-पशुपति नगर में एजेंसी के पीछे एक पार्क में भरे जा रहे थे छोटे व कॉमर्शियल सिलेंडर, 65 सिलेंडर बरामद

-मालिक और कर्मचारियों की मिलीभगत से सालों से चल रहा था गोरखधंधा

KANPUR : एक तरफ कंज्यूमर्स गैस के लिए एजेंसियों के चक्कर काट रहे हैं वहीं दूसरी ओर एजेंसी के कर्मचारी और हॉकर्स गैस की कालाबाजारी और रीफिलिंग कर रहे हैं। नौबस्ता में गुरुवार की शाम को पुलिस ने गैस रीफिलिंग के गोरखधंधे का भंडाफोड़ किया। पुलिस ने पांच शातिरों को रंगेहाथ पकड़ा है। जिनके कब्जे से पुलिस ने 65 सिलेंडर बरामद किए हैं। पुलिस की शुरुआती पड़ताल में पता चला कि इस गोरखधंधे में गैस एजेंसी के कर्मचारी से लेकर मालिक भी लिप्त है। हालांकि इस बाबत पुलिस जांच का हवाला देकर कुछ भी बोलने से बच रही है।

नौबस्ता के पशुपति नगर में बजरंगी गैस एजेंसी है। गुरुवार की शाम को एजेंसी के ऑफिस के पीछे गाड़ी लगाकर घरेलू गैस सिलेंडर से रीफिलिंग कर कॉमर्शियल सिलेंडर में गैस भरी जा रही थी। साथ ही शातिर छोटे सिलेंडर में भी गैस भर रहे थे। इलाकाई लोगों ने विरोध किया तो शातिरों ने उल्टा उन्हें ही पुलिस की धमकी देकर भगा दिया। जिससे सहमे इलाकाई लोगों ने कंट्रोल रूम में जानकारी दी तो पुलिस ने पार्क में छापा मार दिया। जिससे वहां पर अफरातफरी मच गई। पुलिस को देख शातिर वहां से भागने लगे, लेकिन पुलिस ने पांच शातिर को दौड़ाकर पकड़ लिया। पुलिस को मौके से 65 सिलेंडर भी बरामद हुए हैं। इधर, पुलिस की कार्रवाई का पता चलते ही आपूर्ति विभाग के लोग भी थाने पहुंच गए। एसओ ने बताया कि मनीष कुमार, बबलू राठौर, संजय, सतीश राठौर और अजय कुमार पाण्डेय को पकड़ा गया है। इनके कब्जे से लोडर और 65 सिलेंडर बरामद हुए है।

कर्मचारी मिलीभगत से हो रहा था 'खेल'

पशुपति नगर में गैस रिफलिंग का 'खेल' एजेंसी के कर्मचारियों की मिलीभगत से ही हो रहा था। इसकी पुष्टि आरोपियों के कब्जे से बरामद 65 सिलेंडर से हो गई है। सारे सिलेंडर बजरंगी गैस एजेंसी के ही हैं। साथ ही पुलिस के हत्थे चढ़े आरोपियों में दो एजेंसी के कर्मचारी भी हैं। सोर्सेज की मानें तो यह 'खेल' एजेंसी के मालिक की शह पर ही हो रहा है। हालांकि इस बाबत एसओ अभी कुछ भी बोलने से बच रहे हैं।

रीफिलिंग के बाद कस्टमर को देते थे सिलेंडर

पुलिस के हत्थे चढ़े आरोपियों के मुताबिक बजरंगी गैस एजेंसी में हर सिलेंडर से गैस रीफिलिंग की जाती है। कम्पनी सिलेंडर आने के बाद शाम को हर सिलेंडर से गैस निकालकर छोटे या कॉमर्शियल सिलेंडर तैयार किए जाते हैं। इसके बाद कस्टमर को सिलेंडर थमा दिया जाता था। उन्होंने बताया कि यह 'खेल' सालों से चल रहा है, लेकिन वे पहली बार ही पकड़े गए हैं।

दो गुना मुनाफा कमाते हैं।

पुलिस के हत्थे चढ़े आरोपियों के मुताबिक वे घरेलू सिलेंडर से गैस रीफिलिंग कर कॉमर्शियल सिलेंडर में भरते थे। इसके बाद वे कॉमर्शियल सिलेंडर को बेच देते थे। इसमें उनको दो गुना से ज्यादा फायदा भी होता है। इसमें एजेंसी के मैनेजर से लेकर मालिक तक बराबर से बंटता है।

Posted By: Inextlive