- विकास का मध्य प्रदेश का कनेक्शन भी खुलकर आया सामने

- एमपी के भिण्ड निवासी पेट्रोल पंप मालिक को बेची थी गन

KANPUR : बिकरू कांड में असलहों का इस्तेमाल करने के बाद विकास और उसके गुगरें ने उन्हें अपने मिलने वालों के यहां छुपा दिया था। जब मामला कुछ ठंडा पड़ा तो उन्हीं असलहों को ठिकाने लगाने के लिए उन्हें बेचा गया। कुछ असलहों को बेचा जा चुका था मगर कुछ का सौदा मंडे की दोपहर पनकी में होना था। जब वह असलहे बिकने के लिए आए तब एसटीएफ ने घेराबंदी कर शातिरों को दबोच लिया।

कानपुर टीम को मिली थी

सीओ एसटीएफ टीबी सिंह और इंस्पेक्टर एसटीएफ शैलेन्द्र कुमार सिंह को सूचना मिली कि पनकी पड़ाव चौराहे से इंडस्ट्रियल एरिया की ओर जाने वाली सर्विस रोड के पहले अंडरपास पर असलहों का सौदा होने वाला है। जिसमें अवैध कारबाइन, रिवाल्वर और तमंचे का सौदा होगा। इसपर सीओ के नेतृत्व में जाल बिछाया गया और जब शातिर असलहा बेचने के लिए आए तो उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।

फोन के ऑन होते ही

इस पूरे नेटवर्क की जानकारी एसटीएफ को पहले से थी। बिकरू कांड के बाद विकास दुबे, अमर दुबे और प्रभात मिश्रा ने असलहों के अलावा अपने मोबाइल फोन भी परिचित के यहां छोड़ दिए थे। उन्हीं में से एक फोन हाल ही में कुछ समय के लिए ऑन हुआ था। फोन के ऑन होने के साथ ही एसटीएफ को पहली लीड मिली और वह विष्णु कश्यप तक पहुंच गई। वारदात की जानकारी होने के बाद भी किसी आरोपी ने मजबूरी में तो किसी ने दोस्ती निभाने के लिए मदद की। कुल मिलाकर जो लोग पकड़े गए। वे सभी विकास और उसके गैंग के लोगों को शरण देने में पकड़े गए।

मोबाइल फोन से खुलेगा राज

विकास दुबे का आईफोन, अमर दुबे का सैमसंग का फोन और एक ओप्पो का फोन एसटीएफ ने बरामद किया है। इन मोबाइल्स में लॉक लगा हुआ है। इन तीनों फोनों की वैज्ञानिक जांच के लिए फोरेंसिक लैब में भेजा जाएगा। दरअसल इन मोबाइलों में विकास के सारे पॉलिटिकल और क्रिमिनल इविडेंस के साथ ही इनके शरणदाताओं के नाम भी खुलकर सामने आएंगे। साथ ही ये भी जानकारी होगी कि फरारी के बाद उसने किन- किन लोगों से संपर्क किया था? साथ ही खाकी पहनने वाले कितने अधिकारी सामने आएंगे ये मोबाइल की डिटेल मिलने के बाद सामने आएगी।

पुलिस का मूवमेंट शांत होने के बाद

पुलिस हिरासत में आरोपियों ने बताया कि एनकाउंटर के बाद जब पुलिस की गतिविधियां शांत हो गईं तो अभिनव तिवारी उर्फ चिंकू, रामजी उर्फ राधे, अमन शुक्ला और संजय परिहार आश्वस्त हो गए थे कि अब पुलिस उन पर शक नहीं करेगी। इसके बाद संजय परिहार, चिंकू और अमन शुक्ला ने रामजी उर्फ राधे से संपर्क किया। राधे ने कुछ असलहे और कारतूस छिपाने की बात बताई। मोबाइल की भी जानकारी दी।

जनवरी में बेची सेमी ऑटोमेिटक रायफल

जनवरी 2021 में संजय परिहार उर्फ टिंकू व अमन शुक्ला ने एक सेमी ऑटोमेटिक रायफल (.30 स्प्रिंगफील्ड) मय कारतूस और एक डबल बैरल बंदूक (12 बोर) भिण्ड स्थित दावत रेस्टोरेंट और पेट्रोल पंप मालिक सत्यवीर सिंह यादव उर्फ चतुरी यादव के रिश्तेदार मनीष यादव उर्फ शेरू, बंटी यादव रंजीत व मंगल सिंह को बेच दिए थे। इनमें से कुछ असलहों की बरामदगी हो गई है। जबकि कुछ की तलाश की जा रही है।

Posted By: Inextlive