- 2500 से लेकर 3000 तक में कटती हैं पुरानी बाइकें, नई के मिलते हैं 4000 रुपए

- मेन मार्केट के ऑटो पा‌र्ट्स दुकानदारों को बेच देते हैं पा‌र्ट्स, क्राइम ब्रांच के राडार पर

kanpur : शहर में वाहन चोरी की वारदातें तेजी से बढ़ रही हैं। वाहन चोरी की रिपोर्ट तो दर्ज हो रही है लेकिन चोरी किए वाहन पुलिस बरामद नहीं कर पा रही है। इसके पीछे पुलिस का तर्क है कि चोरी किए गए वाहन जिले से बाहर बेचे जा रहे हैं। जो बाइक काफी दिनों तक नहीं बिकती हैं, उन्हें ऑटो लिफ्टर्स स्क्रैप में बेच रहे हैं। जहां गाडि़यों को काट दिया जाता है। इन स्क्रैप कारोबारियों का संपर्क बाजारों में ऑटो मैकेनिक और ऑटो पा‌र्ट्स कारोबारियों से हैं। 2500 से 3000 में चोरी का वाहन खरीदने के बाद ये कारोबारी इनके पा‌र्ट्स को 5000 रुपए तक बेच देते हैं। ये स्क्रैप कारोबारी अब क्राइम ब्रांच के राडार पर आ चुके हैं।

डेली दो टू व्हीलर्स चोरी

पुलिस आंकड़ों के मुताबिक मार्च 2021 से जून 2021 तक 172 टू व्हीलर्स चोरी के केस दर्ज किए गए हैं। पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक कोरोना काल में वाहन चोरी की ज्यादा वारदातें हुईं। ये सारी गाडि़यां अस्पताल, मेडिकल स्टोर्स, जनरल स्टोर्स के सामने से चोरी होने की बात बताई गईं। वहीं कानपुर पुलिस ने 2021 में तीन बार में सिर्फ 38 गाडि़यां बरामद की हैं।

एफआर लगाकर काम खत्म

चोरी की गाड़ी की रिकवरी न होने पर मामले में इंश्योरेंस क्लेम के लिए फाइनल रिपोर्ट लगवाने की टेंशन वाहन स्वामी की रहती है। पुलिस फाइनल रिपोर्ट में सिर्फ इतना लिखती है कि तमाम प्रयास किए गए लेकिन बाइक नहीं मिली। ऐसा प्रतीत होता है कि ऑटो लिफ्टर्स ने बाइक नष्ट कर दी या खुर्द बुर्द कर दी। बस पुलिस का काम खत्म। क्राइम ब्रांच को जानकारी मिली कि चोरी के वाहनों के कटान का काम कानपुर के स्क्रैप मार्केट में हो रहा है। जिसके बाद से टीम ने जानकारी जुटानी शुरू कर दी। इसमें सफलता भी मिली। कई स्क्रैप कारोबारियों से पूछताछ की गई। कानपुर उन्नाव सीमा पर बने स्क्रैप गोदामों में गाड़ी कटान की जानकारी हुई है।

पुलिस एक्टिव हो तो रुके वाहन चोरी

पीडि़त बाइक चोरी की वारदात को दर्ज कराने के लिए थाने जाता है तो उसे रिपोर्ट दर्ज कराने में तीन दिन लग जाते हैं। अगर थाना पुलिस तुरंत एक्टिव हो जाए और तुरंत घटनास्थल की फोटो निकलवाकर वायरलेस कर सीमा पर चेकिंग शुरू करा दी जाए तो वाहन पकड़े जाने की संभावना बढ़ जाती है। लेकिन शक से हर किसी को देखने की आदत की वजह से थाना पुलिस जब तक पीडि़त की बात पर यकीन कर पाती है तब तक चोर गाड़ी लेकर जिले की सीमा से पार हो जाता है।

जिन इलाकों में स्क्रैप के गोदाम हैं, उन इलाकों की पुलिस को अलर्ट रहकर निगाह रखने को कहा गया है।

असीम अरुण, सीपी कानपुर

Posted By: Inextlive