हम अपना अधिकारी मांगते नहीं किसी से भीख मांगते... कुछ ऐसे ही नारों के साथ वेडनसडे को सीएसए के रिटायर्ड और कार्यरत साइंटिस्ट्स टीचर्स और शिक्षणेत्तर कर्मचारियों ने धरना दिया. सीएसए के डायरेक्ट्रेट ऑफ रिसर्च ऑफिस के सामने बने पार्क में एकत्र होकर नारेबाजी की और अवरुद्ध पेंशन को बहाल करने की मांग की.


कानपुर (ब्यूरो)। हम अपना अधिकारी मांगते, नहीं किसी से भीख मांगते कुछ ऐसे ही नारों के साथ वेडनसडे को सीएसए के रिटायर्ड और कार्यरत साइंटिस्ट्स, टीचर्स और शिक्षणेत्तर कर्मचारियों ने धरना दिया। सीएसए के डायरेक्ट्रेट ऑफ रिसर्च ऑफिस के सामने बने पार्क में एकत्र होकर नारेबाजी की और अवरुद्ध पेंशन को बहाल करने की मांग की। धरना दे रहे लोगों ने बताया कि वह बीते 30-35 सालों से सीएसए में साइंटिस्ट और टीचर का काम कर रहे हैैं। बीते कुछ सालों से रिटायर हो रहे लोगों को पेंशन और ग्रेच्युटी नहीं दी जा रही है। यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन का कहना है कि वह लोग प्लान के वर्कर थे, इस कारण से पेंशन आदि का बेनीफिट नहीं मिलेगा। जबकि बीते सालों में प्लान के रिटायर्ड लोगों को भी पेंशन का लाभ मिला है। साथ ही साथ यूनिवर्सिटी उनको टीचर भी नहीं मान रही है। दोपहर एक बजे शुरु हुआ धरना लगभग तीन बजे तक चला।

2020 में रिटायरमेंट, नहीं बंधी पेंशन
धरना चल रहे स्थान पर एक किनारे पेड़ के नीचे सिद्धवती आंखों में आंसू भरकर बैठी थीं। बातचीत में बताया कि वह केमिस्ट्री डिपार्टमेंट से साल 2020 में स्टेनो पोस्ट से रिटायर हुई थीं। उनके साथ के भर्ती सभी लोगों की पेंशन बंध गई लेकिन उनकी नहीं। यूनिवर्सिटी का कहना है कि 11 महीने के प्लान मेें काम करने की वजह से उनको पेंशन नहीं मिलेगी। वह प्लान की कर्मचारी हैं। रुंधे गले से सिद्धवती ने बताया कि उनके हार्ट में स्टंट पड़े हैैं। अब बाईपास सर्जरी होनी है। ऐसे में पेंशन नहीं बंधी तो उनकी सर्जरी होना मुश्किल हो जाएगा।

Posted By: Inextlive