रूरा सीएचसी में प्रसव के लिए आई गर्भवती की अचानक हालत बिगड़ गई. चिकित्सकों ने उसे जिला अस्पताल रेफर कर दिया जहां रास्ते में मौत हो गई. इस पर गुस्साए परिजनों ने सीएचसी में तोडफ़ोड़ शुरू कर दी व इलाज में लापरवाही और एंबुलेंस देर से आने का आरोप लगा कर हंगामा किया. प्रसव कक्ष तक परिजन पहुंच गए और नर्स से अभद्रता की. इससे अस्पताल में अफरातफरी मच गई और स्टाफ भागकर इधर उधर छिप गया. पुलिस ने समझाकर सभी को शांत कराया. परिजनों ने कोई लिखित शिकायत नहीं की है.


कानपुर (ब्यूरो) इकघरा गांव निवासी सैयद्दीन की 28 वर्षीय पत्नी शबाना प्रसव पीड़ा के चलते दौरान गांव की आशा संग प्रसव के लिए रूरा सीएचसी में सोमवार सुबह करीब 11 बजे आई थी। इस दौरान नर्स पूनम ने उसे प्रसव के लिए भर्ती कर लिया। प्रसव के दौरान हालत बिगडऩे पर डाक्टर ने उसे जिला अस्पताल रेफर कर दिया। इस दौरान मलासा से एंबुलेंस को आने में करीब 40 मिनट लग गया। जिससे शबाना की हालत बिगड़ गई। एंबुलेंस आई तो उसे जिला अस्पताल ले जाने के दौरान रास्ते में मौत हो गई। इस पर गुस्साए परिजन सीएचसी पहुंच गए और लापरवाही का आरोप लगाते हुए प्रसव कक्ष में घुसकर कुर्सी,मेज व अन्य चीजें फेंकते हुए तोडफ़ोड़ करने लगे। दवाएं फेंकनी शुरू कर दी व नर्स से अभद्रता करने लगे। हंगामा बढ़ता देख दवा लेने आए मरीज इधर उधर भाग गए जबकि डाक्टर व अन्य कर्मी डर के चलते कमरे में जा छिपे।हालत बिगड़ी तो किया रेफर
थानाध्यक्ष दिनेश कुमार गौतम पुलिस बल के साथ मौके पर आए तब तक उपद्रवी भाग निकले। उधर जिला अस्पताल में मृत घोषित होने के बाद शव लेकर परिजन दोबारा सीएचसी आए और कार्रवाई की मांग करने लगे। इस पर थानाध्यक्ष ने उन्हें समझाकर शांत कराया। थानाध्यक्ष ने बताया कि महिला के परिजन ने पोस्टमार्टम कराने से इन्कार कर दिया है। कोई शिकायत नहीं की। डा। प्रतीक पांडेय ने बताया कि महिला की स्थिति गंभीर देखकर उसे रेफर कर दिया गया था। लापरवाही का आरोप गलत है, महिला का यह तीसरा प्रसव होना था। सीएमओ डा। एके ङ्क्षसह ने बताया कि अपर सीएमओ डा। एसएल वर्मा व डिप्टी सीएमओ डा। मोहन झा सीएचसी गए थे घटना की जानकारी ली गई है, जांच की जाएगी।

Posted By: Inextlive