क्या शहर में भोले भाले गरीब मजबूर लोगों को यातनाएं देकर भिखारी बनाने वाला गैंग एक्टिव है? क्या शहर से अपहरण कर दिल्ली और अन्य शहरों में युवकों व बच्चों को बेचा जा रहा है? किदवई नगर की लेबर मंडी से युवक को धोखे से ले जाकर 70 हजार रुपये में दिल्ली के भिखारी गैंग को बेचने का मामला सामने आने के बाद कमिश्नरेट पुलिस एक्टिव हो गई है. पूरे मामले में कानपुर का विजय और दिल्ली के राज का नाम सामने आया है.

कानपुर(ब्यूरो)। क्या शहर में भोले भाले, गरीब, मजबूर लोगों को यातनाएं देकर भिखारी बनाने वाला गैंग एक्टिव है? क्या शहर से अपहरण कर दिल्ली और अन्य शहरों में युवकों व बच्चों को बेचा जा रहा है? किदवई नगर की लेबर मंडी से युवक को धोखे से ले जाकर 70 हजार रुपये में दिल्ली के भिखारी गैंग को बेचने का मामला सामने आने के बाद कमिश्नरेट पुलिस एक्टिव हो गई है। पूरे मामले में कानपुर का विजय और दिल्ली के राज का नाम सामने आया है। पीडि़त युवक सुरेश मांझी की तहरीर पर तीन लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। पुलिस कमिश्नर बीपी जोगदंड ने बताया कि पूरे मामले की जांच के लिए नोडल अधिकारी एसीपी गोविंद नगर को बनाया गया है। सुरेश से एक मोबाइल नंबर मिला है, जिसके आधार पर पुलिस की टीम दिल्ली रवाना की गई है। वहीं लेबर मंडी से सुरेश को ले जाने वाले विजय की तलाश में भी टीम लगाई गई है।

समझिए पूरा मामला
यशोदा नगर निवासी सुरेश मांझी के मुताबिक, उसे 6 महीने पहले भिखारी गैंग ने अगवा कर लिया। इसके बाद उसकी दोनों आंखों में केमिकल डाल दिया, जिससे उसकी रोशनी दिन पर दिन कम होती गई। पीट-पीट कर हाथ-पैर तोड़ दिए। शरीर को कई जगह गर्म लोहे की रॉड से दागा। इतनी यातनाएं दी गईं कि रूह तक कांप जाए। किसी तरह वह घर लौटा तो उसकी हालत देखकर परिवार के लोग भी उसे पहचान नहीं सके। उसकी आपबीती सुनकर परिजन रिपोर्ट दर्ज कराने उसे नौबस्ता थाने लेकर गए। पुलिस को पहले तो पीडि़त की कहानी पर विश्वास नहीं हुआ। लेकिन परिवार और स्थानीय पार्षद समेत सैकड़ों लोगों ने थाने का घेराव किया तो मामला सीनियर अधिकारियों तक पहुंचा। इसके बाद पुलिस ने एफआईआर दर्ज की।

70 हजार में बेच दिया
सुरेश मांझी ने बताया कि मैं दिहाड़ी मजदूर था। किदवई नगर लेबर मंडी पर 6 महीने पहले रोज की तरह काम की तलाश में खड़ा था। इस दौरान मछरिया गुलाबी बिल्डिंग के पास रहने वाला विजय काम का झांसा देकर अपने साथ ले गया। उसने नशीला पदार्थ खिलाने के बाद हाथ-पैर पंजे के पास से तोड़ दिए और करीब 12 दिन मछरिया के अपने घर में कैद रखा। दोनों आंखों में केमिकल डाल दिया जिससे धीरे धीरे कर आंखों की रोशनी चली गई। कई जगह शरीर को गर्म सरिया से दागा और घाव कर दिए। इसके बाद झकरकटी पुल के नीचे रहने वाली गीत नाम की महिला को बेच दिया। वहां कई दिन एक डेरे में रखा गया और नशीले इंजेक्शन दिए गए। इसके बाद महिला ने अपने बेटे राज को सौंप दिया। राज गोरखधाम एक्सप्रेस से दिल्ली गया और भीख मंगवाने वाले गैंग को बेच दिया।

पूरे दिन में एक रोटी देते थे
सुरेश का कहना है कि दिल्ली ले जाने के बाद उससे रोज भीख मंगवाई जाती थी। दिन में सिर्फ एक बार एक रोटी खाने को देते थे। लगातार नशीले इंजेक्शन देने से मेरे शरीर में इन्फेक्शन हो गया। दिल्ली निवासी जिन लोगों ने मुझे खरीदा था। उन लोगों ने मछरिया निवासी विजय से कहा कि मुझे इस लडक़े के बदले दूसरा लडक़ा दो। हालत बिगडऩे पर मुझे वापस कानपुर सेंट्रल स्टेशन ले आए और दूसरी जगह बेचने की तैयारी करने लगे। लेकिन, हालत बिगडऩे से किदवई नगर लेबर मंडी के पास लाकर बेहोशी की हालत में छोड़ गए। होश आने पर लोगों की मदद से घर पर सूचना दी और परिवार के पास पहुंच सका।

दहशत में है सुरेश मांझी
मेडिकल के दौरान को दौरान सुरेश मांझी उल्टी सीधी बातें करता हुआ दिखाई दिया। वह रुक रुक कर बचाओ बचाओ और लोग मुझे मार डालेंगे। मुझे बचा लो जैसी बातें करता दिखाई दिया। डॉक्टरों की मानें तो उसे गहरा सदमा लगा है। अभी तक वह सदमे से उभर नहीं सका है। इसलिए अपनों के बीच भी वह खुद को सुरक्षित नहीं महसूस कर रहा है। इसके चलते वह रह रहकर चिल्लाने के साथ ही बचाने की गुहार लगा रहा है।

आरोपी महिला की तलाश
पुलिस कमिश्नर बीपी जोगदण्ड ने बताया कि कुछ महीने पहले कमिश्नरेट में भिखारियों के खिलाफ अभियान चलाया गया था। शासन के निर्देश के बाद जिले में एक एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग सेल का थाना भी है। थाने में बीते छह महीने से कोई शिकायत नहीं आई है। जो जगह सुरेश मांझी ने बताई है, वहां पुलिस महिला की तलाश कर रही है।
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अगर जिले में कोई इस तरह का गैैंग एक्टिव है तो उसकी तलाश कर जड़ से खत्म किया जाएगा। दिल्ली गई टीम राज और कानपुर में टीम विजय की तलाश कर रही है। मामले को गंभीरता से लिया जा रहा है।
बीपी जोगदण्ड, सीपी कानपुर कमिश्नरेट

Posted By: Inextlive