KANPUR: कानपुर पुलिस के कारनामे अक्सर सामने आते रहते हैं. अब नए कारनामे में पुलिस ने हत्या के एक मामले की जांच शहीद सीओ देवेंद्र मिश्र को

-पुलिस ने हत्या के एक मामले की जांच बिल्हौर के शहीद सीओ देवेंद्र मिश्र को सौंपी

-फाइलों में आज भी देवेंद्र बिल्हौर के सीओ, मामले में एक हफ्ते से जांच भी जारी

>KANPUR: कानपुर पुलिस के कारनामे अक्सर सामने आते रहते हैं। अब नए कारनामे में पुलिस ने हत्या के एक मामले की जांच शहीद सीओ देवेंद्र मिश्र को सौंप दी। इसे देश भर में चर्चित बिकरू कांड की दहशत कहें या पुलिस विभाग की लापरवाही? कुछ भी हो, आज भी बिल्हौर पुलिस के लिए शहीद देवेन्द्र मिश्रा सीओ (डिप्टी एसपी) हैं। पुलिस ने एक दलित किसान की हत्या में बकायदा उन्हे विवेचक बना दिया। ऐसे में खाकी की कार्यशैली पर सवाल तो उठेंगे ही।

बिकरू कांड की दहशत

चौबेपुर थाना क्षेत्र के बिकरू गांव में दो-तीन जुलाई की रात दबिश देने गयी पुलिस टीम पर हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे और उसके गुगरें ने अधाधुंध फायरिंग की थी। जिसमें बिल्हौर सीओ देवेन्द्र मिश्रा समेत आठ पुलिस कर्मी शहीद हो गए थे। इस वारदात की दहशत पुलिस कर्मियों के बीच इस कदर है कि जाबांज शहीद सीओ देवेन्द्र मिश्रा की चर्चा करते देखे जाते हैं। शायद यही वजह है कि बिल्हौर पुलिस आज भी फाइलों में शहीद देवेन्द्र मिश्रा को अपना सीओ मान रही है। एक हफ्ते से अधिक समय से शहीद सीओ किसान की हत्या की जांच भी कर रहे हैं।

ये हैं मामला

बिल्हौर थाना क्षेत्र के दादारपुर कटाहा गांव में दलित किसान राम प्रसाद दिवाकर की तीन अक्टूबर की रात खेत में हत्या कर दी गई थी। किसान के बेटे विक्रम ने मल्लापुर गांव के महेन्द्र कटियार व उसके परिजनों पर हत्या की एफआईआर कराई थी। मामला दलित होने के चलते बिल्हौर सीओ को विवेचक बनाया गया और विवेचक में शहीद सीओ देवेन्द्र मिश्रा का नाम एफआईआर में डाल दिया गया।

गलत फंसाया जा रहा

वहीं राम प्रसाद की हत्या में नामजद महेन्द्र कटियार के परिजन खुद को निर्दोष बता रहे हैं। उनका कहना है कि उन्हें गलत फंसाया जा रहा है। परिजनों का कहना है कि राम प्रसाद से जमीन का विवाद था लेकिन घटना से दो महीने पहले तहसीलदार के सामने समझौता हो गया था। जिसके तहत जिस जमीन पर रामप्रसाद कब्जा किये हुए था उसकी एवज में करीब दो लाख रुपया दिया गया था। ये भी तय हुआ था कि फसल कट जाने के बाद राम प्रसाद जमीन को छोड़ देगा। परिजनों का कहना है कि राम प्रसाद के दो बड़े बेटे इस समझौते के खिलाफ थे। खुद राम प्रसाद ने समझौते के दौरान कई लोगों के सामने कहा था कि बेटे कह रहे हैं कि समझौता किया तो तुम्हें उसी खेत में जिंदा दफन कर देंगे।

जी हां चार्ज मुझे मिल गया है। आईडी अभी नहीं जेनरेट हो पाई है। मैं इस मानवीय गलती को ठीक करा दूंगा। काम और जांचें सब मैंने शुरू कर दी है।

राजेश कुमार, सीओ बिल्हौर

Posted By: Inextlive