Kanpur: सिटी के डिग्र्री कॉलेज मंडे से खुल रहे है और इंजीनियरिंग कॉलेज खुलने में अभी भी करीब दो वीक लगेगा. लेनिक रैगिंग कैंपस न होने पाए इसके लिए इंस्टीट्यूट एडमिनिस्ट्रेशन फिर से अपनी तैयारी में जुट गए है. कोएड कॉलेजेज में भी रैगिंग पर काफी सख्ती दिखायी जा रही है. जगह-जगह एंटी रैगिंग अवेयरनेस कैंपेन चलाने की तैयारी है. कुछ कॉलेज में तो स्टूडेंट्स के लिए कम्प्लेन बॉक्स रख दिए गए है. कई संस्थानों ने तो सीनियर्स पर नकेल कसने की तरह-तरह से तैयारी कर रखी है. प्रोफेसर्स को सीनियर स्टूडेंट्स की काउंसिलिंग करने की तैयारी में है ताकि जूनियर की रैगिंग न की जाए. हालांकि रैगिंग का खौफ टेक्निकल इंस्टीट्यूट में ज्यादा होता है इसी लिए वहां का एडमिनिस्ट्रेशन ज्यादा सख्ती बरतता है.


एक दर्जन डिग्री कॉलेजों में चलेगी एंटी रैगिंग कैंपेनफस्र्ट जुलाई से सिटी के डिग्र्री कॉलेज व यूनीवर्सिटी का कैंपस खुल जाएगा। इसी के साथ एकेडमिक एक्टिवटी शुरू हो जाएंगी। डिग्र्री कॉलेजो में एंटी रैगिंग प्रोफार्मा सीनियर व जूनियर स्टूडेंट्स से एडमिशन के टाइम भरवाया जाता है। स्टूडेंट्स को आगाह किया जाता है कि वो अपने जूनियर के साथ मिसबिहेव न करें। करीब करीब सभी डिग्र्री कॉलेज में एंटी रैगिंग ड्राइव चलायी जाती है। पीपीएन कॉलेज के चीफ प्रॉक्टर ने बताया कि कॉलेज में एडमिशन के टाइम स्टूडेंट्स से रैगिंग नहीं करने एवं इसके पनिश्मेंट के बारे में डिटेल से बताया जाता है। डीजी, एएनडी, पीपीएन, क्राइस्टचर्च, बीएनडी समेत सभी डिग्र्री कॉलेज में एंटी रैगिंग कैंपेन चलायी जाएगी।No tolerance
एचबीटीआई के डायरेक्टर प्रो। जेएसपी राय ने बताया कि इंस्टीट्यूट में किसी भी सीनियर स्टूडेंट द्वारा रैगिंग बर्दाश्त नहीं की जाएगी। जिस टाइम एकेडमिक सेशन स्टार्ट होता है उसी टाइम इंस्टीट्यूट में एडमिशन लेने के टाइम सीनियर स्टूडेंट व उनके पैरेंट से एफीडेविट लिया जाता है। सभी स्टूडेंट्स को एंटी रैगिंग गाइड लाइन जारी की जाती है। अगर किसी स्टूडेंट को कोई प्रॉब्लम हो तो वो कम्प्लेन सेल फोन पर भी कर सकता है। हाल ही सीनियर व जूनियर के बीच विवाद हुआ था जिसमें जूनियर के खिलाफ कार्रवाही की गयी थी। हकीकत यह है कि जूनियर ने जो आरोप लगाए थे वो बेबुनियाद थे। रैगिंग विरोधी दिग्दर्शिका भी स्टूडेंट्स को दी जाती है।करियर बर्बाद हो जाएगासुप्रीम कोर्ट एंटी रैगिंग पर पहले ही डायरेक्शन जारी कर दिए गए थे। जिनका अनुपालन सभी शैक्षिक संस्थान कर रहे हैैं। इंस्टीट्यूट खुलने वाले हैैं इस इश्यू गंभीरता से विचार विमर्श किया जा रहा है। यूआईईटी की डायरेक्टर डॉ। अर्पिता यादव ने बताया कि वो सीनियर की काउंसिलिंग करती है। अगर रैगिंग की तो उनका करियर बर्बाद हो जाएगा। स्टूडेंट्स कोई ऐसा स्टेप न उठाए कि उनके ब्राइट करियर पर कोई स्पॉट लग जाए। यूआईईटी की स्टूडेंट निकिता ने कहा कि अब हमें अपनी जिम्मेदारी का अहसास है। जब मालूम है कि इस मैटर से प्रॉब्लम हो जाएगी तो फिर उस दिशा में क्यो जाएं।काउंसिलिंग बेहतर सिस्टमअम्बेडकर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के डायरेक्टर ने कहा कि किसी भी सीनियर स्टूडेंट को रैगिंग की इजाजत नहीं है। अगर कोई स्टूडेंट इस तरह का स्टेप उठाता है तो उसका लाइफ को खराब होने से कोई बचा नहीं सकता। सबसे बेहतर सिस्टम है कि स्टूडेंट की काउंसिलिंग सेशन शुरू होती ही कर दी जाती है ताकि किसी को कोई गलतफहमी न रहे।

Posted By: Inextlive