नगर निगम में हाउस टैक्स में हेराफेरी और फर्जी नामांतरण से जुड़ी फाइलें ही गायब कर दी गई हैं ताकि जांच में गड़बड़ी सामने नहीं आए. जोन दो के बाद अब जोन तीन और पांच में गुपचुप ढंग से सर्वे किया जा रहा है. जोन पांच में हाउसटैक्स व फर्जी नामांतरण से जुड़ी फाइलें और एक बुकलेट की कई रसीदें गायब हैं.

कानपुर(ब्यूरो)। नगर निगम में हाउस टैक्स में हेराफेरी और फर्जी नामांतरण से जुड़ी फाइलें ही गायब कर दी गई हैं, ताकि जांच में गड़बड़ी सामने नहीं आए। जोन दो के बाद अब जोन तीन और पांच में गुपचुप ढंग से सर्वे किया जा रहा है। जोन पांच में हाउसटैक्स व फर्जी नामांतरण से जुड़ी फाइलें और एक बुकलेट की कई रसीदें गायब हैं। जोन दो में फर्जी नामांतरण करने और हाउस टैक्स की धनराशि खजाने में न जमा करने में एक राजस्व निरीक्षक पहले ही निलंबित कर दिया गया है। एक राजस्व निरीक्षक की जांच चल रही है।

खजाने में नहीं जमा किया
जोन तीन में किदवई नगर में एक मकान के नामांतरण कराने में नामांतरण शुल्क 1,98,730 रुपये, शमन शुल्क दो हजार व प्रकाशन शुल्क पांच सौ रुपये जमा किया गया। कुल 2,01,236 रुपये जमा किए गए हैं इसकी रसीद भी काटी गई लेकिन अभी तक खजाने में नहीं दर्ज की गई है। मामला सामने आने पर फाइल गायब कर दी गई है। ऐसे और भी कई मामले हैं। इस प्रकरण में जांच की जा रही है। इसके अलावा जोन पांच में हाउसटैक्स में हेराफेरी करने वाली करीब डेढ़ दर्जन फाइलों को दबा दिया गया। इन फाइलों की जांच की जाए तो गड़बडिय़ां सामने आ जाएगी। कई लोग फंसेंगे।

कई और की गर्दनें फसेंगी
इसी तरह हाउसटैक्स जमा करने वाली पुस्तिका नंबर 7944 की रसीद नंबर 47, 48, 49 और 50 गायब हैं। इन रसीदों को ढूंढा जा रहा है। जोन दो के राजस्व निरीक्षक हर्षित मिश्र को शासन ने निलंबित कर दिया है। इसके अलावा राजस्व निरीक्षक मीनाक्षी से स्पष्टीकरण तलब किया है। नगर आयुक्त शिव शरणप्पा जीएन ने बताया कि इस मामले में जांच चल रही है। एक राजस्व निरीक्षक निलंबित हो चुका है। फाइलों व गृहकर पुस्तिका में हेराफेरी करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। अफसरों व कर्मचारियों पर कार्रवाई की जाएगी।

Posted By: Inextlive