- बारिश न होने से कई इलाकों में धान रोपाई ठिठुरी

- उमसभरी गर्मी में बेहाल रहे लोग, फसलें सूख रही

FATEHPUR: रविवार को चटक धूप निकली, इससे किसानों में मायूसी छायी रही। शाम को शहर व ग्रामीण इलाकों में बादल छाए रहे, इस स्थिति में निराश किसान बारिश की उम्मीदें लगाए रहे कि शायद अगले दिन भगवान इंद्र की कृपा दृष्टि होगी। वैसे उमड़-घुमड़कर बादल आते जाते रहे। किसान आसमानी बारिश के भरोसे भविष्य के सपने बुन रहे हैं।

आषाढ़ माह बीतने को एक सप्ताह से कम समय बचा है, लेकिन झमाझम बारिश की किसान अभी बाट जोह रहे हैं। मौसम का यह हाल रहा तो जनपद में दो तिहाई से अधिक धान की रोपाई नहीं हो पाएगी। एक बार फिर अन्नदाताओं के दिन गर्दिश में आ सकते हैं। शनिवार को तो हल्की बूंदाबांदी भी नहीं हुई थी। सुबह तो ऐसा लगा कि शायद दूर गगन में उमड़घुमड़ रहे बादल जरूर बरसेंगे, लेकिन जैसे-जैसे दिन चढ़ता गया, बारिश की संभावनाएं खत्म होती गईं। दोपहर बाद तो भीषण धूप ने कहर बरपाना शुरू कर दिया।

बच्चों के भरण पोषण का संकट

जिले के किसान अब बारिश न होने से बर्बाद हो गए हैं। इनके पास बच्चों की पढ़ाई तक कराने का बजट नहीं बचा है। इसके पहले गेहूं की फसल बारिश एवं ओलावृष्टि से बर्बाद हो चुकी है। इससे उनके भरण पोषण का संकट था। किसान राम सिंह, कल्लू, रमेश सिंह, सुखदेव सिंह का कहना था कि यदि बारिश नहीं हुई तो किसान सड़क पर आ जाएंगे।

नहरों में भी पानी नहीं

बारिश हो नहीं रही है। वही नहरों में भी पानी नहीं है। 2000 क्यूसेक आवंटन की जगह 500 क्यूसेक पानी ही मिल पा रहा है। इससे आधे से अधिक नहरों में पानी आगे ही नहीं बढ़ा। जो धान किसानों ने किसी तरह रोपित किए, वह बेकार हो रहे हैं।

Posted By: Inextlive