जीएसवीएम के तैयार किए गए पीडिएट्रिक केयर यूनिट में भर्ती बच्चों की निगरानी डॉक्टर्स ऑनलाइन भी कर सकेंगे. इसके लिए यूनिट के फस्र्ट फ्लोर में सीसीटीवी कंट्रोल रूम तैयार किया गया है. जहां 24 घंटे डॉक्टर्स की एक टीम तैनात रहेगी. पीआईसीयू में भर्ती किसी बच्चे को कोई समस्या होने पर कंट्रोल रूम में तैनात डॉक्टर्स की टीम वार्ड में तैनात डॉक्टर को फोन कर अलर्ट करेगी. हैलट में तैयार हुए पीडिएट्रिक केयर यूनिट का उद्घाटन मंडे को हेल्थ मिनिस्टर व डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने किया. इस मौके पर जीएसवीएम कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. संजय काला पीडिएट्रिक डिपार्टमेंट के हेड डॉ. यशवंत राव ईएमओ विनय कटियार समेत आदि मौजूद रहे.


कानपुर (ब्यूरो) जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के पीडिएट्रिक डिपार्टमेंट के एचओडी डॉ। यशवंत राव ने बताया कि बीते कुछ सालों में प्री मैच्योर बेबी होने के केस काफी संख्या में बढ़े हैं। अभी तक पीडिएट्रिक डिपार्टमेंट में 32 बेड का ही एनआईसीयू था। जबकि भर्ती होने वाले बच्चों की संख्या अधिक थी। लिहाजा कई बार एक बेड में दो बच्चों को लिटा कर उपचार व ऑक्सीजन देना पड़ता था। नए पीडिएट्रिक केयर यूनिट बनने से अब हम दोगुनी संख्या में प्री मेच्योर बेबी को एडमिट कर उनको ऑक्सीजन व ट्रीटमेंट मुहैया करा नया जीवन दे सकते हैं।

3.5 करोड़ रुपए से तैयार हुई यूनिट
मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल प्रो। डॉ। संजय काला ने बताया कि 100 बेड का पीडिएट्रिक केयर यूनिट बनाने के लिए पावर ग्रिड कारपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड ने सीएसआर फंड से शासन के माध्यम से 3.5 करोड़ रुपए मुहैया कराया था। पीडिएट्रिक केयर यूनिट में 100 आईसीयू बेड, 7 निओ नेटल वेंटीलेटर, 7 यूनिवर्सल वेंटीलेटर व 20 स्प्लिट एसी उपलब्ध कराए गए हैं। हैलट में 100 बेड का नया पीआईसीयू का शुभारंभ होने से कानपुराइट्स को काफी राहत मिलेगी।

Posted By: Inextlive