिए सिरदर्द बन गया है. कई इलाकों में वाटर लेवल घटने से विभाग ने बिना परमीशन सबमर्सिबल लगाने वाले फैक्ट्रियों पर शिंकजा कसने की तैयारी की है. शुरूआती दौर में शहर के विभिन्न पेठा कारखानों को बिना परमीशन के सबमर्सिबल लगाने पर नोटिस जारी करना शुरू कर दिया गया है.

कानपुर(ब्यूरो)। अंडरग्राउंड वाटर लेवल के लगातार घटना भूगर्भ विभाग के अधिकारियों के लिए सिरदर्द बन गया है। कई इलाकों में वाटर लेवल घटने से विभाग ने बिना परमीशन सबमर्सिबल लगाने वाले फैक्ट्रियों पर शिंकजा कसने की तैयारी की है। शुरूआती दौर में शहर के विभिन्न पेठा कारखानों को बिना परमीशन के सबमर्सिबल लगाने पर नोटिस जारी करना शुरू कर दिया गया है। भूगर्भ विभाग की जांच में सामने आया कि अधिकतर पेठा कारखाने व अन्य फैक्ट्रियां बिना परमीशन के सबमर्सिबल लगाया है।

शासन ने एक्ट बनाया है
अंडरग्राउंड वाटर लेवल को घटते देख शासन ने इस पर लगाम लगाने के लिए एक्ट बनाया है। वर्ष 2020 से प्रभावी इस नियम के तहत कॉर्मिशयल, इंफ्रास्ट्रक्चर, इंडस्ट्रियल व घरों में लगे सबमर्सिबल, ट्यूबवेल की बोरिंग कराने से पहले भूगर्भ जल प्रबंधन परिषद से एनओसी लेना कंपल्सरी कर दिया गया था। भू गर्भ जल विभाग पहले तय मानकों के बाद ही एनओसी देता है, लेकिन भूगर्भ विभाग की जांच में सामने आया कि ज्यादातर फैक्ट्रियों में नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही है। जिसके बाद विभाग ने सर्वे के बाद सभी को नोटिस भेजना शुरू कर दिया गया है। आंकड़ों के मुताबिक, विभाग की जांच में अबतक दो सौ से अधिक फैक्ट्रियां नियमों की धज्जियां उड़ा रही है, जो जाजमऊ, हूलागंज, पनकी समेत अन्य जगहों पर स्थित है।

सिर्फ 55 ने ही ली एनओसी
अधिकारी के मुताबिक, अबतक 55 लोगों ने सबमर्सिबल के लिए एनओसी लिया है और कई आवेदन आए हैं। विभाग इस संबंध में पहले जांच कर फिर एनओसी देता है। वहीं, लोगों को रेन वॉटर हार्वेस्टिंग से बरसाती पानी को किस प्रकार से फिर से उपयोग में लाया जा सकता है। इसपर जागरूक किया जा रहा है। साथ ही अधिक जल दोहन से कैसे बचे इसको भी बताया जा रहा है। वहीं, बिना एनओसी पाए जाने पर पांच हजार जुर्माने के साथ सख्त कार्रवाई का प्रावधान है। अब इसे सख्ती से शुरू कर दिया गया है। अफसरों का कहना है एनओसी लेने के लिए भूगर्भ जल विभाग की ऑफिशयल साइट पर रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं।

जाने नियम के बारे में
- कामर्शियल, इंडस्ट्रियल व बल्क यूजर्स को जल प्रबंधन परिषद से एनओसी के बाद रजिस्ट्रेशन व पांच हजार रुपए फीस देनी होगी। यह भी बताना होगा कि रोजाना कितने किलोलीटर पानी का इस्तेमाल करेंगे, इस हिसाब से शुल्क भी निर्धारित होगा।
- कृषि उपयोग के लिए ट्यूबवेल आदि की बोरिंग कराने के लिए भी रजिस्टे्रशन जरूरी है, लेकिन इसके लिए कोई शुल्क नहीं वसूला जाएगा।
- घरेलू उपयोग के लिए बोरिंग कराने की दशा में रजिस्ट्रेशन कराना होगा, लेकिन उससे कोई शुल्क नहीं वसूला जाएगा।

वाटर लेवल के हालात
जगह------2017-----2022
आवास विकास--13.95-- 15.72
कमिश्नर कैंप--12.08--24.06
पनकी कटरा---4.49----4.76
गुजैनी----15.60-----16.25
कालपी रोड---28.61---29.01
श्यामनगर---23.55---25.3
जरौली----23.43----25.05
हंसपुरम----10.39----15.07
गोपाल नगर---13.83---15.35
बाबूपुरवा---31.00---32.4

कोट
घरों और सडक़ को खोदकर सबमर्सिबल लगाने वालों पर कार्रवाई की जा रही है। इसके लिए शहर में कई पेठा उद्योग को चिन्हित किया गया है, यहां पर जल का दोहन ज्यादा होने के कारण नोटिस दिया जा रहा है।
अवधेश कुमार, अधिशासी अभियन्ता, भूगर्भ जल विभाग

Posted By: Inextlive