बढ़ती आतंकी गतिविधियों और आए दिन पकड़े जा रहे आतंकियों को देखते हुए शहर में हाईपर सेंसिटिव और सेंसिटिव थानों को चिन्हित कर इन्हें हाईटेक बनाने का आदेश शासन ने जारी किया है. शासन के ब्लू प्रिंट के मुताबिक शहर के हाईपर सेंसिटिव और सेंसिटिव थानो के गेट पर ट्रेंड पुलिस कर्मी यानी कमांडो तैनात किए जाएंगे. ये कमांडो पीएसी का जवान होगा. थाने के गेट पर बने बंकर में तैनात ये कमांडो हाईटेक वेपन से लैस होगा.

कानपुर (ब्यूरो) वहीं थाने की जद में आने वाला हर व्यक्ति कैमरे की निगाह में होगा। हर किसी को मालखाने और इंस्पेक्टर के रूम में जाने की परमिशन नहीं होगी। महिलाओं की शिकायत के लिए महिला हेल्प डेस्क और पुरुषों की शिकायत के लिए पुरुष हेल्प डेस्क होगी। जो भी जांच होगी, उसकी जानकारी डेस्क पर मौजूद सब इंस्पेक्टर देगा। हाईपर सेंसिटिव और सेंसिटिव थानों का अलग कंट्रोल रूम होगा, जिससे इलाके के मुख्य स्थानों और थाने के मुख्य स्थानों पर नजर रखी जा सकेगी। इसके रखरखाव की जिम्मेदारी थाना प्रभारी की होगी।

3 जून के विवाद के बाद
सवाल ये उठता है कि कानपुर को हाईपर सेंसिटिव जिले में क्यों शामिल किया गया? पुलिस अधिकारियों के मुताबिक 3 जून को हुए विवाद के बाद जांच में सामने आया था कि कानपुर के बहाने देश को सांप्रदायिक हिंसा में जलाने की तैयारी थी। इसके पहले एनआरसी में हुए विवाद में भी कानपुर में बड़ा बवाल हुआ था। जाजमऊ इलाके से आतंकियों से जुड़े कई लोग पकड़े गए थे। इसके अलावा रावतपुर थानाक्षेत्र में जुलूस के दौैरान तमाम बवाल हुआ करते हैैं। जिसकी वजह से लॉ एंड ऑर्डर प्रभावित होता है।

हाईटेक होने वाले थाने
जाजमऊ थाना (हाईपर सेंसिटिव) : मिश्रित आबादी वाला यह इलाका आतंक से जुड़े लोगों और अपराधियों के रुकने के लिए उपयुक्त है। यहां रहकर कई अजनबी मजदूरी करते हैैं और देश विरोधी गतिविधियों में भी संलिप्त रहते हैैं। प्रयागराज-वाराणसी होते हुए नेपाल और लखनऊ गोरखपुर होते हुए नेपाल जाने के रास्ते यहां से बहुत आसान हैैं। चकेरी एयरपोर्ट यहां से करीब है और लखनऊ एयरपोर्ट की कनेक्टिविटी भी यहां से आसान है, इसलिए जाजमऊ थाना हाईपर सेंसिटिव है।

कैंट थाना (हाईपर सेंसिटिव) : कैंट थानाक्षेत्र में आर्मी और एयरफोर्स के हेडक्वार्टर हैैं। रक्षा मंत्रालय के डीएमएसआरडीई और पैराशूट फैक्ट्री के साथ आर्मरी की एक यूनिट भी है। देश की सुरक्षा की दृष्टि से ये इलाका अति महत्वपूर्ण हैैं। देश के अत्यंत महत्वपूर्ण और गुप्त दस्तावेज प्राप्त करने के लिए देश के दुश्मन अक्सर कोशिश करते रहते हैैं। अन्यथा प्रतिसिद्ध स्थान होने की वजह से यहां जिला पुलिस के साथ- साथ आर्मी पुलिस का मूवमेंट भी रहता है। इसलिए ये थाना हाईपर सेंसिटिव है।

कर्नलगंज (सेंसिटिव) : मिश्रित आबादी होने की वजह से कर्नलगंज थाना सेंसिटिव है। इसकी सीमा से बजरिया और रायपुरवा के साथ सीसामऊ थाने की सीमा भी लगती है। चमनगंज और बेकनगंज की सीमा भी इस थाने से लगती है। सद्भावना चौकी यानी परेड चौराहे से ही 3 जून को होने वाले विवाद की शुरुआत हुई थी। जिसमें पथराव, फायरिंग और मारपीट हुई थी। वहीं इस इलाके से पीएफआई, सिमी समेत तमाम देश विरोधी गतिविधियों में शामिल एजेंसियों का मूवमेंट भी रहता है। इस वजह इन थानों को क्लब करके हाईपर सेंसिटिव और सेंसिटिव बनाया गया। वहीं नई सड़क करीब होने की वजह से अनवरगंज थाना भी हाईपर सेंसिटिव माना गया है।

कल्याणपुर और रावतपुर (हाईपर सेंसिटिव) : इन दोनों थानाक्षेत्रों में मिश्रित आबादी रहती है, लिहाजा इन थानों के फोर्स को हमेशा अलर्ट रहना पड़ता है। विशेष तौर पर फेस्टिवल सीजन में अलर्टनेस बढ़ा दी जाती है। जुलूस के दौरान यहां अक्सर विवाद होता रहता है। छोटी सी बात पर शुरू हुआ विवाद बड़े सांप्रदायिक तनाव को जन्म देता है। लिहाजा ये थाने भी अत्यंत महत्वपूर्ण माने जाते हैैं। अब साउथ सिटी की बात की जाए तो नौबस्ता थाने के मछरिया और बाबूपुरवा थाने का ईदगाह और बेगमपुरवा अति महत्वपूर्ण हैैं। मिश्रित आबादी के साथ साथ यहां स्लीपर सेल्स भी अपना ठिकाना बनाए हैैं।

थानों में दिखेंगे ये बदलाव
- गेट और छत पर दिखेंगे सुरक्षाकर्मी।
- थानों में लगाए जाएंगे सीसीटीवी कैमरे।
- थानों में बनाया जाएगा सीसीटीवी कंट्रोल रूम।
- इलाकों में निगरानी के लिए लगाए जाएंगे कैमरे।
- गश्त के लिए बनाई जाएंगी स्पेशल टीमें।
- थाना पुलिस को दिए जाएंगे हाईटेक वेपन।
- थानों को दिए जाएंगे नए व्हीकल्स।
- धार्मिक स्थलों के बाहर लगाए जाएंगे कैमरे।
- संदिग्ध लोगों की लगातार होगी सुरागसी।

शासन ने कई जिलों में सुरक्षा को देखते हुए हाईपर सेंसिटिव और सेंसिटिव थानों को हाईटेक करने का प्लान बनाया है, इस पर काम शुरू किया जा चुका है।
प्रशांत कुमार, एडीजी लॉ एंड आर्डर

Posted By: Inextlive