फिल्‍म दबंग के जिंदादिल म्यूजिक डायरेक्टर वाजिद खान ने आई नेक्स्ट से शेयर कीं दिल की बातें.


म्यूजिक एलबम दीवाना से बालीवुड में दस्तक देने वाले म्यूजिक डायरेक्टर वाजिद खान को ब्लाक बस्टर मूवी दबंग के ‘तेरे मस्त मस्त दो नैन’ ने रातों-रात बुलंदियों पर पहुंचा दिया। संगीत की बारीक परख रखने वाले वाजिद खान कहते हैं कि टीवी के रियलिटी शोज ने टैलेंटेड लोगों को उनकी मंजिल तक पहुंचने का काम आसान कर दिया है। देश भर से लोग इसमें शिरकत करते हैं और जजेस के सामने खुद को साबित करते हैं। लेकिन उनके स्ट्रगल पीरियड में ऐसा कोई साधन नहीं था। खुद को साबित करने के लिए बेहद कड़े और लंबे संघर्ष से गुजरना पड़ा। आईआईटी के कल्चरल फेस्ट अंतराग्नि में परफॉर्म करने आए वाजिद ने आई नेक्स्ट से एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में शेयर की दिल की बात। रग रग में समाया है म्यूजिक


मूलरूप से हैदराबाद से ताल्लुक रखने वाले म्यूजिक डायरेक्टर साजिद-वाजिद के वालिद मुंबई में काफी पहले शिफ्ट हो गए थे। वाजिद का जन्म मुंबई में हुआ। वाजिद ने बताया कि शास्त्रीय संगीत उन्हें विरासत में मिला। वालिद व नाना के घर में भी सभी की क्लासिकल म्यूजिक पर गहरी पकड़ थी। उनके जींस में म्यूजिक समाया हुआ है।दीवाना एलबम से किया था आगाज

इयर 1997 में दोनों भाइयों को पहला ब्रेक म्यूजिक एलबम दीवाना के जरिए मिला। एलबम ने साजिद-वाजिद को बालीवुड में पहचान दिलाई। इसके बाद शुरू हुआ कामयाबी का सफर जारी है। हालांकि साजिद-वाजिद को देश भर में शोहरत मिली अरबाज खान की मूवी दबंग से। फिल्म के सभी गाने हिट हुए। लेकिन ‘तेरे मस्त मस्त दो नैन ने तो शोहरत के आसमां पर बिठा दिया। दबंग-2 में भी देंगे म्यूजिकवाजिद ने बताया कि जब वो 7वीं क्लास में पढ़ते थे तब उन्होंने गाना गाना शुरू किया था। ‘वह कौन थी’ मूवी का ‘लग जा गले फिर ये हंसी रात हो न हो’ सॉन्ग बेहद पसंद है। हालांकि खुद का कम्पोज किया हुआ उनका फेविरट सॉन्ग ‘तेरे मस्त मस्त दो नैन है। दबंग के सीक्वेल दंबग-2 में ही साजिद-वाजिद म्यूजिक डायरेक्टर की भूमिका में होंगे। संगीतकार एआर रहमान के साथ काम करने वह काफी रिलैक्स फील करते है। अब चोरी नहीं कर सकते

इंडिया में ज्यादातर संगीतकार धुनों को चोरी कर या उनमें ही छेड़छाड़ कर गाना बना देते हैं। वाजिद खान का कहना है कि इंटरनेट के युग में लिसनर इंटैलीजेंट हो गया है। उसे बेवकूफ नहीं बनाया जा सकता। जरा सी चीटिंग में वो आपको पकड़ लेगा। और एक बार इंडस्ट्री में इमेज खराब हो गई तो कॅरियर बेकार। म्यूजिक सिखाने को साजिद-वाजिद एक स्कूल भी खोलना चाहते हैं। इसके लिए उन्होंने लखनऊ को चुना है।

Posted By: Inextlive