सीएसजेएमयू में शुरू हुए एनईपी सिलेबस वाले कोर्सों के सम सेमेस्टर एग्जाम में नई व्यवस्था की गई है. इस व्यवस्था के अनुसार एग्जाम देकर आने के बाद स्टूडेंट्स अपना आंसर चेक कर सकेंगे. यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन वेबसाइट पर दिन के अनुसार आंसर-की को अपलोड करा रहा है.

कानपुर(ब्यूरो)। सीएसजेएमयू में शुरू हुए एनईपी सिलेबस वाले कोर्सों के सम सेमेस्टर एग्जाम में नई व्यवस्था की गई है। इस व्यवस्था के अनुसार एग्जाम देकर आने के बाद स्टूडेंट्स अपना आंसर चेक कर सकेंगे। यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन वेबसाइट पर दिन के अनुसार आंसर-की को अपलोड करा रहा है। एग्जाम में आप किस ऑप्शन पर टिक करके आए हैं और आंसर-की में कौन सा आंसर सही है इसको आप देख सकते हैं। इस व्यवस्था को लागू करने वाली सीएसजेएमयू स्टेट का पहली यूनिवर्सिटी है। आमतौर पर आंसर की जारी करने की व्यवस्था प्रतियोगी परीक्षा में होती है।

ऐसे दर्ज करा सकते आपत्ति
आंसर की में यदि आपको लगता है कि कोई उत्तर गलत लिखा हुआ है तो आप यूनिवर्सिटी की ओर से जारी की गई मेल पर आपत्ति दर्ज करा सकते हैं। आपकी मेल पर विचार करके यदि उत्तर गलत है तो उसको ठीक किया जाएगा। आंसर की में आए आब्जेक्शन को निपटाने के बाद ही यूनिवर्सिटी रिजल्ट जारी करेगी।

रिजल्ट आने के बाद नहीं होंगे विवाद
सीएसजेएमयू में रिजल्ट आने के बाद विवाद होना आम बात है। आंसर की जारी करके यूनिवर्सिटी ने इस विवाद से खुद को बचाने की कोशिश की है। इस प्रयास में स्टूडेंट और यूनिवर्सिटी दोनों का फायदा है। एक ओर जहां रिजल्ट के बाद विवाद नहीं होगा वहीं दूसरी ओर स्टूडेंट को पेपर देकर आने के चंद दिनों बाद ही अपने नंबर पता चल जाएंगे।

एमसीक्यू बेस्ड हैं सेमेस्टर के एग्जाम
सीएसजेएमयू की ओर से एनईपी कोर्सों के सम सेमेस्टर एग्जाम को मल्टी च्वाइस क्वेश्चन (एमसीक्यू) से कराया जा रहा है। इस एग्जाम में स्टूडेंट को क्वेश्चन पेपर मिलता है, जिसके आंसर ओएमआर शीट में देने होते हैं। बीते दिनों हुई एग्जाम कमेटी की मीटिंग में एमसीक्यू बेस्ड पेपर कराने का डिसीजन लिया गया था। हालांकि अभी तक जारी नियमों के अनुसार विषम सेमेस्टर की परीक्षाएं सब्जेक्टिव होंगी। ऐसे में देखना होगा कि विषम सेमेस्टर में यूनिवर्सिटी आंसर की के अलावा ऐसी कौन सी व्यवस्था बनाएगी, जिससे रिजल्ट के बाद विवाद न हों।

विवादों से होता है नुकसान
रिजल्ट के बाद विवाद होने से यूनिवर्सिटी का माहौल बिगड़ता है। इन विवादों की वजह से नेक्स्ट सेशन लेट होता है। विवादों के निस्तारण के लिए यूनिवर्सिटी को एक्स्ट्रा मेहनत करनी पड़ती है। इसके अलावा यदि स्टूडेंट का दावा सही निकला तो मार्कशीट आदि प्रिंट कराने में यूनिवर्सिटी का बजट खर्च होता था जो कि अब बचेगा। एक बार में ही सही रिजल्ट जारी होगा, जिससे सेशन स्टार्ट होने समेत सभी काम समय पर हो जाएंगे।

सटीक उत्तर देने वाले ही होंगे पास
एजूकेशनिस्ट डॉ। रश्मि सिंह ने बताया कि एमसीक्यू बेस्ड सवालों से होने वाले एग्जाम में पढ़ाई करने वाले स्टूडेंट ही पास होते हैं। हालांकि सही उत्तर देने पर नंबर पूरे मिल जाते हैं। अगर स्टूडेंट ने पढ़ाई की है तो स्कोर अच्छा कर सकते हैं।


एग्जाम के बाद आंसर की को यूनिवर्सिटी की वेबसाइट में अपलोड कराया जा रहा है। यदि किसी स्टूडेंट को किसी क्वेश्चन का आंसर गलत लग रहा है तो वह प्रमाण के साथ आपत्ति दर्ज करा सकता है। आपत्ति को आंसर की जारी होने के तीन दिन के अंदर भेजना है।
प्रो। सुधांशु पांड्या, एग्जाम कंट्रोलर, सीएसजेएमयू

Posted By: Inextlive