-संजीत किडनैपिंग एंड मर्डर केस में 11 पुलिसकर्मियों के सस्पेंशन के बाद भी खाकी लापरवाही जारी

- किडनैप करने के बाद जिस घर में संजीत को रखा और हत्या की उसकी फोरेसिंक जांच नहीं कराई

- ज्ञानेंद्र यादव की जो कार बरामदगी में दिखाई उसे लेकर भी इलाकाई लोगों के बयान पुलिस से उलट

KANPUR : बर्रा में लैब टेक्निशियन संजीत यादव की किडनैपिंग से लेकर हत्या तक पुलिस की जांच और रवैया दोनों ही अनप्रोफेशनल रहे और यह सिलसिला पूरे घटनाक्रम के खुलासे, आरेपियों की गिरफ्तारी के बाद भी जारी है। पुलिस ने किडनैपिंग और हत्या के खुलासे में जो दावे किए वह तो पहले दिन से ही सवालों के घेरे में थे। फिर चाहे वह फिरौती का मामला हो या फिर आरोपियों जिस फोन से फिरौती के लिए फोन किए गए उसकी बरामदगी करना हो। वहीं पुलिस की कहानी में जो सबूत बताए गए थे वह भी संदेह के दायरे में हैं। पुलिस की एक बड़ी लापरवाही इसमें भी सामने आई है। आरोपियों ने रतनलाल नगर में जिस घर को किराए पर लेकर उसमें संजीत को रखा और हत्या की। वहां पर पुलिस ने फोरेंसिक एविडेंस तलाशने की कोशिश ही नहीं की। इस घर का फोरेंसिक यूनिट से भी मुआयना नहीं कराया है।

तो कार स्टार्ट तक नहीं हुई

पुलिस के मुताबिक संजीत की हत्या रस्सी से गला घोंट कर की गई। इससे पहले उसके हाथ में चाकू भी मारा गया था। इसके बाद प्लास्टिक की बोरी में उसके शव को भर कर कार के जरिए पांडु नदी में फेंक दिया गया। इस केस में पांच आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद उन्होंने जो जो जानकारियां पूछताछ में दी। पुलिस ने उसकी तस्दीक करना भी जरूरी नहीं समझा। इसके अलावा ज्ञानेंद्र की जिस फोर्ड फीगो कार को पुलिस ने अपहरण करने और हत्या के बाद शव को ठिकाने में लगाने में यूज होने की बात बताई। उसे लेकर भी दबौली में ज्ञानेंद्र के पड़ोसियों का कहना है कि महीनों से यह कार वहीं खड़ी थी। खुलासे के बाद जब पुलिस कार को लेने पहुंची तो कार स्टार्ट तक नहीं हुई थी उसे खींच कर ले जाया गया। उस कार की भी फोरेंसिक जांच कराने की जरूरत नहीं समझी गई।

सत्ताधारी नेताओं का खास है रामजी

संजीत के अपहरण और हत्या के केस में पकड़े गए आरोपी रामजी शुक्ला की सत्ताधारी दल के साथ कई फोटोज सोशल मीडिया में वायरल हुई। यह फोटो दो मौजूदा सत्ताधारी विधायकों और एक पूर्व मेयर के बेटे के साथ हैं। एक फोटो में रामजी खुद को एक हिन्दू संगठन का कार्यकर्ता भी लिख रहा है।

शव तलाशने को लगाए 35 गोताखोर

पांडु नदी में संजीत यादव की लाश की तलाश में पुलिस ने 35 गोताखोर और 4 बोट लगा रखी हैं, लेकिन फिर भी तलाश शुरू होने के 72 घंटों बाद भी संजीत के शव का कुछ पता नहीं चला है। पांडु नदी में अलग अलग जगहों पर जाल डलवा कर भी तलाश की गई, लेकिन जानवरों के शवों के अलावा अभी तक कुछ नहीं मिला है।

Posted By: Inextlive